जोहरान ममदानी: न्यूयार्क गवर्नर की क्रांतिकारी जीत

Zohran Mamdani: The New York Governor's Revolutionary Victory

प्रो. नीलम महाजन सिंह

एक मूल निवासी रेड इंडियन अमेरिकी प्रमुख, ‘टेकुमसेह’ (Tecumseh) ने कहा, “मैं एक जंगली हूँ और समझ नहीं सकता,” तो वे अपने लोगों और यूरोपीय उपनिवेशवादियों के बीच, खासकर प्रकृति के साथ उनके संबंधों में व्यापक सांस्कृतिक अंतरों को उजागर करने के लिए व्यंग्य का प्रयोग कर रहे थे। यह वाक्यांश इस बात पर ज़ोर देता है कि रेड इंडियन प्रमुख, का विश्वदृष्टिकोण, जो भूमि के साथ सामंजस्य बिठाकर रहने पर आधारित है, उपनिवेशवादियों की भौतिकवादी व विनाशकारी प्रथाओं के लिए समझ से परे है। वे ‘जंगली’ लेबल को स्वीकार कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल उपनिवेशवादियों द्वारा अक्सर उनके दृष्टिकोण की मूर्खता को उजागर करने के लिए किया जाता था। संयुक्त राज्य अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस, जिसे बोलचाल की भाषा में ‘चौथी जुलाई’ (4th July) के रूप में जाना जाता है, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संघीय अवकाश है जो 4 जुलाई, 1776 को स्वतंत्रता की घोषणा को अपनाने और संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

1776 का वह दिन जब फिलाडेल्फिया में द्वितीय महाद्वीपीय कांग्रेस द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा को अपनाया गया था।अमेरिकी क्रांति के दौरान, 1776 में तेरह उपनिवेशों का ग्रेट ब्रिटेन से कानूनी अलगाव वास्तव में 2 जुलाई को हुआ था, जब द्वितीय महाद्वीपीय कांग्रेस ने स्वतंत्रता के एक प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए मतदान किया था, जिसे जून में वर्जीनिया के रिचर्ड हेनरी ली ने प्रस्तावित किया था, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका को ग्रेट ब्रिटेन के शासन से स्वतंत्र घोषित किया गया था। इस निर्णय की व्याख्या करने वाला एक वक्तव्य था, जिसे पाँच सदस्यीय समिति ने तैयार किया था, जिसने थॉमस जेफरसन से इसका पहला मसौदा तैयार करने के लिए कहा था। इसी प्रकार जोहरान ममदानी की न्यूयॉर्क के गवर्नर बनने की जीत ने, डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा एक क्रांतिकारी संदेश दिया है। ‘अपना टाइम आ गया, खुशी से झूम रहे मुसलमान’, ममदानी ने अपनी जीत पर कहा। जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी मेयर चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 34 वर्षीय डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट, ममदानी न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम व साउथ एशियाई मेयर बने हैं। उनकी जीत को अमेरिकी मीडिया ने व्यापक कवरेज दी है।

डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ममदानी ने ट्रंप समर्थित पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा को हराकर मेयर का चुनाव जीता है। अमेरिका के लगभग सभी अखबारों और न्यूज वेबसाइट्स ने जीत के बाद की उनकी तस्वीरें फ्रंट पेज पर लगाई हैं। ममदानी की जीत से खौफ में क्यों हैं, वाॅल स्ट्रीट के इन्वेस्टर्स? ममदानी की जीत को शानदार बताते हुए सीएनएन ने लिखा, ‘न्यूयॉर्क सिटी में डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट जोहरान ममदानी की जीत ने इस साल दूसरी बार, पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराया है। पहले डेमोक्रेटिक प्राइमरी में, और फिर आम चुनाव में, जहां कुओमो ने ट्रंप के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। सीएनएन ने आगे लिखा, ‘ममदानी ने अपनी प्रगतिशील विचारधारा व कोई नया चेहरा ढूंढ रहे वोटर्स को आकर्षित करने की कोशिश के चलते, राष्ट्रीय स्तर पर भारी ध्यान खींचा है। न्यूयॉर्क सिटी में, उन्होंने लोगों से कहा कि वो महंगाई कम करेंगे जिससे लोगों का ध्यान उनपर गया। अगर ममदानी अपने वादों पर खरे उतरते हैं, तो यह न्यूयॉर्क सिटी को उन अमेरिकी शहरों के लिए एक आदर्श मॉडल (ब्लूप्रिंट) बना सकता है जहां जीवन-यापन की लागत तेज़ी से बढ़ी है। अमेरिकी मीडिया लिखता है कि ममदानी की सफलता 2028 के राष्ट्रपति प्राइमरी चुनाव से पहले, उन्हें प्रगतिशील नेताओं के खिलाफ एक चेतावनी के उदाहरण के रूप में पेश किया जा रहा है। न्यूयॉर्क पोस्ट ने ममदानी की कवर पेज पर फोटो लगाते हुए हेडिंग दी है- आने यूयर मार्क्स, गेट सेट ज़ो’ (‘On your Marx, get set, Zo!’)। न्यूयॉर्क पोस्ट ने यह हेडिंग ट्रंप के उस तंज के संदर्भ में दिया है जिसमें उन्होंने ममदानी को कम्यूनिस्ट कहा था। ‘लेफ्ट-विंग के बैकबेंचर राज्य विधानसभा के मेंबर जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अख़बार ने लिखा, “ममदानी ने राजनीति के दिग्गज एंड्रयू कुओमो और कर्टिस स्लिवा को करारा सबक सिखा दिया”। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस युवा डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ने शहर में बढ़ती महंगाई पर लगातार ध्यान केंद्रित करके अपनी लोकप्रियता बनाए रखी, भले ही आलोचकों ने उनके टैक्स बढ़ाने व खर्च बढ़ाने के प्रस्तावों पर असहमति जताई थी। उनका संदेश जीत गया। ममदानी की जीत पर न्यूयॉर्क सिटी के मुसलमानों की भी राय शामिल की है। अख़बार ने खबर को हेडिंग दी है- ममदानी की जीत से न्यूयॉर्क के मुसलमानों में खुशी की लहर, बोले, ‘अपना टाइम आ गया है’। दी वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि ममदानी जीत गए हैं लेकिन उनके सामने मुश्किलें भी बड़ी हैं।

