- भारत के लिए खुशखबरी हरमन रंग में लौटे, कुल 11 गोल कर शीर्ष पर
- कप्तान हरमनप्रीत का टीम को दिया गेंद को कब्जे में रखने का मंत्र काम आया
- हार्दिक के साथ दिलप्रीत को आक्रामक मिडफील्डर खिलाना कारगर रहा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है कि 2023 के एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व में निराशाजनक प्रदर्शन कर नौवें स्थान पर रहने के बाद उसके तुरुप के इक्के ड्रैग फ्लिकर कप्तान हरमनप्रीत सिंह राउरकेला में 2022-2023 एफआईएच पुरुष प्रो हॉकी लीग शुरू होते ही विश्व कप चैंपियन जर्मनी के खिलाफ पहला मैच 3-2 व दूसरा मैच सोमवार को 6-3 तथा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला मैच 5-4 से जिताने में कुल पांच गोल कर रंग में लौट आए हैं। भारत की निगाहें अब ऑस्ट्रेलिया पर राउरकेला में बुधवार को लगातार दूसरी जीत पर लगी हैं। भारत राउरकेला में अपना लगातार चौथा मैच जीतने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहेगा क्योंकि इसके बाद उसे जून में बेल्जियम और ब्रिटेन के खिलाफ दो दो मैच ली वैली(लंदन) में तथा नीदरलैंड और अर्जेंटीना के खिलाफ दो -दो मैच आइंडहोवन(नीदरलैंड) में खेलने हैं। भारत को ऑस्ट्रेलिया से लगातार दूसरा मैच भी जीतना है तो बढ़त लेने के बाद उसे आखिर तक बरकरार रखने के लिए जरा भी ढील से बच कर पूरी तरह एकाग्र होकर खेलना होगा।
भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह सात मैचों में कुल 11 गोल कर प्रो लीग के मौजूदा संस्करण में शीर्ष पर हैं जबकि सेल्वम कार्ति(5 गोल) तीसरे तथा अभिषेक, जुगराज सिंह और सुखजीत सिंह तीन- तीन गोल कर संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर चल रहे हैं। हरनमप्रीत सिंह राउरकेला और भुवनेश्वर में बेवजह उंचे ड्रैग फ्लिक से गोल करने के फेर में यह भूल ही गए थे कि ड्रैग फ्लिक पर उनकी ताकत उंचे ड्रैग फ्लिक नहीं बल्कि नीचे फ्लिक से गोलरक्षक को छका गोल करना है। भारत (सात मैच, 17 अंक) ने राउरकेला में शुरू के तीन मैच जीत और इसमें कुल 14 गोल कर और मात्र नौ गोल खा एफआईएच प्रो लीग में अंक तालिका में स्पेन (8 मैच, 17 अंक) के साथ बराबर अंक होने के बावजूद उससे बेहतर गोल अंतर के आधार पर शीर्ष पर पहुंच गया है।
भारतीय हॉकी टीम के कई आलोचक उसकी राउरकेला में प्रो लीग में लगातार तीन मैचों में जीत को यह कर कम आंकने की कोशिश कर रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीम में उनके कई धुरंधर खिलाड़ी इसमें शिरकत करने नहीं आए। ऐसे में इसकी बाबत हकीकत बताना जरूरी हो जाता है। जर्मनी और भारत की 2023 विश्व कप में शिरकत करने वाली टीम के आठ-आठ खिलाड़ी और ऑस्ट्रेलिया के 12 खिलाड़ी उसकी राउरकेला में प्रो लीग में शिरकत करने वाली टीमों में नहीं हैं। राउरकेला में इस संस्करण में शिरकत कर रही तीनों टीमों के ज्यादातर खिलाड़ी अपनी अपनी राष्टï्रीय टीमों की अंतर्राष्टï्रीय हॉकी में नुमाइंदगी कर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के कई धुरंधर हॉकी खिलाड़ी एफआईएच प्रो लीग की बदौलत यूरोप मे हॉकी लीग में शिरकत कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया टीम के चीफ कोच कॉलिन बैच कहते हैं कि एफआईएच प्रो लीग दुनिया भर की हॉकी टीमों के कोच के यह आंकने का सबसे बड़ा मंच है कि उनकी टीम अंतर्राष्टï्रीय हॉकी में आज कहां खड़ी है और आगे क्या सुधार की दरकार है।
भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने राउरकेला में प्रो लीग के मैच शुरू होने से पहले अपनी टीम के साथियों को बस यही मंत्र दिया था कि उन्हें गेंद को अपने कब्जे में रखना है और आगे यदि गेंद को साथी खिलाड़ी को बढ़ाने की जगह नहीं बनती दिख रही तो फिर बैक पास कर बतौर बैक जुगराज सिंह, नीलम संजीप खेस और उन्हें पीछे वापस लेकर फिर से हमले की रणनीति बनाती है। इस रणनीति पर अमल का नतीजा है कि जब जर्मनी जैसी टीम के खिलाड़ी भारतीय खिलाडिय़ों से गेंद छीनने पीछे आ रहे हैं तो फिर तभी भारतीय टीम जवाबी हमला बना गोल करने या पेनल्टी कॉर्नर बनाने में कामयाब हो रही है। भारत के भुवनेश्वर और राउरकेला में हॉकी विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ग्राहम रीड के चीफ कोच पद से इस्तीफा देने के बाद दक्षिण अफ्रीका के क्रेग फुल्टन इस महीने के आखिर में नए चीफ कोच की जिम्मेदारी संभालेंगे। क्रेग फुल्टन के चीफ कोच की जिम्मेदारी संभालने से पहले अंतरिम कोच डेविड जॉन और सहायक कोच बी जे करिप्पा के मार्गदर्शन में भारतीय हॉकी टीम ने आक्रमण के साथ गेंद को अपने कब्जे में रखने और वेवजह गंवाने से बचने की रणनीति से जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से शुरू के तीन मैच जीत एफआईएच प्रो लीग में अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच सभी को हैरान कर दिया है। भारत के लिए राउरकेला में प्रो लीग के शुरू के तीन मैचों में उसके कप्तान ड्रैग हरमनप्रीत सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट-ट्रिक सहित जहां सबसे ज्यादा पांच गोल किए जबकि नवोदित स्ट्राइकर कार्ति सेल्वम ने तीन, सुखजीत सिंह, अभिषेक और जुगराज सिंह ने ड्रैग फ्लिक से दो दो गोल किए हैं। इसमें सबसे उत्साहवद्र्धक बात है जूनियर विश्व कप से सुर्खियों में आए हरियाणा के पवन ने नियमित नंबर 1 गोलरक्षक कृष्ण बहादुर की गैरमौजूदगी में खासतौर पर जर्मनी और ऑस्टे्रलिया के खिलाफ अपनी मुस्तैदी से पीआर श्रीजेश को भी पृष्ठïभूमि में डाल दिया है।भारत के अंतरिम कोच के रूप में डेविड जॉन और करियप्पा की जोड़ी ने अब तक केवल तेज तर्रार स्ट्राइकर के रूप में ख्यात दिलप्रीत सिंह का हार्दिक सिंह के साथ आक्रामक मिडफील्डर के रूप में खिलाना कारगर रहा। साथ ही कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और जुगराज सिंह ने स्लैप शॉट का स्ट्राइकर गुरजंट सिंह, सुखजीत सिंह, अभिषेक और सेल्वम कार्ति ने प्रतिद्वंद्वी टीमों के किले को बिखेर कर गोल करने औैर गोल के अभियान बनाने के लिए खूब किया है। सच तो यह है कि भारत को अब भविष्य की ओर देखने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत है।