विनोद तकियावाला
महाराष्ट्र के नागपुर जिसे संतरो के शहर अथार्त ऑंरेज सिटी के नाम जाना जाता है । विगत दिनों यहाँ पर 108 वी विज्ञान कांग्रेस का भव्य आयोजन राष्ट्रीय संत तुकोड़ी जी महाराज विश्वविधालय के परिसर में दिनांक 3 जनवरी 23 से 7 जनवरी 23 किया गया।इस कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम किया।आप को बता दे कि इस 108राष्ट्रीय विज्ञान कांगेस देश की विकाश में अपनी सफलता के नये आयाम स्थापित करेगा। कार्यक्रम की सफलता हेतु केन्द्र सरकार के विज्ञान व प्रोधोयोगिकी मंत्रालय भारत सरकार व आयोजक राज्य महाराष्ट्र सरकार के अलावे कई विभागो जैसे – डी आर डी० ओ ‘सी आई सी आर,इससे,नीरी आदि का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु लम्बे समय से तैयारीयाँ दिन रात युद्ध स्तर परचल रही थी। विज्ञान एवं प्रोधोगिक मंत्रालय भारत सरकार के साथ स्थानीय आयोजक महाराष्ट्र सरकार भी दिन रात तैयारी में लगी है।हमें पी आई बी के सौजन्य से इस सेमीनार में प्रेस कवरेज करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। नेशनल मीडिया टीम का कुशल नेतृत्व मार्ग दर्शन पी आई वी के वरिष्ट अधिकारी अपर महार्निदेशक शुंभनाथ चौधरी जी कर रहे है।जो इस यात्रा के सम्बन्धी वस्तु स्थिति से अवगत कराते रहते थे।उदाहरण स्वरुप-प्रेस टीम की सूची का चयन/एयर टिकट-के लिए व अन्य सहायता हेतू मेहरोली स्थित राजकुमार जोशी का सम्पर्क भी उपलब्ध कराया दिया।राजकुमार जोशी से मेरी कई बार बात हुई जिससे स्पष्ट हो गया कि वे एक कुशल वैजानिक ही नही ब्लकि बेहद ही संजीदा ईसान है।जो कि मदद करने को हमेशा ही तत्पर रहते है। हम प्रेस टीम के सदस्यों के साथ एक दिन पूर्व नागपुर पहुँच गये थे।
आप को बता दे कि मै आज प्रातःकाल में अपने निवास से पी आई वी के वरिष्ट अधिकारी शंभनाथ चौधरी के कुशल नेतृत्व में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे।जहाँ पहले से भव्य सुसज्जित मंच पर कई गणमान्य अतिथि विराजमान थें ‘जो मंच की शोभा मे चार चाँद लगा रहे थें।आज के कार्यक्रम की आगाज विज्ञान गीत के आरम्म हुआ।महाराष्ट्र के उपमुख्य मंत्री फड़नविस ने अतिथियो का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस का यहअधिवेशन भारत का नया इतिहास लिखेगा।आज के सम्मेलन की विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक महिला सावत्री वाई फूले को याद किया।उन्होने कहा कि विज्ञान तकनीकी लिगं भेद नही करते हुए सभी को सम्मान अवशर प्रदान करता है।प्रत्येक भारतीय के लिए यह अधिवेशन यादगार होगा।नारी शक्ति के विकाश को दुनिया देखी।इस अवसर पर डा0 जितेन्द्र सिह विज्ञान व प्रोधोगिक केन्द्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार ने अपने उद्धगार में कहा कि हमारे लिए यह आन्नदित होने का क्षण है।वैश्विक महामारी कोरोना काल के दो वर्ष के वाद इस कार्यक्रम आयोजन है।यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्पूर्ण है।आज दुनिया भारत की ओर देख रहा है।विगत 8 वर्षों से विज्ञान-वैज्ञानिको का सम्मान दिया है।ये प्रधान मंत्री महासागर के आपार क्षमता से अवगत कराया।आज इनमे से 90% मोदी के नेतत्व में हुआ है।यह सेमिकार 2047 के भारत के भविष्य की नीव है।नितिन गडकरी केन्द्रीय मंत्री सडक व परिवहन मंत्री ने इस अवशर पर कहा कि-स्थानीय सांसद होने के नाते धन्यवाद करते है।स्वागत करते है।65% आवादी गाँव मे निवास करती है।तकनीकी का उपयोग अमीर देश बनेगा।ग्रामीण भारत का विकाश तकनीक उपयोग कर बन सकता है।आज विश्व विद्यालय ने अपने 100 बर्ष पुरा किया है।