अपने लेख में लिखा, ‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट व राज्य विधानसभा सदस्य जोहरान ममदानी को न्यूयॉर्क का अगला मेयर चुना गया है. उन्होंने ऐसा इलेक्शन कैंपेन चलाया जिसने नए व असंतुष्ट मतदाताओं को जोड़ते हुए शहर के वोटर्स में विस्तार किया है। न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर, ममदानी एक ऐसे शहर में पले-बढ़े जिसे प्रवासियों ने बनाया व जहां के बहुत से लोग डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की कठोर प्रवर्तन नीतियों का सख्त विरोध करते हैं। ज़ोहरान ममदानी की जीत क्यों मायने रखती है: यह कैसे हुई, इसका क्या मतलब है? पत्रकार ई.जे. डायोन, जूनियर (E.J Doyen Jr) ने कहा, ममदानी के व्यापक मतदाताओं से जुड़ने व नए मतदाताओं को सक्रिय करने की क्षमता दिखाई व उनके मुद्दों पर सीधी बात की। ममदानी की चुनावी जीत कुशल अभियान आयोजन व सोशल मीडिया, वीडियो पर उनकी असाधारण महारत से प्रेरित थी। एक डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में उन्होंने न ही गति व सम्मान अर्जित किया है, बल्कि अपने संभावित विरोधियों की कमज़ोरी को भी उजागर किया है। न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी, 2 जुलाई, 2025 को मैनहट्टन, न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में होटल व गेमिंग ट्रेड्स काउंसिल, न्यूयॉर्क स्टेट नर्सेस एसोसिएशन व सिटी सेंट्रल लेबर काउंसिल सहित शहर के श्रमिक संघों के नेताओं और सदस्यों के साथ एक प्राथमिक जीत समारोह में भाषण मे देखा गया। ज़ोहरान ममदानी को अपनी जीत का जश्न मनाते हैं, प्रेस पूल के सवालों के जवाब देते हुए व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ममदानी को गिरफ़्तार करने की धमकी देने वाली टिप्पणियों के प्रति अपने विरोध को स्पष्ट करते हुए, समझदार नेता के रूप में देखा जा रहा है। “अगर मैं यहां पहुँच सकता हूँ, तो मैं कहीं भी पहुँच सकता हूँ।” फ्रैंक सिनात्रा (Frank Sinatra) की क्लासिक ‘न्यूयॉर्क, न्यू यॉर्क’ में की गई उत्साहपूर्ण घोषणा कई क्षेत्रों पर लागू हो सकती है। जॉन वी. लिंडसे, रूडी गिउलिआनी और माइकल ब्लूमबर्ग भी राजनीतिक प्रत्याशी हैं। सारांशार्थ न्यूयॉर्क शहर के चुनावों में जो कुछ भी होता है, उसके महत्व को ज़रूरत से ज़्यादा आंकना एक पुरानी आदत है, जिसकी जड़ें शहर की राजनीति से प्रेरित आकर्षण व मीडिया केंद्र में इसकी भूमिका से मिलने वाली कवरेज में हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी बात 33 वर्षीय राज्य विधानसभा सदस्य ज़ोहरान ममदानी द्वारा 67 वर्षीय पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को करारी शिकस्त देने के महत्व को कम नहीं करती। ममदानी की जीत असाधारण व शिक्षाप्रद है। वह निश्चित रूप से एक ‘पीढ़ीगत प्रतिभा’ के लाभार्थी हैं। जीतने पर आश्चर्यचकित हुए कठोर राजनीतिक योद्धाओं भी, जोहरान ममदानी की प्रशंसा कर रहे हैं। उनकी जीत भारतीय युवा पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है।बराॅक ओबामा का नारा, ‘येस, वी केन डू इट’ (Yes we can do it), सभी युवाओं को प्रेरणा देता है। यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि ममदानी कहीं से भी आए हों; जैसा कि एम्मा जी. फिट्ज़सिमन्स, एलेक्स लेमोनिडेस व इरिनेओ कैबरेरोस ने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखा है, “ममदानी ने ऐसी चीज़ की अध्यक्षता की, जो न्यूयॉर्क शहर ने पहले कभी नहीं देखी थी: मेयर के लिए एक विजयी शहरव्यापी अभियान, जो कुछ ही महीनों में शून्य से जीत बना।”

प्रो. नीलम महाजन सिंह (वरिष्ठ पत्रकार, अमरीकन इतिहासकार, दूरदर्शन व्यक्तित्व, सॉलिसिटर फॉर ह्यूमन राइट्स संरक्षण व परोपकारक)