संजय सक्सेना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रदेश में कार्यरत 98 हजार कर्मचारियों को 30 लाख रुपये के जीवन बीमा का लाभ मिलेगा। असामयिक मृत्यु होने की दशा में उनके परिजनों को यह धनराशि दी जाएगी। एनएचएम की ओर से सभी जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को इसके लिए दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। लंबे समय से बीमा की मांग कर रहे कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल के मुताबिक, ऐसे संविदा कर्मचारी जिनकी आयु 18 वर्ष से कम और 65 साल से अधिक न हो उन्हें इसका लाभ मिलेगा। संविदा कर्मी का अनुबंध राज्य स्वास्थ्य समिति व जिला स्वास्थ्य समिति के साथ अनुबंध होना जरूरी है।
गौरतलब हो, कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स व नान मेडिकल साइंटिस्ट इत्यादि पदों पर भर्ती हुए 7,200 कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। क्योंकि इनका सीधी भर्ती से चयन नहीं हुआ है और न ही राज्य व जिला स्वास्थ्य समिति से अनुबंध है। इसी तरह आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों को भी इसका फायदा नहीं मिलेगा।
ग्रुप टर्म इंश्योरेंस का लाभ दिलाने के लिए सभी विभागाध्यक्ष कर्मचारियों से नामिनी के संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे। कर्मचारी की मृत्यु होने पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक बीमा का लाभ भारतीय जीवन बीमा निगम से दिलाने के लिए परिजनों को दावा करने में मदद और सत्यापन करेगा। यह व्यवस्था बीते 27 मार्च से लागू मानी जाएगी। इस तारीख के बाद जिन संविदा कर्मियों की मृत्यु हुई है, वह इसका लाभ ले सकते हैं। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय कहते हैं कि बीते फरवरी महीने में 12 हजार पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भेजे गए थे। आंदोलन भी किया गया था। आखिरकार अब बीमा का लाभ दिए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं,जिसके लिये हम योगी सरकार को धन्यवाद देते हैं।