प्रधानमंत्री का सपना का आधार विज्ञान है।महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री एकनाथ सिंघे ने अपने उद्धबोधन मे कहा किआज भारतीय महिलाये का विज्ञान में महत्वपूर्ण योग्यदान है।इस बार इंडियन साईन्स कांग्रेस में – आदिवासी/किसान को शामिल किया गया है।जो स्वागत योग्य है।इस अवसर महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने कहा कि कुलपति होने का नाते हम समारोह में शामिल हुए सभी वैज्ञानिको,अतिथि व विशिष्ट अतिथों व विद्यार्थीयो ‘ का स्वागत करते है।राज्यपाल महोदय ने कहा कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने -जय जवान-जय किशान का नारा दिया था।जिसे भुतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने जय-जवान जय किसान के जय विज्ञान का नारा दिया था।जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आगे बढाया है तथा जय जवान- जय किसान,जय विज्ञान-जय अनुसंधान का नारा दिया है।भारत 21वी शताब्दी में भारत विश्व के नेतत्व करेगा।जी -20 का नेतत्व कर रहा है।हमारे वैज्ञानिक इस भारतीय विज्ञान कांग्रेस में चिन्तन करेगे।108 वी इंडियन विज्ञान काँग्रेस की अध्यक्षा विजय लक्षमी जी प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए आधुनिक भारत जयअनुसंधान के बल पर आत्म र्निभर भारत र्निमाण करेगा। आज के कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेस के द्वारा किया।इस अवसर पर प्रधान मंत्री जी ने कहा कि-भारत अगले 25 वर्ष में जिस ऊचाँई पर होगी उसमें हमारे वैज्ञारिक की अंहम भुमिका होगी।भारत के वैज्ञानिक ने हमे 21 सदी भारत को उपलब्ध कराया गया है।इसमे वैज्ञानिक अनुसंसाधन व निरीक्षण की महत्वपूर्ण भुमिका होती है।
प्रधानमंत्री के स्वपनों का आत्म र्निभर भारत,2047 के नए भारत की नींव रखेगा ।इडियन साईन्स कांग्रेस।जब यहाँ प्रत्येक सहभागी इस गहन चिंतन में मंथन करेंगें।भारतीय विज्ञान के इस सागर के महामंथन से जो अमृत निकेलगा उसे नएभारत,भविष्य का भारत,एक मजबुत भारत आत्म र्निभर भारत के लियह सम्मेलन भारत ही वरन सम्पर्ण मानवता के कल्याण के लिए कार्य करेगा।आज का यह संदेश हमारे यशस्वी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने नागपुर में आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र मे कही। उन्होने कहा कि भारत के पास आज डाटा/तकनीक दो महत्वपूर्ण चीजे का अपार भंडार है।आज भारत जिस तकनीक से तेजी से विश्व के श्रेष्ट श्रेणी में शामिल हो रही है।परिणाम भारत-43 वें स्थान पर पहुँच गया है।स्टाटअप के क्षेत्र में तीसरे न० पर है।महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे भारत की अलग पहचान है।आज महिला को विज्ञान से जोड़े शाथ ही विज्ञान को महिला से विकशित करें।
आज मुद्रा योजना स्टार्टअप महिला सशक्तिकरण में अंहम रोल है।वैज्ञानिक अपनी अर्जित ज्ञान को वितरित करें।ताकि आम आदमी का जीवन के और बेहतर हो सके तथा उनकीआवश्यकता की पूर्ति होगी। आज हमारे वैज्ञानिकों को विज्ञान को अपने लेब से यर्थात की लैण्ड पहुँचना है।इस इंडियन विज्ञान कांग्रेस को जंगल से लेकर जमीन तक ले कर आना है।इस रिसर्च से हमारे वैज्ञानिक रीयल लाइफ तक पहुंचे।विशेष कर यह बात युवाओ को प्रभावित करती है।ऐसे युवाओ को विज्ञान के क्षेत्र में आगे लाकर उनकीआकांक्षा को साकार कर सके।आज के इस 108 वी इंडियन साईन्स काँग्रेस में ऐसे विषय चुने जो भारत व भारत वासियों की आवश्यकता की पुर्ति करें।विज्ञान को आत्म र्निभर भारत करने वाला चाहिए।हम ऐसे विषय पर काम करे जो सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हो।खास कर ऊर्जा क्षेत्र के लिए हाईड्रोजन ईन्जी पर काम करे।इसके लिए उद्योग व वैज्ञानिको को इस क्षेत्र में साथ मिल करकाम करना चाहिए।आज हम बाढ़ या भुकम्प कैसी प्राकृतिक आपदा के लिए पहले से तैयार रहते है।विगत दिनों में नई
