अजय कुमार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षकों के भारी विरोध और विपक्ष के नेताओं द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति को बड़ा मुद्दा बनाए जाने के के चलते प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था को स्थगित कर दिया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ शिक्षक संगठनों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। अब एक कमेटी का गठन होगा जिसमें अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षाविद भी होंगे और फिर इसे लागू किया जाएगा।
गौरतलब है कि बीती आठ जुलाई को यह व्यवस्था लागू की गई थी और तब से शिक्षक लगातार इसका विरोध कर रहे थे। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा और उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने सरकार के इस निर्णय पर खुशी जताई है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक पिछले एक हफ्ते से लगातार इसके विरोध में आंदोलनरत थे। योगी सरकार को अपना फैसला इसलिए भी बदलना पड़ा क्योंकि विपक्षी दल भी शिक्षकों का पक्ष में खड़े हो गए थे। पहले सपा और कांग्रेस ने उनकी आवाज उठाई थी। आज बसपा प्रमुख मायावती ने भी ऑनलाइन अटेंडेंस के खिलाफ बयान दिया था। मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा, बिना तैयारी शिक्षकों पर ऑनलाइन हाजिरी को थोपा जाना ठीक नहीं है। परिषदीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। शिक्षकों के भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं। ऐसे में पहले शिक्षकों के खाली पद भरे जाएं और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए, ताकि अच्छी गुणवत्ता की पढ़ाई सुनिश्चित हो सके। इसी दबाव के चलते 8 दिनों के भीतर योगी सरकार को अपना फैसला पलटना पड़ गया.