- सोचा नहीं था कि हम छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए पांच विकेट गवां देगें
- वेस्ट इंडीज को 114 रन पर रोकना गेंदबाजी इकाई का बढिय़ा प्रयास
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के वेस्ट इंडीज से ब्रिजटाउन में पहला वन डे मैच बिना मशक्कत पांच विकेट से जीतने के बावजूद मेहमान टीम के कप्तान रोहित शर्मा केनसिंगटन ओवल की पिच के व्यवहार खासे हैरान हैं। भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी टीम की आसान जीत के बाद बृहस्पतिवार रात कहा, ‘ मैंने सोचा नहीं था कि पिच इस तरह खेलेगी। इस पिच में स्पिनरों और सीम गेंदबाजों के लिए सब कुछ था। केनसिंगटन ओवल की इस पिच पर रन बनाना खासा मुश्किल था। बावजूद इसके वेस्ट इंडीज को मात्र 114 पर रोकना गेंदबाजी इकाई के बेहतरीन प्रयास के कारण मुमकिन हुआ। जब हम बल्लेबाजी के लिए उतरे तो हमें कभी सोचा नहीं था कि हमने कभी सोचा नहीं था इतने छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए हम पांच विकेट गंवा देंगे। हमारी टीम के कुछ साथी अभी हाल ही में हमसे इस वन डे सीरीज के लिए जुड़े हैं। ऐसे में अपने इन साथी क्रिकेटरों को मैच खेलने का कुछ वक्त देना जरूरी था।
हमने इसीलिए इस वन डे सीरीज के लिए कुछ साथी खिलाडिय़ों को पहले वन डे में खेलने का मौका दिया। हमारे लिए सबसे पहले जरूरी था अच्छी स्थिति में पहुंचना। वेस्ट इंडीज के 114 पर रोकना वाकई बढिय़ा प्रयास था। मैंने तब महसूस किया हम मजबूत स्थिति में हैं। हमारे लिए इसीलिए उन साथियों को मौका देना जरूरी थो कि काफी समय से टीम में साथ नहीं खेले हैं और इसीलिए हमने ऐसे खिलाडिय़ों को अपनी एकादश में जगह दी। इस वेस्ट इंडीज दौरे पर वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट से अपने टेस्ट करियर और बृहस्पतिवार को वन डे अंतर्राष्टï्रीय करियर का आगाज करने वाले मुकेश कुमार को हमने टेस्ट सीरीज में नई गेंद से गेंद को स्विंग कराते देखा। हमने यह भी देखा कि मुकेश बराबर तेज रफ्तार से गेंद कर रहे थे। हम इसीलिए यह देखना चाहते थे कि मुकेश वन डे मे कैसी गेंदबाजी करते हैं। मैंने मुकेश को घरेलू क्रिकेट में खेलते नहीं देखा। ऐसे में मुकेश को सफेद गेंद से गेंदबाजी करते देख अच्छा लगा। मैं मुकेश की गेंदबाजी से खासा प्रभावित हूं।’
मैं और चहल जानते हैं कि संयोजन बहुत अहम होता है: कुलदीप यादव
मैन ऑफ दÓ मैच रहे भारत के बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चार विकेट लेने के बाद कहा, ‘मैं और युजवेंद्र चहल जानते हैं कि संयोजन बहुत अहम होता है। कभी मैं खेलता हूं और कभी युजवेंद्र चहल खेलते हैं हम दोनों की आपसी समझ बहुत अच्छी है। हम दोनों सहज हैं। जब में खेलता हूं तो तब चहल मुझे यह बताते हैं कि मैं क्या कर सकता हूं और मैं क्या बदलाव कर सकता हूं। चहल हमेशा यही चाहते हैं कि मै बढिय़ा गेंदबाजी करूं। जब वह खेलते हैं तो मैं कुछ करता हूं और वह भारतीय टीम के लिए बढिय़ा प्रदर्शन करते हैं। संभवत: यही कारण कि हम दोनों गेंदबाजों की जोड़ी बरसों से अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही है। मैं और चहल बराबर एक दूसरे का साथ देते हैं। दरअसल टीम संयोजन और स्थिति के मुताबिक अक्सर एकादश से बाहर बैठना पड़ता है। यह एकदम सामान्य बात है । मैं इतने लंबे समय से क्रिकेट खेल रहा हूं। मुझे भारत के लिए अपने अंतर्राष्टï्रीय करियर का आगाज किए छह बरस से ज्यादा हो गए हैंऔर बहुत चीजे सहज हो गई। मेरा जोर बराबर अपनी गेंदबाजी पर मेहनत करने पर रहता है जिससे कि मुझे जब भी मौका मिले मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकूं। जब मुझे मौका नहीं भी मिलता तो भी मैं बहुत सहज रहता हूं क्योंकि तब मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव नहीं रहता। जब आप टीम में होते हैं तब आप पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप भारत जैसी बड़ी टीम के लिए खेलते हें और और अनगिनत लोग आपको खेलते देखते हैं। आप इसीलिए अपना सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन करना चाहते हैं।