नई वीमारी के लिए नई वैक्सीन बनाने के क्षेत्र में भी काम करने चाहिए।आज भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रही है।इस क्षेत्र में दुनिया की निगाहे भारत की ओर है।इसका सबसे अच्छा उदाहरण जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन का नेतृत्व भारत कर रहा है।
आप को बता दे कि इस भारतीय विज्ञान कांग्रेस में लगभग 5000 विज्ञान क्षेत्र जुड़े ममर्ज्ञ /अनुसंधान कर्मीयों ‘छात्रओ’ युवाओं ‘महिलाओ’ जनजाति समुदायों व किसानो का अनोखा संगम स्थली बन गई।प्रत्येक दिन कार्यक्रम की रूप रेखा एक विशेष विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था ।जैसे -किसान विज्ञान दिवस,महिला विज्ञान दिवस,बालविज्ञान दिवस ,जन जातिय विज्ञान दिवस।इस विज्ञान सम्मेलन में डी आर डी ओ,आई एम ए,इसरो के अलावे कई सरकारी,अर्द्ध सरकारी संस्थान व उनके अनुभवी प्रतिनिधियो ने भी इस कार्यक्रम में चार चाँद लगा रहे थे।आज कार्यक्रम का दुसरा दिवस है।कार्यक्रम के प्रथम पाली ईसरो के प्रधान व महानिदेशक सोमन मीडिया से मुखातीब हुए।उन्होने मीडिया मित्रों की जिज्ञास व राष्ट्र की विकाश व रक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान व परीक्षण के संदर्भ विशेष चर्चा की1संध्या कालीन सत्र मे पूर्व निधारित कार्यक्रम के अनुसार हम प्रेस टीम के सभी सदस्यों के संग -नीरी-केन्द्रीय अनुसंसाधन संस्थान नागपुर परिसर का भ्रमण का सौभाग्य मिला।हमारे प्रेस टीम का कुशल नेतृत्व शंभूनाथ चौधरी,अपर महार्निदेशक(पी आई बी)भारत सरकार कर रहे थे।नीरी परिसर का औपचारिक भ्रमण के पश्चात निरी के सेमिनार कक्ष मे संस्थान के र्निदेशक अतुल बैध ने अपने सहकर्मी जिसमे वरिष्ट वैज्ञानिक डा०सुग्गा राय के मीडिया मित्रों को औपचारिक परिचय कराते हुए नीरी के क्रिया कलापों से अवगत कराते हुए कहा कि हमारी संस्थान नेशनल ईनवारामेन्टस इंजीयरिंग ईन्सच्युटजैसा कि नाम से ज्ञात होता है।हमारी संस्थान सरकार के हारा तैय किये मापदंडो के आधार पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र पर कार्य करती है।इनमे हवा ,पानी प्रद्रुषण है इसने औधोगिक क्षेत्रों द्वारा फैलाये जा रहे प्रदुषण नियंत्रण के लिए कार्य करती है।इसके लिए संस्थान मे प्रशिक्षित विशेषज्ञों के कुशल नेतृत्व मे एक कार्य योजना तैयार करती है।
डा० सूगा राय वैज्ञारिक कई बर्पो से विशेष कार्य कर रही है।जल का शुद्धता पर कार्य कर है।जल संरक्षण ‘ का कार्य करती है।औघोगिक प्रदूषण पर कार्य करती है।वेस्ट मेंजमेण्ट,जल प्रदुषण-औघोगिक प्रदूषण ‘कचरा के निस्तारण के प्रबन्धन व तीन चार क्षेत्र मे कार्य कर रही है।सन 2011में हम लोग जैविक खाद का उपयोग करने प्रदुषित कर रहा है।दो जलवायु परिवर्तन में कार्य कर रहा है।पावर प्लांट के कार्बन से-दो स्तर पर काय कर है,एन टी पी सी – नीति आयोग।
सी पी टी सी-मेन पावर व सीमित संसाधन में डाटा के क्षेत्र में कार्य कर रहे।जमीनी स्तर के कार्य करने अभी समय लगेगा।ग्रीन पटाखा-दिवाली पर जोर दिया जाता है!कार्य निरन्तर चल रहा है।आप को पता है कि वेस्ट मैंजमेन्ट पर नियंत्रण करना एक मैराथन वर्क है कार्यकम के तीसरे दिन देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र कार्यरत के डी जी(तकनीकी)से रू बरू होने का अवशर मिला।इस अवसर पर उन्होने बताया कि डी आर डी ओ – रक्षा मंत्रालय के लिए जमीन से आसमान तक के रक्षा व सुरक्षा क लिए दिन रात काम करती है।इसके ‘लिए 7विभागगीय कार्य कर रहे हैं ।हमने लेसर एण्टी गन बनाया है।हम लगातार अनुससांधन कर रहे है। उनमें बदलाव लाये गये है।
