अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के मार्गदर्शन और संरक्षण में होगा विश्व धर्म संसद का आयोजन – यति नरसिंहानंद गिरी

World Parliament of Religions will be organized under the guidance and patronage of Akhil Bharatiya Akhara Parishad and Shri Panchadashnam Juna Akhara - Yeti Narasimhanand Giri

दीपक कुमार त्यागी

  • आज महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को मिली बड़ी सफलता
  • श्रीमहंत रविन्द्र पूरी व श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी को सनातन के हर साधु से भिक्षा मांगने का आदेश दिया
  • श्रीमहंत रविन्द्र पुरी व श्रीमहंत हरि गिरी महराज ने सम्पूर्ण साधु समाज से भी धर्म और मानवता के लिए लड़ने वाले अपने शिष्य का साथ देने का आह्वान किया।
  • स्वामी हरि गिरी महराज ने विश्व धर्म संसद के अस्थाई कार्यालय हेतु ऋषिकेश में भवन आयोजन समिति को दिया।

ऋषिकेश : आज माया देवी मंदिर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पूरी महाराज, श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महराज,मंत्री महेश पुरी, मंत्री शैलेन्द्र गिरी, स्वामी महाकाल गिरी व थानापति हीरा भारती ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के साथ विश्व धर्म संसद की आधिकारिक वेबसाइट का उदघाटन किया।इस वेबसाइट के द्वारा विश्व धर्म संसद की सभी गतिविधियों को पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा। इस अवसर पर विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक डॉक्टर उदिता त्यागी, श्रीअखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, राजू सैनी व प्रवीण महादेव भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि शिवशक्ति धाम डासना में 17,18,19, 20 और 21 दिसंबर 2024 को होने वाली विश्व धर्म संसद श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के मार्गदर्शन और संरक्षण में आयोजित की जाएगी। यह विश्व धर्म संसद
सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है, जो कि सनातन धर्म के सभी अखाड़ों का सबसे प्रमुख लक्ष्य है।

आदिजगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने इसी लक्ष्य के लिए अखाड़े का निर्माण किया था। उन्हीं के द्वारा संन्यासियों को सनातन धर्म व मानवता की रक्षा का आदेश दिया गया था। हमने यति नरसिंहानंद गिरी को महामंडलेश्वर बनाया ही इसलिए है कि वो प्रत्येक संन्यासी और संत को यह याद दिलाए कि सनातन धर्म और मानवता की रक्षा करते हुए भगवदप्राप्ति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है।यदि इस लक्ष्य के लिए हमे अपने जीवन का भी बलिदान देना पड़े तो हम प्रसन्नता से देगे और आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देना सिखाएंगे।

उन्होंने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को इस महान कार्य के लिए सबसे पहले अपना अहंकार त्यागकर सभी संतो और संन्यासियों से भिक्षा मांगने का आदेश दिया, ताकि हर एक संत और संन्यासी को लक्ष्य के साथ जोड़ा जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि यह किसी एक का नहीं बल्कि पूरे संत समाज का कार्य है। इसके द्वारा हम संपूर्ण विश्व को अपनी संस्कृति और धर्म के मूल तत्व को समझा सकेंगे। अगर हम में से कोई एक अपने प्राणों की चिंता छोड़ कर यह कार्य कर रहा है तो हमारा भी यह कर्तव्य है कि हम अपने सभी स्वार्थों, अहंकारो और मतभेदों को त्याग कर उसका साथ दे। उन्होंने पूरे साधु समाज से अपने शिष्य महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का सहयोग करने और साथ देने का आह्वान किया।

श्रीमहंत हरि गिरी महराज ने विश्व धर्म संसद के अस्थाई कार्यालय के लिए ऋषिकेश में एक भवन आयोजन समिति को दिया। इसी के साथ उन्होंने विश्व धर्म संसद के स्थाई कार्यालय के लिए स्थान की व्यवस्था करने का भी आश्वासन आयोजन समिति को दिया।