अजय कुमार
लखनऊ : प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या की लोकसभा सीट जीत कर गद्गद समाजवादी पार्टी के लिये उसकी पार्टी के एक बड़े मुस्लिम नेता का गैंग रेप में नाम सामने आने के बाद पहली बार बैकफुट पर नजर आ रही सपा को एक और झटका देकर पीछे ढकेलने के लिये यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या की मिल्कीपुर विधान सभा सीट के लिये ठोस रणनीति बना रहे हैं। इसी के साथ प्रदेश की अन्य नौ सीटों पर भी होने वाले उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए सरकार और संगठन ने कमर कस ली है। अयोध्या की मिल्कीपुर व अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट जिताने की कमान खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाली है। उप चुनाव के लिये योगी ने जो ‘टीम 30‘ बनाई थी उसकी लगातार योगी के साथ बैठकें चल रही हैं। अयोध्या और अंबेडकरनगर के अलावा भाजपा कोर कमेटी के चार अन्य सदस्यों को भी दो-दो सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को प्रयागराज की फूलपुर,मिर्जापुर की मझंवा, ब्रजेश पाठक को कानपुर की सीसामऊ और मैनपुरी की करहल की, इसी प्रकार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चैधरी को मीरापुर (मुजफ्फरनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद) की और धर्मपाल को खैर (अलीगढ़) व गाजियाबाद सदर की सीट जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा के लिए अयोध्या की मिल्कीपुर सीट जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न है। इस सीट से सपा विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने मौजूदा सांसद लल्लू सिंह को हराया था। उपचुनाव में यह सीट जीतकर भाजपा लोकसभा चुनाव में मिले जख्म को भरना चाहती है। इसलिए मुख्यमंत्री ने खुद इस सीट का चुनावी प्रबंधन अपने हाथ में लिया है। मुख्यमंत्री लगातार अयोध्या के दौरे भी कर रहे हंै।
मुख्यमंत्री की ‘टीम 30‘ के साथ अब तक तीन बैठकें हो चुकी हंै। इस बार की बैठक की खास बात यह रही कि पहली बार दोनों डिप्टी सीएम के अलावा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल भी शामिल हुए। बैठक में संगठन के उन पदाधिकारियों को भी बुलाया गया, जिनको उपचुनाव की तैयारियों के लिए मंत्रियों के साथ अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जिम्मेदारी दी गई है।
बात समाजवादी पार्टी की कि जाये तो विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सपा ने प्रत्याशियों को संकेत देने शुरू कर दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद और कटेहरी से सांसद लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को मैदान में उतारने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा उपचुनाव घोषित होने के बाद ही की जाएगी।
यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से एक सीट सीसामऊ (कानपुर) से सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है, जबकि नौ विधायक अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं। इनमें से पांच सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटहेरी और कुंदरकी अभी सपा के पास थीं, जबकि खैर, गाजियबाद और फूलपुर सीट भाजपा, मझवा निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद ने जीती थीं। सपा सूत्र बताते हैं कि करहल से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव का लड़ना तय है। सीसामऊ से इरफान सोलंकी के परिवार के ही सदस्य (मां या पत्नी) को चुनाव लड़ाने पर सहमति बन गई है। सूत्रों का कहना है कि कुंदरकी से पूर्व एमएलए हाजी रिजवान और मीरापुर से पूर्व सांसद कादिर राणा को भी इशारा कर दिया गया है। शेष चार सीटों पर अभी मंथन चल रहा है। इनमें से दो सीटें इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में भी जा सकती हैं।