तथा इस क्षेत्र मे लगातार काम कर रहे है।विशेष कर ड्रोन पर।भारत के अलावे इस पर कई देश इस पर कार्य कर रहे है।भविष्य में सेना की रक्षा के लिए कार्य कर रही है।भार भरकम संयंत्र के भार को कम व छोटा करना है।रिसर्च व तकनीकी पर कार्य हो रही है।शोल्जर के लिए माईन्स/रेडार/100 से अधिक तकनीकी पर कार्य किय।नीजी कम्पनी व उच्च कोटि संस्थान के साथ मिल कर आम नागरिक के लिए कार्य कर रहा है।
भविष्य के लिए युद्ध न्युकिलयर कै युद्ध पर जीवन रक्षा के लिए काम कर रहा है।कैमकिल में चौथे न० पर है।गण व ड्रोन पर काम कर रही है। एस एल वी मार्क 2/अलग अलग तरह की मिसाईल पर काम कर रहे है।भारत अपने आत्म रक्षा /दुशमनों से युद्ध की स्थिति मे प्रहार के लिए नई तकनीकी काम कर रहा है।।डीआर डी ओ/ नए औद्योगिक संस्थानों के साथ मिल कर काम .कर रहे है।हम सरकार के र्निदेश व राष्ट्र के हित की आवश्यकता को ध्यान रखते हुए निरन्तर कार्य कर रहे है।
इस भव्य कार्यक्रम को सफल आयोजन में राष्ट्रीय संत तुकोड़ी महाराज विश्व विद्धालय(विद्यापीठ) के परिवार के समस्त पदाधिकारी व कर्मचारियो के महत्वपूर्ण योगदान के योगदान के साथ स्थानीय नागपुर पी आई बी के अधिकारी दुबे जी ‘विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभारी मोयुल हक,केन्द्र व राज्यों के विज्ञान व अनुसंधान विभागीय अधिकारियों . वैज्ञानिकोको साधुवाद।जिसमें डिपाटमेन्ट आफ सांइस व ट्रेकनालोजी मेहरोली नई दिल्ली के राज कुमार जोशी वैज्ञानिक,तापस कुमार चंदा-राज्य ईकाई के प्रभारी जिन्होने विशेष रूप पी आई वी प्रेस टीम की सदस्यो के लिए विशेष यात्रा/आवास की कुशल संचालन की कमान संभाली थी।मैअपने
पुनःइस 108 वी भारत विज्ञान कांग्रेस यात्रा के मीडिया मित्रों की यात्रा को यादगार बनाने वाले कप्तान को जो एकअनुभवीअधिकारी ही नही बेहद संजीदा ईसान के साथ मीडिया मित्रों के अच्छे मित्र है।जिन्होने हमें व हमारे मीडिया कर्मी को पल पल कार्यक्रम की गतिविधियो से ना केवल हमे अवगत कराया बल्कि इस नये स्थान पर हमेशा ही दिन रात साये की साथ खडे रहे।पुनः शंभुनाथ चौधरी,अपर महार्निदेशक पी आई बी,सुचना व प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार को विशेष-कोटि कोटि धन्यवाद,साघुवाद।हाँ एक बात और इस भारतीय विज्ञान कांग्रेस के सभी सम्मानित सदस्यों विशेष कर मीडिया मित्रों खास कर महिला मीडिया कर्मी का महत्वपूर्ण सहानभूति व मार्गदशन यादगार पल भर यादें आयेगी।
इस तरह हमारी चार दिवसीय 108 वी भारत विज्ञान कांग्रेस की यात्रा हमारी मानस पटल व पत्रकारिता की इतिहास के संस्मरण मानस पटल पर एक स्मृति के रूप अमिट छाप छोड़ गई।फिलहाल हम अपनी कर्मभुमि राष्ट्रीय राजधानी जहाँ पर हाड़ कपा ने वाली सर्दी से दो हाथ करने हेतु वापस लौट गए है।अतः में इस सम्मेलन में दिल्ली ‘अरुणाचंल ‘राज्यस्थान कर्नाटक आसाम व सम्पूर्ण भारत वर्ष के मीडिया मित्रो का धन्यवाद जिनके सान्धिय व सामीप्य में प्रत्रकारिता के पैनी निगाह से बहुत कुछ सीखने व समझने का हमें स्वर्णिम अवसर मिला।
फिलहाल अपने पाठकों से यह कहते हुए विदा लेते है-ना ही काहूँ से दोस्ती,ना ही काहूँ से बैर।खबरी लाल तो मांगे,सबकी खैर॥
जय जवान,जय किसान,जय विज्ञान, जय अनुसंसाधन
फिर मिलेगे-तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग।तब तक के लिए अलविदा।