
रविवार दिल्ली नेटवर्क
फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन ने निर्वाण कांड पढ़ा, तत्वार्थ सूत्र के अंतिम अध्याय का वाचन श्रीमती ऋचा जैन ने किया, जीवीसी श्री मनीष जैन ने अभिषेक और शांतिधारा करने वाले, जबकि ईडी श्री अक्षत जैन ने भोजन व्यवस्था करने वालों को किया सम्मानित, रिद्धि-सिद्धि भवन में शाम को 1008 दीपों से होगी महाआरती, कुलाधिपति आवास- संवृद्धि पर 07 सितंबर-रविवार को प्रातः सात बजे से होगा पारणा, कुलाधिपति परिवार को मिलेगा सैकड़ों श्रावक और श्राविकाओं के आतिथ्य का सौभाग्य
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दिवस एवम् भगवान वासुपूज्य मोक्षकल्याणक महोत्सव पर रिद्धि-सिद्धि भवन में विधि-विधान से विश्व शांति यज्ञ हुआ। प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन शास्त्री के सानिध्य में पंच परमेष्टि पूजन, समुच्चय चौबीसी जिन पूजा, चंद्रप्रभु भगवान पूजन, श्री वसुपूज्य जिन पूजा, अनंतनाथ भगवान जिन पूजा, दशलक्षण पूजा, रत्न त्रय पूजा, सम्यक दर्शन पूजा का अर्घ्य, सम्यक ज्ञान पूजन हुए। फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन ने निर्वाण कांड पढ़ा, जबकि तत्वार्थ सूत्र के अंतिम अध्याय का वाचन श्रीमती ऋचा जैन ने किया। जीवीसी श्री मनीष जैन ने अभिषेक और शांतिधारा करने वाले श्रावक-श्राविकाओं, जबकि ईडी श्री अक्षत जैन ने भोजन व्यवस्था करने वालों को सम्मानित किया। निर्जल उपवास रखने वाले श्रावक-श्राविकाओं को भी श्रीमती ऋचा जैन ने सम्मानित किया। श्रीमती अंजलि सिंघई, श्रीमती निकिता जैन, श्रीमती आरती जैन, डॉ. नम्रता जैन ने अष्ट कुमारियों का सम्मान किया। संग-संग लाडु निर्माण करने वाले श्रावक- श्री सौम्य जैन को सम्मानित किया। साथ ही ब्रहमचारिणी डॉ. कल्पना जैन, भोपाल की सचिन जैन एंड पार्टी, प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन शास्त्री, डिजिटल मार्केटिंग के अंकित जैन आदि को भी सम्मानित किया गया। दूसरी ओर 07 सितंबर रविवार को टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन के आवास- संवृद्धि पर सुबह सात बजे से पारणा होगा, जिसमें जैन फैकल्टीज़ के संग-संग श्रावक-श्राविकाएं शामिल होंगे, जबकि शनिवार की देर शाम को रिद्धि-सिद्धि भवन में 1008 दीपों से महाआरती होगी।
उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दिवस पर स्वर्ण कलश से श्रीजी के अभिषेक का सौभाग्य एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, वीसी प्रो. वीके जैन को मिला। प्रथम स्वर्ण कलश से वीसी, द्वितीय और चतुर्थ स्वर्ण कलश से एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, तृतीय कलश से श्री ऋतिक जैन ने अभिषेक करने का पुण्य कमाया। श्रीजी की प्रथम स्वर्ण शांतिधारा का सौभाग्य ईडी श्री अक्षत जैन को मिला। द्वितीय रजत शांति धारा का सौभाग्य श्री सिद्धार्थ जैन, सौम्या जैन, श्री हर्षित जैन, प्रो. विपिन जैन, श्री अक्षत जैन, श्री अजजीत जैन, श्री आदित्य डाखोरे, श्री आदित्य जैन को मिला। साथ ही अष्ठ प्रातिहार्य का सौभाग्य अष्ठ कन्याओं- अंजलिना, भूमि, स्तुति, शिवानी, मान्या, रिदम, छवि, प्रिंसी आदि को मिला। वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक का प्रथम लाडू चढ़ाने का सौभाग्य प्रो. विपिन जैन, श्री वीर प्रताप जैन, युक्ति जैन, श्री हर्ष जैन, श्री अनमोल जैन, श्री आर्जव जैन, श्री पर्व जैन, श्री वर्धन जैन, चाहत जैन, श्री दिव्यांश जैन, श्री दिव्यांश जैन, श्री सम्यक जैन ने प्राप्त किया। द्वितीय लाडू चढ़ाने का सौभाग्य श्री संभव जैन, श्री विशाल जैन, श्री संयम जैन, श्री गौरव जैन, अनाया जैन, नियति जैन, श्री राजकुमार जैन, श्री अक्षत जैन, श्री निखिल जैन, श्री सुब्रत जैन, पायल जैन, श्री निशंक जैन को मिला। भक्तांबर पाठ का वाचन हर्ष और अर्श जैन ने किया।
दूसरी ओर उत्तम आकिंचन्य धर्म की पर मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और मंगलाचरण के साथ ऑडी में सांस्कृतिक संध्या का श्रीगणेश हुआ। इससे पूर्व दिव्य घोष के बीच श्रीजी की आरती जिनालय से रिद्धि-सिद्धि भवन तक ले जाने का सौभाग्य टिमिट के डीन प्रो. विपिन जैन को मिला। मंगलाचरण नृत्य प्रस्तुति में तीर्थंकरों के गुणों और आदर्शों को दर्शाया गया। टिमिट स्टुडेंट्स ने 30 मिनट की नाट्य प्रस्तुति जियो और जीने दो के जरिए जैन दर्शन का अति महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत किया। हमें स्वयं भी शांति से जीना है और दूसरों को भी जीने का अधिकार देना है। इसमें अहिंसा, करुणा और परस्पर सहयोग का भाव प्रमुख रहे। थीम डांस परफॉर्मेंस यह सामूहिक नृत्य से जैन धर्म के सिद्धांतों को कला के माध्यम से अभिव्यक्त किया। 20 मिनट के नुक्कड़ नाटक में हास्य-व्यंग्य के जरिए सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश दिया। अंतिम वर्ष के जैन छात्रों को स्मृति-चिह्न और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।