सैयद मोजिज इमाम
बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चेन्नई में एक महिला सम्मेलन को संबोधित किया। मंशा महिलाओं के अधिकार और हाल में पास हुआ आरक्षण बिल का मुद्दा था। हालांकि कांग्रेस ने महिला आरक्षण पर बीजेपी को चुनौती देने का फैसला दक्षिण भारत से किया, जहां पर महिलाएं पहले से ही सशक्त और पढ़ाई लिखाई में देश के बाकी हिस्सों से आगे हैं। महिला आरक्षण बिल पर बीजेपी ने भी अपना नजरिया आगे रखने के लिए अभियान छेड़ रखा है। उत्तर प्रदेश में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शक्ति मिशन का शुरूआत किया है।
कांग्रेस की महिला नेताओं में सबसे आगे इस वक्त प्रियंका गांधी है, जिन्होंने तमिलनाडु से इस सम्मेलन के जरिए दक्षिण भारत में कांग्रेस के लिए दम भरा और अपने पिता की हत्या की याद दिलाई कि जब वह पहली बार तमिलनाडु आई थी। प्रियंका गांधी ने कहा की, “आज से बत्तीस साल पहले, अपनी ज़िंदगी की सबसे अँधियारी रात में मैंने तमिलनाडु की ज़मीन पर पहली बार पाँव रखा था। मैं तब उन्नीस बरस की थी और आज जिस उम्र में हूँ; तब मेरी माँ उससे कुछ साल कम की थीं। जैसे ही हवाई जहाज का दरवाजा खुला, हम रात के अंधेरे में डूब गए। लेकिन मुझे डर नहीं लगा। क्योंकि सबसे भीषण जो हो सकता था वह हो चुका था।”
कांग्रेस चाहती है की महिला आरक्षण बिल पास होने के बावजूद जिस तरह से उसको लागू नहीं किया गया है। उसे बीजेपी को घेरा जाए और महिलाओं में यह संदेश दिया जाए कि कैसे भारतीय जनता पार्टी इसको लागू नहीं करना चाहती है। हालांकि नरेंद्र मोदी के अगुवाई वाली सरकार में इस बिल को पास किया है, जो कई दशकों से लटका हुआ था। जाहिर सी बात है कि बीजेपी इसका क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है।
हाल में यूपी के मुख्यमंत्री ने मिशन शक्ति की शुरुआत की है, जिसमें उन्होंने एशियन गेम्स में जीती महिला एथलीटों का जिक्र किया की किस तरह महिला एथलीटों को यूपी सरकार प्रोत्साहन दे रही है। योगी ने कहा की स्वर्ण पदक विजेता महिला एथलीटों को डिप्टी एसपी का पद जब चाहे तब मिल सकता है। भारतीय जनता पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस इस बार महिलाओं पर है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं और आधी आबादी पर फोकस करके बीजेपी 2024 का चुनाव जीतना चाहती है। हालांकि यूपी में अभी भी बीजेपी का हिंदुत्व का एजेंडा सभी मुद्दों पर भारी लग रहा है। लेकिन महिला आरक्षण बीजेपी के लिए आधी आबादी को बताने के लिए नया मुद्दा होगा। यूपी में विपक्ष अभी भी बिखराव की स्थिति में है। इंडिया गठबंधन का अभी तक जमीन पर खाका तैयार नहीं हो पाया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ एलाइंस में है लेकिन अभी भी बीजेपी को चुनौती दे पाने में सक्षम नहीं है।
लेकिन कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी महिलाओं को बीजेपी के वादा खिलाफी पर ध्यान आकर्षित का करने की कोशिश कर रही हैं। चेन्नई में महिला सम्मेलन में प्रियंका गांधी ने कहा ,”आज, ‘सशक्तीकरण’ के बारे में बहुत चर्चा हो रही है, क्योंकि हर राजनीतिक दल को यह एहसास होने लगा है कि महिलाएं एक ऐसी अपराजेय सामूहिक शक्ति बन सकती हैं, जो हमारे देश के भविष्य को आकार देगी।लेकिन वह, आज भी हमारी तरफ लालच की नजर से देखते हैं। वोटों का लालच, हमारी शक्ति पर कब्जा करने और उसका इस्तेमाल करके हमें ही नीचे रखने का लालच।
मैं महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग करती हूं। हम, भारत की महिलाओं के पास अब बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होना हमारा अधिकार है।”
प्रियंका गांधी ने कहा कि वह मांग करती हैं की आधी आबादी का महत्व समझा जाए और उनका राजनीतिक शक्ति दी जाए। उन्होंने भाजपा के महिला आरक्षण कानून का टाइमलाइन कुछ हाल बताते हुए इसे फौरन लागू करने की मांग की है। जाहिर सी बात है कि भाजपा ने पलट वार किया है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस की 10 साल सरकार रही, लेकिन कांग्रेस ने सिर्फ राज्यसभा में इस बिल को पास किया था और लटका कर रखा हुआ था। यह भारतीय जनता पार्टी के सरकार ने सरकार ने दिखाया है क्यों महिलाओं को सशक्तिकरण करने के लिए कितना प्रतिबद्ध और मोदी सरकार ने ऐसी इसको आगे बढ़ाया है। जाहिर सी बात है कि 2024 के चुनाव में महिला आरक्षण बिल कानून एक बड़ा मुद्दा रहने वाला है।