- इंदौर टेस्ट में पहली पारी में हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की
- हमने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को एक टप्पे पर गेंदबाजी करने दी
- इस तरह की पिचों पर जरूरत बड़े जिगरे से बल्लेबाजी करने की
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली ¨f भारत पिछले एक दशक मे इंदौर में शुक्रवार को तीसरे टेस्ट में मिली नौ विकेट से हार सहित मात्र तीन टेस्ट हारा है। भारत 2021 में चेन्नै में इंग्लैंड से पहले टेस्ट में 227 रन से हारा लेकिन अगले तीनों टेस्ट जीत चार टेस्ट की सीरीज 3-1 से जीती और तब भी अंतिम टेस्ट अहमदाबाद में खेला गया पारी से जीता था। भारत 2017 में पुणे में ऑस्ट्रेलिया से पहला टेसट ३३३ रन सें हारने के बाद चार टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीता था। भारत दो बार -2017 में पुणे और अब इंदौर में ऑस्ट्रेलिया से स्टीव स्मिथ की कप्तानी में ही हारा और मेहमान टीम के स्पिनरों ने उसे जिताया। पिछले एक दशक से भारत इसी तरह की स्पिनरों की मुफीद पिचों पर खेल रहा।
कप्तान रोहित शर्मा ने भारत की मेहमान ऑस्ट्रेलिया के हाथों इंदौर के होल्कर मैदान पर तीसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में नौ विकेट से बड़ी हार के बावजूद कहा , ‘स्पिन गेंदबाजी हमारी ताकत है और हम इसीलिए स्पिनरों की मुफीद पिचों पर खेलना चाहते है। देश भी बाहर भी हर कोई अपनी ताकत के मुताबिक पिचे बनाता है। इसमें गलत क्या है। हम इस तरह की स्पिनरों की मुफीद पिचों पर यदि जीत नहीं रहे होते तो तब हम इस बाबत सोचते। कुछ बल्लेबाजों को इस पर दिक्कत होगे। खिलाडिय़ों के लिए वह दौर आता है जब रन नहीं बन रहे होते और यह बहुत मायने नहीं रखता है। हम पिचों के मिजाज और इस पर खेलने की चुनौतियों से वाकिफ है। सभी बल्लेबाज इस पर निरंतर रन नहीं बनाएंगे। हमें इसे लेकर तब तक कोई दिक्कत नहीं है जब तक हम कामयाब हो रहे हैं।MX
उन्होंने कहा, ‘स्पिन गेंदबाजी के साथ हमारी बल्लेबाजी हमारी ताकत है। हमने इंदौर टेस्ट में पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। हम इस बात से वाकिफ है कि पहले बल्लेबाजी करते हुए हमें पहली पारी में अच्छा स्कोर बनाने की जरूरत थी और हम ऐसा कर नहीं पाए। जब ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में करीब 90 रन की बढ़त हासिल कर ली थी तो हमें दूसरी पारी मे बल्ले से जोरदार प्रदर्शन करने की दरकार थी और हम ऐसा नहीं कर पाए। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए दूसरी पारी में मात्र 76 रन बनाने का लक्ष्य मिला। अहमदाबाद में सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट में पिच की बाबत हमने अभी सोच नहीं है। हम यह बात समझनी होगी कि हमें बतौर टीम बेहतर करने की जरूरत है। हमने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को एक ही टप्पे पर गेंदबाजी करने दी। मैं ऐसा कह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों खासतौर पर नाथन लियोन द्वारा की बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी का श्रेय उनसे छीनना नहीं चाहता। इस तरह पिचों पर जरूरत जिस बड़े जिगरे के साथ बल्लेबाजी की जरूरत थी जो हम इंदौर टेस्ट नहीं करं पाए। मुश्किल घड़ी में हमारे बल्लेबाजों को बड़े जिगरे के साथ बल्लेबाजी कर टीम की नैया किनारे लगाने की है। अहमदाबाद टेस्ट में हमारी कोशिश होगी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एक टप्पे पर गेंदबाजी न कर सके। श्रेयस अय्यर ने खासतौर पर अपनी छोटी आतिशी पारी में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों एक टप्पे पर गेंदबाजी नहीं करने दी। श्रेयस भले ही बदकिस्मती से आउट हो गए लेकिन उन्होंने और चेतेश्वर पुजारा ने अपने अंदाज में स्पिनरों के खिलाफ घुमाव वाली पिचों पर बड़ा जिगरा दिखाया।
उन्होंने कहा, ‘रन चाहे कोई बनाए शीर्ष क्रम या निचले क्रम के बल्लेबाज रन बनने चाहिए। हमारे लिए नागपुर और दिल्ली में निचले क्रम में अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा और अश्विन ने रन बनाए। हम नागपुर में इसी तरह की स्पिनरों की पिचों पर 400 रन के पार पहुंचे। हमें जरूरत मैदान पर इस तरह की चुनौतीपूर्ण पिचों पर बड़ा जिगरा ििदखाने की है। कोई भी इस बात की चर्चा नहीं कर रहा है कि पुजारा दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के लायन को कितने बढिय़ा ढंग से खेले और पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने इसी पिच पर बढिय़ा बल्लेबाजी की।