इंद्र वशिष्ठ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पुलिस को अब प्रतिक्रियावादी (रिएक्टिंग) और जवाबी (रेस्पांसिंग) पुलिसिंग से आगे बढ़ कर सुरक्षात्मक (प्रिवेंटिव), सक्रिय (प्रोएक्टिव )और पूर्वानुमानित (प्रिडिक्टिव) पुलिसिंग को अपनाना होगा।
आतंकवाद के खिलाफ अब शून्य बर्दाश्त (जीरो टॉलरेंस) की नीति से आगे बढ़कर जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटेजी/रणनीति और जीरो टॉलरेंस एक्शन/ कार्रवाई की ओर आगे जाना होगा।
अपराधियों से दो कदम आगे-
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 27 अक्टूबर 2023 को सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में 75 आर आर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में आंतरिक सुरक्षा को संभालने में टेक्नोलॉजी का बहुत अहम रोल रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना का उद्देश्य भारतीय पुलिस सेवा को टेक्नोलॉजी की दृष्टि से विश्व में सबसे सुसज्जित बनाना, टेक्नोलॉजी का प्रैक्टिकल उपयोग पुलिसिंग और आतंरिक सुरक्षा संभालने में कैसे किया जाए और पुलिस हमेशा तकनीकी रूप से क्रिमिनल से दो कदम आगे कैसे रह सकती है, इस प्रकार की व्यवस्था तैयार करना है।
नई चुनौतियां-
अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और नक्सली हिंसा पर हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के प्रयासों के कारण हमें नकेल कसने में सफलता मिली है। लेकिन हमारी चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, साइबर क्राइम, इंटरस्टेट और इंटरनेशनल फाइनेंशियल क्राइम, इंटरस्टेट गैंग्स जैसी कई नई चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। मादक पदार्थों की तस्करी, क्रिप्टो करेंसी से देश के अर्थतंत्र को कमज़ोर करने, हवाला कारोबार और नकली नोटों के कारोबार जैसी चुनौतियों के खिलाफ भी हमें अपनी लड़ाई इतनी ही शिद्दत से जारी रखनी है।
अंग्रेजों के कानून खत्म-
गृहमंत्री ने कहा कि सरकार ने अंग्रेजों के शासन के समय के तीन कानूनों- सीआरपीसी, आईपीसी और एविडेंस एक्ट में आमूल चूल परिवर्तन कर तीन नए क्रिमिनल लॉ देश की संसद के सामने रखे हैं। जल्द ही इनके आधार पर हमारे नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की शुरुआत होगी।
अंग्रेजों के समय पुराने कानूनों का उद्देश्य शासन को सुरक्षित रखना था लेकिन नए कानूनों का उद्देश्य जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखना और उन अधिकारों तक जनता की पहुंच में आने वाली बाधाओं को समाप्त करना है। ज़मीनी स्तर पर इन नए कानूनों को उसके वास्तविक आशय और भावना में लागू करना इन अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है, जिन्हें इन कानूनों की भावना को समझ कर जनता को सुरक्षित भी रखना है और उनके अधिकारों की रक्षा भी करनी है।
अपराध की नई व्याख्या
नए कानून में आतंकवाद और ऑर्गेनाइज़्ड क्राइम की नई व्याख्या की गई है, अंतरराज्यीय गिरोहों को समाप्त करने के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा तकनीकी प्रावधानों को कानूनी जामा पहनाकर पुलिस को सशक्त किया गया है, जांच प्रक्रिया को डिजिटाइज किया गया है, इन्वेस्टिगेशन चार्जशीट की टाइमलाइन को फॉलो करने और फॉरेंसिक प्रावधान के लिए भी उचित व्यवस्था की गई है। नए कानूनों में सज़ा दर बढ़ाने के लिए समयबद्ध योजना तैयार की गई है। इन कानूनों के माध्यम से न्याय व्यवस्था में भी कई बदलाव किए गए हैं।
गृह मंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से प्रतिक्रियावादी (रिएक्टिंग) और जवाबी (रेस्पांसिंग ) पुलिसिंग से आगे जा कर, सुरक्षात्मक (प्रिवेंटिव), पूर्वानुमानित ( प्रीडेक्टिव) और सक्रिय (प्रोएक्टिव ) पुलिसिंग और बदलते परिवेश में समय के साथ पुलिस व्यवस्था को बदलने के लिए भी आगे बढ़ने के लिए कहा।
प्रचार का मोह त्यागें-
अमित शाह ने कहा कि हमें प्रसिद्धि के मोह में पड़े बिना अपनी ड्यूटी पर केंद्रित होकर आगे बढ़ना चाहिए।
पुलिस अधिकारियों को तैनाती के स्थान की स्थानीय भाषा, परंपरा और इतिहास का सम्मान करते हुए लोगों के साथ संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए और किताबी दृष्टिकोण से ऊपर उठकर कानून की भावना को समझ कर आगे बढ़ना चाहिए।
महिला आईपीएस ने रचा इतिहास-
अमित शाह ने कहा की सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी का अवार्ड एक महिला अधिकारी को मिला है यह हमारे देश के लिए बहुत गर्व की बात है। अकादमी के इतिहास में पहली बार एक महिला प्रशिक्षु अधिकारी रंजीता शर्मा को आईपीएस एसोसिएशन का पुरस्कार ‘सम्मान की तलवार’ (सॉर्ड ऑफ ऑनर) जीतने का मौका मिला है।
रंजीता शर्मा हरियाणा में रेवाड़ी ज़िले के गाँव डहीना की निवासी हैं।
वन डाटा, वन एंट्री –
सरकार ने पिछले 9 सालों में वन डाटा, वन एंट्री के सिद्धांत के साथ आंतरिक सुरक्षा के हर क्षेत्र में डेटाबेस को बनाने का काम किया है। विभिन्न डेटाबेस में इंटीग्रेशन तथा आपस में कम्युनिकेशन की व्यवस्था भी की जा रही है। अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों से इन सभी डेटाबेस और एनालिटिक टूल्स के माध्यम से काम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर पुलिस को हमेशा दो कदम आगे रखने के लिए कहा।
( इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)