उत्तराखंड की मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार को बताया कि राज्य में चारधाम यात्रा सुगम एवं सुचारू रूप से संचालित हो रही है और सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया गया है कि यात्री सिर्फ पंजीकरण के बाद ही यात्रा पर आएं।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ डिजिटल बैठक में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सभी राज्यों विशेषकर पांच प्रमुख राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि सिर्फ पंजीकरण के बाद ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आएं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से जिस तिथि का पंजीकरण हुआ हो, उसी तिथि पर आने का आग्रह किया गया है। रतूड़ी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से सबसे अधिक यात्री चारधाम पर आते हैं। उन्होंने कहा कि चारों धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 31 मई तक चारधाम यात्रा के ‘ऑफलाइन’ पंजीकरण पर भी रोक लगाई गई है।
मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि इस वर्ष यमुनोत्री में 1,38,537 श्रद्धालुओं ने यात्रा के पहले 10 दिन में दर्शन किए और यह आंकड़ा गत दो वर्षों से 127 प्रतिशत अधिक है। गंगोत्री धाम में पहले 10 दिन में 1,28,777 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जो गत दो वर्षों से 89 प्रतिशत अधिक है। केदारनाथ धाम में इस वर्ष पहले 10 दिन में 3,19,193 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जो गत 2 वर्षों से 156 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार बद्रीनाथ धाम में इस वर्ष पहले 10 दिन में 1,39,656 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जो गत दो वर्षो से 27 प्रतिशत अधिक है।
केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने चारधाम यात्रा के लिए केंद्र से हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए मुख्य सचिव को धामों, यात्रा मार्गों एवं ठहराव स्थलों में यात्रियों की रिपोर्ट प्रतिदिन गृह मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जरूरत पड़ने पर यात्रा मार्ग पर भीड़ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मदद लेने के भी निर्देश दिए। केंद्रीय गृह सचिव ने भविष्य में चारधाम यात्रा प्रबंधन की रणनीति बनाने के लिए एक समिति गठित करने को भी कहा। उन्होंने जमीनी स्तर पर यात्रा प्रबन्धन पर कड़ी निगरानी पर भी विशेष जोर दिया।