- ऑस्ट्रेलिया के लिए इंदौर में भी भारत के विजयरथ को रोकना मुश्किल
- भारत को ऑस्ट्रेलिया के पलटवार से जरूर चौकस रहना होगा
- क्या केएल राहुल एकादश मे बने रहेंगे, या भारत देगा शुभमन को मौका?
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा की अगुआई में भारत मेहमान ऑस्ट्रेलियाई टीम से मौजूदा चार टेस्ट की क्रिकेट सीरीज के शुरू के दोनों टेस्ट जीत बॉर्डर-गावसकर पर कब्जा बरकरार रखना सुनिश्चित कर चुका है। भारत की निगाहें अब ऑस्ट्रेलिया से बुधवार को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में शुरू होने वाला तीसरा टेस्ट भी जीत 3-0 की बढ़त ले आईसीसी वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी)2021-2023 के 7 जून को फाइनल में स्थान पक्का करने पर लगी हैं। भारत इंदौर टेस्ट भी जीतता है तो वह लगातार दूसरी बार 7 जून को इंग्लैंड में खेले जाने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल में स्थान बना लेगा और तब उसके सामने ऑस्ट्रेलिया की टीम ही होगी। भारत 2013 से एक दशक में अपने घर में लगातार पिछली 15 टेस्ट सीरीज जीतने के क्रम मेंं ऑस्ट्रेलिया को भी दो बार टेस्ट सीरीज में शिकस्त दे चुका है। ऑस्ट्रेलिया के लिए ऐसे में इंदौर में तीसरे टेस्ट में भी भारत के विजयरथ को रोकना खासा मुश्किल होगा। रवींद्र जडेजा हरफनमौला प्रदर्शन कर भारत की मौजूदा टेस्ट सीरीज के शुरू के दोनों टेस्ट में जीत में मैन ऑफ द मैच रहे हैं। जडेजा के साथ उनके जोड़ीदार ऑफ स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने स्पिन का जाल बुन और लेफ्ट आर्म स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने निचले क्रम में बल्ले से धमाल कर भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू के दोनों टेस्ट जीत में अहम भूमिका अदा की है। खासतौर पर भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने नागपुर के पहले ही टेस्ट की पहली पारी में मुश्किल हालत में शतक, जडेजा और अक्षर पटेल ने मध्यक्रम के लडख़ड़ाने के बाद अद्र्धशतक जड़ भारत की स्पिन की मददगार पिचों को ‘घटिया’ बताने वाले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटरों और मीडिया को आईना दिखाया है।
कप्तान पैट कमिंस के अपनी मां की बीमारी के कारण, सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के चोट के कारण दिल्ली टेस्ट के बाद मौजूदा सीरीज के बीच ही स्वदेश लौटने के बावजूद ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन और तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क का इंदौर में तीसरे टेस्ट के लिए फिट होना गहन निराशा में फंसी ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए जरूर आशा की नई किरण है। भारत को तीसरे टेस्ट में टीम संयोजन को लेकर ज्यादा आश्वस्त दिखाई दे रही ऑस्ट्रेलिया के पलटवार से जरूर चौकस रहना होगा। इंदौर में मौसम के गर्म रहने और पिच के शुरू के दो दिन बल्लेबाजों के मददगार रहने की उम्मीद है। इंदौर टेस्ट में चौथी और आखिरी पारी में होल्कर मैदान की पिच के स्पिनरों के लिए पूरी तरह मुफीद होने की संभावना के चलते टॉस जीतने वाली टीम जरूर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। ग्रीन बल्ले से बढिय़ा पारियां खेलने के साथ गेंद से भी कमाल करने की कूवत और स्टार्क गेंद से शीर्ष क्रम के साथ निचले क्रम को सस्ते में समटने के कौशल के साथ निचले क्रम में उपयोगी रन बना कर ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा संतुलन देते हैं।
