प्राचीन पहाड़ी लोक संस्कृति के सरंक्षण को आगे आए सिरमौर के युवा

Youth of Sirmaur came forward to preserve the ancient hill folk culture

रविवार दिल्ली नेटवर्क

प्राचीन पहाड़ी लोक संस्कृति के सरंक्षण को आगे आए सिरमौर के युवा गीतमाला नामक एल्बम से अबतक 1 मिलयन हुए फॉलोवर्स गीतमाला 2 का किया लोकार्पण ,प्राचीन नाटियों ,झूरी को किया है शामिल

सिरमौर : सिरमौर जिला अपनी समृद्ध लोक संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां पर अनेक प्रकार की नाटियां ,झूरी इत्यादि समय समय पर आकर्षण का केंद्र रही हैं। आधुनिक दौर में इस समृद्ध संस्कृति को संजोय रखने के लिए अब शिलाई क्षेत्र के युवा आगे आये हैं। शिलाई के इन युवाओं ने अपना एक संगीत समूह बनाकर प्राचीन नाटियों को लेकर एक वीडियो अल्बम गीतमाला निकाला जोकि आज यु ट्यूब पर एक मिलियन तक पहुंच गया है। इसकी लोक प्रियता से उत्साहित होकर इन्होने गीतमाला 2 को लांच किया है।

समूह के शुभम शर्मा ने बतायाकि जिला की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के उदेशीय से उन लोगो ने प्रयास किया है जोकि लोगो ने बहुत पसंद किया है और अब वो गीतमाला 2 लेकर आये हैं।

शुभम शर्मा ने बतायाकि अपनी साँस्कृतिक धरोहर के सरंक्षण को लेकर यह गीतमाला बनाई गयी जोकि प्राचीन नाटियों पर आधारित थीं जिन्हे लोगो ने बहुत पसंद किया और अब वो इसका दूसरा संस्करण लाये हैं। उनका उदेशीय संस्कृति को संजोने व् आने वाले पीढ़ी को इस बारे जागरूक करना है।

समूह के किरनेश पुंडीर ने बतायाकि सभी लोगो को जिला की संस्कृति से रूबरू करवाने के उदेशीय से यह सामूहिक प्रयास किया गया है जोकि बहुत पसंद किया गया है। ये लोग आगे भी इस तरह के प्रयास जारी रखेंगे।

उल्लेखनीय हैकि इन युवाओ की कोशिश को सराहा गया है और अब ये दूसरे संस्करण को लाये हैं जोकि प्राचीन नाटियों पर आधारित है।