रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : मोदी और योगी सरकार का देश की आधी आबादी पर खासा फोकस है। अगर इनके तमाम ड्रीम प्रोजेक्ट पर ध्यान दिया जाए तो ज्यादातर योजनाएं महिलाओं पर केंद्रित हैं ताकि देश की आधी आबादी खासकर ग्रामीण इलाके की सशक्त हो सके। एनडीए की 2.0 सरकार बनने से पहले वर्ष 2016 में मोदी सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के लिए उज्जवला योजना शुरू की थी। यह योजना एनडीए 2.0 सरकार के गठन लिए वरदान साबित हुई और प्रचंड बहुमत से केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बनी। कहते हैं कि दिल्ली में सत्ता का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है। ऐसे में वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले यूपी में योगी सरकार ने हर घर नल, हर घर जल योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाना शुरू कर दिया है ताकि इसका लाभ आगामी लोक सभा चुनाव में मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी खुद कर रहे मॉनिटरिंग
मोदी और योगी सरकार आधी आबादी को लुभाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। इसमें महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ उनकी सहूलियतों का भी बखूबी ध्यान रख रही है। मोदी सरकार ने आधी आबादी से जुड़ी जो भी योजनाएं चलाईं योगी सरकार ने सख्ती से उनको लागू कराया। इसका असर प्रदेश में देखने को भी मिल रहा है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने खासकर ग्रामीण महिलाओं को पानी को लेकर होने वाली समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़ी पहल करते हुए हर घर नल योजना शुरू की। वहीं योगी सरकार ने इस योजना को रफ्तार देते हुए अधिकारियों को रोजाना प्रगति रिपोर्ट देने का आदेश दिया है और वह खुद इसकी मॉनिटरिंग अपने स्तर से कर रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों की एक करोड़ से अधिक जनसंख्या को होगा लाभ
मुख्यमंत्री योगी की मॉनिटरिंग के बाद जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड और विंध्य समेत प्रदेश के 43,909 गांवों में हर घर नल, हर घर जल योजना का काम युद्ध स्तर पर तेज कर दिया गया है। सीएम की मॉनिटरिंग का ही असर है कि अब तक प्रदेश में 40,86,991 फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन एफएचटीसी दिये जा चुके हैं। वहीं इस योजना से ग्रामीण इलाकों की 1,53,87,180 जनसंख्या को लाभ होगा।
योजना से हर घर की महिलाओं को मिल रहा रोजगार
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार हर घर नल योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को बड़ी तादाद में रोजगार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। 4 अगस्त तक प्रदेश की 1 लाख 85 हजार से अधिक महिलाओं ने पानी की जांच का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। वहीं प्रशिक्षित महिलाओं ने पानी के 10 लाख से अधिक सैंपल की जांच पूरी कर ली है। इसके साथ ही करीब 4 लाख 57 हजार महिलाओं को पानी के सैंपल की जांच का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके साथ ही योजना से प्रदेश में प्रत्यक्ष रूप से 7,56,522 रोजगार सृजित किया जा रहा है, इसके तहत प्लंबर, फिटर, ऑपरेटर, केयरटेक, सिक्योरिटी गार्ड संविदा के आधार पर रखे जाएंगे। इससे पहले सभी को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- 43 हजार से अधिक गांव में चल रही योजना
- 40 लाख से अधिक एफएचटीसी कनेक्शन दिये जा चुके अब तक
- 1.5 करोड़ से अधिक ग्रामीण जनसंख्या को होगा लाभ
- 1.85 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं ने पानी का प्रशिक्षण पूरा किया