रविवार दिल्ली नेटवर्क
ये पल जाने क्यूं गुजर जाते है,
दिल को सदियों का दर्द दे जाते है
जारी कर दिया है। इसे बॉलीवुड म्यूजिक टूडे की आफिशियल साईट पर जाकर यूटयूब पर जाकर देखा जा सकता है। इस गीत को यूटयूब के साथ ही कंपनी के फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम, टवीटर, लिंक्डइन सहित अनके आडियो प्लेटफार्म पर देखा- सुना जा सकता है। इसके पूर्व पोस्टर और टीजर भी सभी सोशल मीडिय़ा प्लेटफार्म पर जारी किए जा चुके थे।
बॉलीवुड़ म्यूजिक टूड़े का गीत ये पल जाने क्यूं गुजर जाते है जारी होने पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस म्यूजिक लेबल द्वारा अनेक सफल और कर्णप्र्रिय गीतों के जारी होने के बाद मिली अपार सफलता के साथ इस संगीत कंपनी ने
येे पल जाने क्यूं गुजर जाते है
दिल को सदियों का दर्द दे जाते है
की सौगात संगीत के प्रेमियों को दी है। जी हां इस खूबसूरत सांग का टीजर और पोस्टर देखने- सुनने के बाद पूरा गीत जारी होने के साथ ही इस गीत का इंतजार करने वालों का इंतजार खत्म हो गया है। दर्द से भरे इस गीत में दो प्रेमियों के बिछडन की कहानी को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया है। युवा प्रेमी की चाहत को सफल न होने देने वाले सामाजिक रूढिय़ों से बंधे एक बाप ने न केवल दो चाहने वालों को बिछडन का दर्द दिया बल्कि अंत में बेटी को जिंदगी से टाटा- बाय बाय करने को भी मजबूर कर दिया। इसमें एक असफल प्रेम कहानी का फिल्मांकन बेहद उम्दा तरीके से किया गया है।
इस गीत के संबंध में बॉलीवुड़ म्यूजिक टुड़े के सीईओ, प्रोडयूसर और गीतकार संजय राकड़े ने बताया कि इस गीत को विशाल बाजपेयी ने अपनी शानदार व जानदार आवाज में गाया है। इसको संगीतबद्ध मकबूल खान ने किया है जबकि रिकार्ड रवि अधिकारी ने किया है। इस गीत की रिकार्डिंग म्हाड़ा अंधेरी मुंबई में की गई है।
इस गीत का वीडिय़ो पाटील वाड़ी चांदीप विरार मुंबई में किया गया है। इसमें मेल कलाकार के रूप में कार्तिक नामदेव और नीतिन पटेल ने अदाकारी की है जबकि फीमेल कलाकार की भूमिका में अर्चनासिंह ने अपना हुनर दिखाया है। डॉयरेक्टर की जिम्मेदारी तालिब सिद्धिकी ने बखूबी निभाई है। असिस्टेंट डॉयरेक्टर के रूप में प्रेम पीरम ने काम किया है। इसके ड़ीओपी तिलोक वैष्णव है। वीडियो एडि़टिंग सौरभ ने की है। मेकअप आर्टिस्ट जहूर सिद्धिकी रहे है। इस के बेनर पोस्टर हानीफ ने डिज़ाईन किए है। इसके पब्लिसिटी हेड़ कालीदास पांडे है। इस गीत के निर्माण में कमरूद्दीन सिद्धिकी, राजू दास और उमेश पाटील की सराहनीय भूमिका रही।