
समीक्षक: अंबिका कुशवाहा ‘अम्बी’
नृपेंद्र अभिषेक नृप हिंदी साहित्य के एक चमकते सितारे हैं, जिनकी लेखनी ने बिहार के छपरा जिले से निकलकर साहित्य जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनकी पांचवीं कृति, ज़िंदगी का उजास, एक ऐसा कहानी संग्रह है, जो मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक यथार्थ, और जीवन के विविध रंगों को बखूबी उकेरता है। यह संग्रह उनकी बहुमुखी प्रतिभा का जीवंत प्रमाण है। नृपेंद्र जी एक मानवतावादी लेखक है और उनकी रचनाएं सामाजिक सरोकार से जुड़ी होती है।
‘जिंदगी का उजास’ पुस्तक भावनाओं और मानवीय संवेदनाओं का दर्पण है। यह पुस्तक लोगों के जीवन, उनकी समस्याओं तथा आकांक्षाओं और मानवीय संघर्षों का जीवंत दस्तावेज है। ज़िंदगी का उजास में शामिल कहानियाँ जीवन की सादगी और जटिलता को एक साथ पिरोती है। इनकी लेखन शैली सरल, प्रवाहमयी, और भावनात्मक रूप से गहन है, जो पाठकों को कहानी के पात्रों और परिस्थितियों से गहराई से जोड़ती है। प्रत्येक कहानी में जीवन के उजास (प्रकाश) को तलाशने की कोशिश दिखती है, चाहे वह संघर्ष हो, प्रेम हो, या सामाजिक परिवर्तन।
नृपेंद्र अभिषेक नृप की सबसे बड़ी ताकत उनकी कहानियों में पात्रों का जीवंत चित्रण और कथानक की प्रामाणिकता है। उनकी कहानियाँ न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर विचार करने के लिए भी प्रेरित करती हैं। संग्रह की शीर्षक कहानी “ज़िंदगी का उजास” मनोवैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत करता है, जो व्यस्त जीवन में मानसिक स्वास्थ और आत्मविश्वास के संतुलन को अहमियत देता हैं।
जो जीवन के कठिन पलों के साथ नई शुरुआत का स्वागत करती है।
इस संकलन की कहानी “त्याग का दीपक” में शहर के संघर्ष और गरीबी को चित्रित किया गया है। यह कहानी एक साधारण घरेलू महिला के अपने पति के संघर्ष में साथ देने और माता-पिता के त्याग व बलिदान के माध्यम से बेटी को अपनी मंजिल प्राप्त करने की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाती है।
“माटी की याद” कहानी आरम्भ में गांव की सुंदरता का चित्रण एक प्रभावी और भावनात्मक आधार प्रदान करता है। यह ग्रामीण जीवन की सादगी, प्राकृतिक सौंदर्य, और सामुदायिक एकजुटता को दर्शाता है। कहानी जीवन संघर्ष की संवेदनाओं को दिखाती है। जो आधुनिक जीवन की आवश्यकताओं और व्यक्तिगत जड़ों से अलगाव के बीच का द्वंद्व है। जो एक यथार्थवादी चित्रण है, जो आज के समय में कई लोगों की जिंदगी को दर्शाता है, जहां नौकरी, शिक्षा, या अन्य जिम्मेदारियों के लिए लोग अपने गांव और परिवार को छोड़कर शहरों की ओर पलायन करते हैं। जो कहानी को समकालीन और प्रासंगिक बनाता है। आधुनिकता के प्रभाव में संस्कृति और संस्कारों का विलुप्त होना कहानी का सबसे शक्तिशाली और विचारोत्तेजक तत्व है। जो समाज के सामने एक दर्पण रखता है, जो हमें अपनी जड़ों और मूल्यों के प्रति सचेत करता है। यह तत्व कहानी को न केवल भावनात्मक, बल्कि वैचारिक स्तर पर भी प्रासंगिक बनाता है।
इसी तरह “प्रेम का आभासी पुल” कहानी आधुनिक प्रेम, टेक्नोलॉजी, और व्यक्तिगत अंतरों को केंद्र में रखता है। कहानी में प्रेम का चित्रण समकालीन और विचारोत्तेजक है। यह आधुनिक रिश्तों की जटिलताओं जैसे ऑनलाइन डेटिंग, व्यस्त जिंदगी, और वैचारिक अंतर को प्रभावी ढंग से दर्शाता है। प्रेम का धीमा विकास और अंत में मिलन यथार्थवादी और संतोषजनक है। लेखक ने कुशल और गंभीर संवाद के माध्यम से प्रेम के भावनात्मक पहलू को गहराई दी है। जो आज के जीवन की सच्चाई लगती है।
“भावनाओं का खेल” कहानी वर्तमान समय के सतही प्रेम पर आधारित है, जो आधुनिक रिश्तों की जटिलता और भावनात्मक ठेस को दर्शाती है। कहानी समकालीन और यथार्थवादी है, जो आज के रिश्तों में विश्वासघात और सच्चे प्यार के बीच की खाई को प्रभावी ढंग से दिखाती है। विश्वासघात से लेकर आत्मशक्तिकरण का मार्ग पाठक के लिए प्रेरणास्रोत बनती है।
इस तरह, “तेरा अक्स” और “बसंती दुपट्टा” सच्चे प्रेम की परिभाषा गढ़ती है। यहां प्रेम सिर्फ भावनाओं का खेल नहीं, बल्कि आत्मिक गहराई भी है। ये कहानियां समर्पण, विश्वास और सब्र सकारात्मकता प्रस्तुत करती है।
“जिंदगी का उजास” संग्रह की चौदह कहानियाँ मानवीय संवेदनाओं की गहराई को छूती हैं, जो पाठकों को जीवन की वास्तविकता से रू-ब-रू कराती हैं। हर कहानी एक अनूठा दर्पण है, जो खुशी, दर्द, संघर्ष और उम्मीद की जीवंत तस्वीर पेश करती है। ये रचनाएँ न केवल हृदय को झकझोरती हैं, बल्कि आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती हैं। ये कहानियाँ पाठकों को प्रेरणा देती हैं कि जीवन की हर चुनौती के बीच भी उजास की किरण छुपी होती है, जिसे संवेदनशीलता और साहस के साथ खोजा जा सकता है। इस तरह, यह संग्रह जीवन के प्रति एक नया नजरिया और आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है।
यह पुस्तक आधुनिक हिंदी साहित्य की एक अनमोल कृति है। नृपेंद्र जी ने अपनी लेखनी की ताकत से पन्नो पर पात्रों को जीवंत कर दिया है, जो पाठकों के हृदय तह को तृप्त करती है।
पुस्तक: जिंदगी का उजास
लेखक: नृपेन्द्र अभिषेक “नृप”
प्रकाशन: समृद्धि पब्लिकेशन, दिल्ली
मूल्य: 260 रुपये
प्रथम संस्करण : वर्ष 2025