भारत ने 2013 से लेकर मौजूदा टेस्ट सीरीज तक एक दशक के दौरान अपनी धरती पर 44 में 36 टेस्ट जीते, छह ड्रॉ खेलने के साथ मात्र दो ही हारे हैं। भारत का अपने घर में यह शानदार प्रदर्शन उसके लिए खुद आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है। भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में अब तक इंदौर के होल्कर स्टेडियम पर खेले दोनों टेस्ट -2016 में न्यूजीलैंड को 321 रन से 2019 में बांग्लादेश से पारी और 130 रन से – बड़े अंतर से जीते हैं। भारत को इंदौर के होल्कर के मैदान पर टेस्ट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत मिली दोनों पिछली टेस्ट जीत का मनोवैज्ञानिक लाभ निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में मिलेगा। शीर्ष क्रम में शुरू के दो टेस्ट की चारों पारियों में नाकाम रहे सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (कुल 38 रन) का बुरी तरह नाकाम रहना भारत की सबसे बड़ी चिंता है। कप्तान रोहित शर्मा ने एक बार फिर भारत की तीसरे टेस्ट की एकादश की बाबत पत्ते नहीं खोले और कहा कि शुभमन गिल ही नहीं सभी 17-18 एकादश में स्थान बनाने की होड़ में है। रोहित ने यह जरूर माना कि टीम इंडिया के शीर्ष क्रम ने बहुत रन नहीं बनाए लेकिन उनमें जो क्वॉलिटी है उससे वे बड़े रन से बस एक दो पारी ही दूर हैं। लाख टके का सवाल है कि लगातार नाकामी और हेड कोच राहुल द्रविड़ और और पूर्व बोर्ड अध्यक्ष सौरभ गांगुली की पैरवी के चलते क्या केएल राहुल इंदौर टेस्ट में भी एकादश में बने रहेंगे या भारत लंबे इंतजार के बाद आखिर शुभमन गिल को फिर अपनी टेस्ट एकादश को मौका देगा। इन दोनों ने सोमवार को होल्कर स्टेडियम में साथ साथ लगे दो नेटस पर अभ्यास कर काफी पसीना बहाया। केएल राहुल को भारतीय टीम प्रबंधन के पूरे समर्थन के बावजूद पूर्व क्रिकेटर -उन्हें और शुभमन गिल में से किसी एक को एकादश में शामिल करने को लेकर बंटे हुए हैं। सीनियर राष्टï्रीय क्रिकेट चयन समिति ने आखिर के दो टेस्ट से केएल राहुल को कप्तानी से हटा उन्हें और टीम प्रबंधन में हेड कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा को भले ही कड़ा संदेश दिया है। बावजूद इसके हेड कोच राहुल द्रविड़ जिस तरह केएल राहुल की ट्रेनिंग सहित अपना पूरा फोकस लगा रहे हैं उससे तो संकेत यही है कि भारत इंदौर के होल्कर स्टेडियम में तीसरे टेस्ट में भी उन्हें एकादश में बरकरार रखेगा।
भारत के लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने मौजूदा सीरीज कें दिल्ली टेस्ट की दोनों पारियों में दस विकेट सहित अब तक कुल 17 विकेट और अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (कुल 14 विकेट) ने स्पिन का ऐसा जाल बुना कि पीटर हैंडसकॉम्ब (कुल 109 रन), मरनस लबुशेन(119 रन) और उस्मान ख्वाजा (81 रन) को छोड़ अब इंदौर में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने जा रहे स्टीव स्मिथ (कुल 71 रन) सहित ऑस्ट्रेलिया के बाकी सभी शीर्ष बल्लेबाज उसमें उलझ कर रह गए। दिल्ली में सीरीज के दूसरे टेस्ट में खेलने वाले ट्रेविज हेड (कुल 55 रन) ने दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में जवाबी हमला बोल संकट से निकलने की आधी-अधूरी कोशिश की। सच तो ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, मरनस लबुशेन और अलेक्स कैरी ‘स्वीप’ करने के फेर में खुद साफ हो गए। ऑस्ट्रेलिया की भारतीय स्पिनरों को स्पिन की मुफीद पिचों पर खेलने को लेकर परेशानी जेहनी और तकनीकी है और बदकिस्मती से वे इससे अब तक उबर ही नहीं पाए हैं।