- प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के बीकानेर से दिल्ली लौटने के बाद क़यासों का बाजार फिर से शुरू
- मोदी के दिमाग़ के घोड़े कब राष्ट्रपति भवन का रुख़ कर लेंगे कहा नही जा सकता
गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : अपने संसदीय प्रदेश उत्तर प्रदेश के साथ ही चुनावी राज्यों छत्तीस गढ़ तेलंगाना औरराजस्थान चार प्रदेशों की अपनी यात्रा के अंतिम कार्यक्रम उत्तर पश्चिम राजस्थान के सीमावर्तीराजस्थान के बीकानेर नगर में विशाल आम सभा को सम्बोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीनई दिल्ली लौट आयें है और इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में मोदी मंत्री परिषद में नौ से बारहजुलाई के मध्य कभी भी फेर बदल और पुनर्गठन की अफ़वाहें फिर से शुरू हो गई है । इसका कारणबीस जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होना और प्रधानमंत्री का तेरह एवं चौदह जुलाई को विदेशयात्रा पर जाना है। फिर 18 जुलाई से अधिक मास भी शुरू होने वाला है। इस मल मास में प्रायः कोईशुभ कार्य नही किए जातें।राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी विभिन्न प्रदेशों के अपने दौरों के बाद नई दिल्लीलौट आई है और शपथ समारोह के लिए अब उनकी उपलब्धता भी है।
चार राज्यों की यात्रा पर रवाना होने से पहलें प्रधानमंत्री मोदी की नई दिल्ली में अपने आवास परकेन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से हुई वार्ता और उससे पहलेप्रगति मैदान के नव निर्मित कन्वेशन हाल में अपने मंत्री परिषद की बैठक में उनका रिपोर्ट कार्ड परखनेके बाद मंत्रीमंडल में फेर बदल का मार्ग प्रशस्त हों गया है। मोदी टू के अपने इस कार्यकाल मेंप्रधानमंत्री ने मंत्री परिषद में एक बार ही बड़ा बदलाव किया है और देश में ताज़ा राजनीतिक घटनाओंराजनीतिक मजबूरियों तथा एनडीए के कुनबे को बढ़ाने के लिए अब मंत्री मंडल का पुनर्गठन अपरिहार्यहो गया प्रतीत हो रहा हैं। यदि अभी भी मंत्री परिषद का विस्तार नही हुआ तों नए बनने वाले मंत्रियोंअथवा विभाग बदलने वाले मंत्रियों को अपनी परफ़ोरमेंस बताने के लिए बमुश्कील छह माह का समयभी नही मिलने वाला। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार इन सभी बातों को देखते हुए मोदी मंत्री परिषद केविस्तार का कम डाऊन शुरू हों गया है और किसी वक्त इसकी जानकारी सार्वजनिक हो सकती है।वैसे मोदी हर किसी को विस्मय में डालने के लिए मशहूर है । अतः उनके दिमाग़ के घोड़े कब राष्ट्रपतिभवन का रुख़ कर लेंगे कहा नही जा सकता।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि किन्ही कारणों से अभी मंत्री परिषद का विस्तार नही होताहै तों मानसून सत्र के बाद और पन्द्रह अगस्त से पहलें यह कार्य होने की संभावनाएँ बन सकतीहैं,अन्यथा कुछ मन्त्रालयों में बदलाव को छोड़ मंत्रिपरिषद का विस्तार हमेशा के लिए टल जाने वालाहै।