कर्नाटक में संभावित हार काे लेकर भाजपा परेशान,बेड़ा पार नहीं करा पाएंगे हनुमान

संदीप ठाकुर

कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग समाप्त हाे गई। मतदान
समाप्त होते ही तमाम एजेंसियां और न्यूज चैनल्स एग्जिट पोल दिखाने लग गए।
इनमें अनुमान लगाया गया कि चुनाव के क्या नतीजे आ सकते हैं? अनुमान तो
अनुमान है। लग गया तीर नहीं तो तुक्का। लेकिन कर्नाटक काे लेकर गत 9 मई
काे भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में
संपन्न इस बैठक में मुख्य रूप से चर्चा कर्नाटक चुनाव परिणाम पर हुई।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री यह जानने काे उत्सुक थे कि
आखिर कर्नाटक में परिणाम क्या रहेंगे। क्या अंतिम घड़ी में गुजरात में
चुनाव का रुख बदल गया था और भाजपा की जीत हुई थी। क्या उसी तरह कर्नाटक
में भी भाजपा जीतेगी ? चूंकि सवाल पीए का था तो बैठक में मौजूद नेताओं
में से कईयों ने अपना नंबर बढ़ाने के लिए कहा कि हनुमान जी बेड़ा पार लगा
देंगे। पार्टी जीत जाएगी। प्रधानमंत्री ने तेवर कड़े कर पूछा कि सही
स्थिति बराइए। तेवर कड़े देख कुछ सदस्यों ने कहा कि हम से अच्छी स्थिति
कांग्रेस की है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है ।

जवाब का क्या असर हुआ यह भाव पीएम के चेहरे पर कोई नहीं पढ़ पाया। इधर चैनलों ने
एग्जिट पोल का ढोल पीटना शुरू कर दिया है। आगे बढ़ने से पहले पिछली बार
कर्नाटक चुनाव को लेकर एग्जिट पोल में क्या दावे थे उस पर एक नजर डालते
हैं। 2018 में 12 मई को कर्नाटक में मतदान हुए थे। 15 मई को नतीजे घोषित
हुए थे। किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं हासिल हुआ था। तब भारतीय
जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा के 104
प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के 80 और
जेडीएस के 37 उम्मीदवार चुनाव जीते थे।भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने
मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने के चलते छह
दिन बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर
सरकार का गठन किया था । जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने
थे। 23 मई 2018 को कुमारस्वामी ने सीएम पद की शपथ ली थी । हालांकि, बाद
में जेडीएस और कांग्रेस के कई विधायकों ने अपनी अपनी पार्टी छोड़ भाजपा
का दामन थाम लिया था । नतीजा 26 मई 2019 को बीएस येदियुरप्पा एक बार फिर
से मुख्यमंत्री बनाए गए थे। 28 जुलाई 2021 को येदियुरप्पा की जगह बसवराज
बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

अब एग्जिट पोल पर आते हैं। 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ चुनिंदा
चैनलों के साथ मिल कर कुल आठ एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए थे। इनमें
से सात ने त्रिशंकु विधानसभा, जबकि एक ने भाजपा की जीत का दावा किया था।
नतीजे काफी हद तक सही निकले थे। इस बार यानी 2023 में जी न्यूज के एग्जिट
पोल में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के बन कर उभर सकती है। आंकड़ों के
मुताबिक कांग्रेस को 103 से 118 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं बीजेपी
को 79 से 94 और जेडीएस को 25 से 33 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में
2 से 5 सीटें जा सकती हैं। सी वोटर-एबीपी न्यूज के एग्जिट पोल में भी
कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर पर सामने आ सकती है। कई अन्य सर्वे में भी
कांग्रेस का पलड़ा ही भारी दिखाया गया है। एशियानेट न्यूज-जन की बात
एग्जिट पोल के अनुसार, कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है।
यहां पर बीजेपी को 94-117 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 91-106
सीटें मिल सकती हैं। जेडीएस को 14-24 सीटें मिलने के आसार हैं। अन्य को
0-2 सीटें मिल सकती है। रिपब्लिक टीवी-एमएआरक्यू एग्जिट पोल के अनुसार,
कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा बन सकती है। यहां भाजपा को 85-100 सीटें
मिलने का अनुमान है, और कांग्रेस को 94-108 सीटों पर जीत हासिल हो सकती
है। JDS को 24-32 सीटें मिल सकती हैं, और अन्य के खाते में 2-6 सीटें आ
सकती हैं।

राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए 2615 उम्मीदवार मैदान में हैं।
उम्मीदवारों में 2,430 पुरुष हैं,184 महिलाएं हैं, और एक थर्ड जेन्डर है।
राज्य में 5.3 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इनमें 11.71 लाख वोटर्स पहली
बार मतदान कर रहे हैं। राज्य में 2.66 करोड़ पुरुष और और 2.63 करोड़
महिलाएं हैं। जबकि 5.71 लाख से ज्यादा दिव्यांग वोटर्स हैं.। 80 वर्ष और
उससे ज्यादा आयु के 12.15 लाख वरिष्ठ नागरिक भी वोटर हैं। जबकि 16,000…
से ज्यादा मतदाता 100 साल से ज्यादा उम्र के हैं।