इंद्र वशिष्ठ
नई दिल्ली : सीबीआई ने घूसखोरी और अन्य आरोपों में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के एक न्यूरो सर्जन और चार अन्य को गिरफ्तार किया है
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि घूसखोरी सहित कुछ आरोपों पर आरोपियों के विरुद्ध 29.03.2023 को मामला दर्ज किया गया.
इस मामले में सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर मनीष रावत, कनिष्का सर्जिकल दुकान के मालिक दीपक खट्टर उसके दो नौकरों मनीष शर्मा, कुलदीप और अवनीश पटेल को गिरफ्तार किया गया है.
आरोप है कि सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर मनीष रावत , कनिष्का सर्जिकल दुकान के मालिक दीपक खट्टर सहित उपरोक्त लोगों (मध्यस्थ व्यक्तियों के रूप में कार्य करने वाले) के साथ षड्यंत्र कर अवैध गतिविधियों में संलिप्त थे, वह चिकित्सा सलाह देने एवं मरीजों की सर्जरी करने हेतु पैसे ले रहे थे.
ये सफदरजंग अस्पताल में इलाज के संबंध में निर्धारित नियमों को दरकिनार कर रहे थे. आगे ऐसा आरोप है कि डॉक्टर मनीष रावत बिचौलिए अवनीश पटेल के माध्यम से रोगियों को कनिष्का सर्जिकल दुकान से ही सर्जरी हेतु आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए कहते थे.
यह भी आरोप है कि आरोपियों ने रोगियों को वास्तविक मूल्य से अधिक राशि का भुगतान करने हेतु मजबूर किया एवं उक्त दुकान द्वारा अधिक बिलिंग में हिस्सा प्राप्त किया.
आरोप है कि कुलदीप, दीपक खट्टर के बैंक खातों में बिचौलिए अवनीश के माध्यम से डॉक्टर मनीष रावत के रोगियों के परिजनों/ परिचारकों से हाल ही में तीन अलग-अलग मामलों में 1,15,000 रुपए, 55,000 रुपए और 30,000 रुपए की रिश्वत ली गई.
ऐसा बिचौलिए अवनीश पटेल द्वारा डॉक्टर मनीष रावत के निर्देश पर किया गया.
डॉक्टर मनीष रावत की ओर से बिचौलिया अवनीश पटेल गंभीर रोगियों को इलाज के लिए जल्दी अपॉइंटमेंट दिलाने और जल्दी सर्जरी कराने के लिए पैसा वसूली करता. मरीजों के परिजनों से पैसा दीपक खट्टर, मनीष शर्मा और कुलदीप के पास जमा करवाया जाता था.
यह भी आरोप है कि आरोपी डॉक्टर, उत्तर प्रदेश में बरेली के गणेश चंद्र द्वारा प्रबंधित की जा रही कंपनियों के माध्यम से अवैध रूप से कमाए गए धन का शोधन(मनी लॉन्ड्रिंग) कर रहा था.
सीबीआई द्वारा आरोपियों के दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश आदि सहित विभिन्न परिसरों पर तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, आदि बरामद हुए।
गिरफ्तार आरोपियों को दिल्ली की सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया गया.