इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान की सरजमीं से सक्रिय आतंकवादियों के ख़िलाफ़ बड़ी हमलावर कार्रवाई करते हुए आतंकवादी मुश्ताक अहमद जरगर की श्रीनगर स्थित संपत्ति कुर्क कर ली है. आतंकी संगठन अल उमर मुजाहिद्दीन का संस्थापक और चीफ़ कमांडर श्रीनगर का मूल निवासी मुश्ताक अहमद जरगर इस समय पाकिस्तान में है. मुश्ताक जरगर का गनी मोहल्ला, जामा मस्जिद, नौहट्टा, श्रीनगर में दो मरला जमीन पर घर है. एनआईए ने जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर गैर कानूनी गतिविधि निरोधक (यूएपीए) कानून के तहत मुश्ताक जरगर की इस संपत्ति को कुर्क/ जब्त करने की कार्रवाई की है.
भारत सरकार द्वारा यूएपीए के तहत आतंकी घोषित मुश्ताक जरगर इंडियन एयरलाइंस विमान हाईजैक कंधार मामले में रिहा होने के बाद से ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है और वहीं से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए धन भेज रहा है.
मुश्ताक जरगर श्रीनगर के नौहट्टा में पला बढ़ा और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट में शामिल हो गया. वर्ष 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण करने वाले आतंकियों में मुश्ताक जरगर भी शामिल था. रुबैया सईद को रिहा करने के बदले सरकार ने पांच आतंकियों को छोड़ा था.
जम्मू कश्मीर में अनेक आतंकी हमलों और हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल मुश्ताक जरगर अल कायदा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का भी खास सहयोगी है. मुश्ताक जरगर को 15 मई 1992 को गिरफ्तार किया गया था. आतंकवादी भारत की जेलों में बंद अपने साथियों को रिहा कराने के लिए 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान (आईसी 814) को हाईजैक कर कंधार, अफगानिस्तान ले गए थे. आतंकियों ने मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की.बाद में फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया. 31 दिसंबर 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बंधक यात्रियों को रिहा कराने के एवज़ में जेल में बंद जैश ए मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश आतंकी अहमद उमर सईद शेख़ को छोड़ा था. तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह आतंकियों को खुद विमान में लेकर कंधार गए थे.