स्मिथ ने कमिंस की जगह इंदौर में सीरीज के तीसरे टेस्ट में कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों के खिलाफ हड़बड$़ी से बचने और समझबूझ और धैर्य से खेलने की ताकीद की है। देखना यह होगा कि क्या ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कप्तान स्मिथ की सलाह पर अमल कर पाएंगे? सोने पर सुहागा यह है कि इंदौर के होल्कर मैदान पर भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन (कुल18 विकेट) ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए हैं, तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (कुल सात विकेट) भी खासे कामयाब रहे ही हैं जबकि रवींद्र जडेजा ने गेंद और बल्ले दोनों से धमाल किया है।अब खुद को ‘फिट’ बता रहे ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क खुद दावा कर रहे हैं कि बाएं हाथ के गेंदबाज होने के कारण वह भारतीय तेज गेंदबाजों से ज्यादा कारगर रहेंगे। स्टार्क के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के कारण उनके कदमों से बनने वाले निशानों का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के शुरू के दो टेस्ट में सबसे कामयाब ऑफ स्पिनर नवोदित टॉड मर्फी (10 विकेट) और अनुभवी नाथन लियोन(आठ विकेट) भारत के दाएं हाथ के बल्लेबाजों के ऑफ स्टंप को निशाना बना बेहतर उपयोग कर सकते हैं।
पूर्व कप्तान और मौजूदा भारतीय टीम की बल्लेबाजी की रीढ़ विराट कोहली ने इंदौर के होल्कर मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 2016 में टेस्ट में दोहरा शतक जड़ा जबकि सदाबहार चेतेश्वर पुजारा भी इस मैदान पर शतक जड़ चुके हैं। दिल्ली में अरुण जेटली स्टेडियम में मौजूदा सीरीज के दौरान भारत के लिए टेस्ट खेलने का ‘शतक’ पूरा करने वाले चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली बड़ी पारियां न खेलने के बावजूद सीरीज में बल्लेबाजी करते आश्वस्त नजर आए। इसके मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा सीरीज के शुरू के दो टेस्ट में सबसे कामयाब नौजवान ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी (कुल दस विकेट) और अनुभवी नाथन लियोन(8 विकेट) के लिए रोकना बड़ी चुनौती होगा। अपनी इन्हीं घरेलू पिचों पर शुरू के दो टेस्ट में भारत के कप्तान रोहित शर्मा (कुल 183 रन) नागपुर में पहले टेस्ट की पहली पारी में शतक जड़ और अक्षर पटेल (कुल 158 रन) दो अद्र्धशतक तथा एक अद्र्धशतक सहित रवींद्र जडेजा (कुल 96 रन) और विराट कोहली (76 रन) रन बनाने में पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। भारत के लिए शुरू के दो टेस्ट में निचले क्रम में रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल के खासतौर पर बल्ले से जोरदार प्रदर्शन का सबसे सही आकलन ऑस्ट्रेलिया के तुरुप के सदाबहार तुरुप के ऑफ स्पिनर नाथन लियॉन ने यह कह किया कि ये निचले नहीं बल्कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं तकनीक और कौशल के लिहाज से भी। बाएं हाथ का गेंदबाज होने के कारण मिचेल स्टार्क की निचले क्रम को आनन फानन में पैवेलियन लौटाने की कूवत के कारण जडेजा, अश्विन और अक्षर को बल्ले से योगदान करने के लिए ज्यादा चौकस होकर खेलने की दरकार होगी। खैर भारत का मनोबल जिस तरह बढ़ा हुआ है उसके मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया के उसे रोकने की संभावना कम जरूर नजर आती है।
टेस्ट मैच का समय : सुबह साढ़े नौ बजे से।