मौके न भुना पाना बेेशक चिंता का विषय, हम इसका हल तलाशने के करीब: फुल्टन

  • हम अभी भी टूर्नामेंट में, मलयेशिया के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा
  • हम जिस तरह खेलना चाहते हैं उसके बहुत करीब हैं
  • खिलाडिय़ों को खुल कर खेलने की छूट, डी में उन्हें मन की सुननी चाहिए

सत्येन्द्र पाल सिंह

चेन्नै : भारत के जापान के खिलाफ यहां शुक्रवार रात मैच में करीब डेढ़ दर्जन पेनल्टी कॉर्नर मिलने पर दसवें और मात्र एक पेनल्टी कार्नर पर कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह द्वारा दागे गोल से एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी चैंपियनशिप के दूसरे मैच पिछडऩे के बाद तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से दो मिनट पहले दागे एकमात्र गोल से जैसे मैच एक-एक सश ड्रॉ कराने पर भारतीय हॉकी टीम के चीफ कोच क्रेग फुल्टन की रणनीति पर सवाल उठने लगे है। पेनल्टी कॉर्नर पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता की बाबत पूछे जाने पर चीफ कोच फुल्टन अपनी टीम का बचाव करते हैं। भारत के चीफ कोच फुल्टन कहते हैं, ‘जापान के खिलाफ हमने शुरू के 20 मिनट में बहुत बढिय़ा आगाज किया और मैच पर पकड़ बनाए रखी। हमने जापान के गोल पर अच्छे हमले और अपने किले भी अच्छी चौकसी। सच तो यह कि शुरू के दो क्वॉर्टर में किस्मत ने भी हमारा साथ नहीं दिया। जापान ने बहुत मुस्तैदी से अपने किले की चौकसी की। जापान हमारे ड्रैग फ्लिकरों के पेनल्टी कॉर्नर पर फ्लिक को बहुत मुस्तैदी दिखा कर रोका। गोल करने के अपने सभी मौके न भुना पाना बेशक चिंता का विषय है। हम इसका हल तलाशने के करीब है। हम अपने इसके लिए सही संयोजन तलाशने की कोशिश कर आगे बढ़ेेंगे। हम जिस तरह खेलना चाहते हैं उसी तरह खेलना चाहते हैं लेकिन हम अपने गोल करने के मौकों को ठीक से भुना नहीं पा रहे हैं। हम लय पाने के बहुत करीब हैं। हमने दो तीन अच्छे जवाबी हमले बोले। हम अभी भी टूर्नामेट में बने हुए हैं और हमें अब रविवार को मलयेशिया के खिलाफ जीत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। हम अब मलयेशिया के खिलाफ अपने अगले मैच में कुछ नया करने की कोशिश करेंगे।’

फुल्टन कहते हैं, ‘ हमने हमेशा रणनीति पर भरोसा किया। यदि हमारी यह रणनीति कभी कामयाब नहीं हो पाती है तो हमने इसका कारण जानने की कोशिश करते हैं हमने अपने खिलाडिय़ों को डी के पहुंच कर खुल कर प्रतिद्वंद्वी के गोल पर निशाना जमा गोल करने की आजादी दी है। मुझे लगता है कि लेकिन हमारे खिलाडिय़ों पेनल्टी कॉर्नर हासिल करना ज्यादा बेहतर समझा और यह उनकी अपनी पसंद है। खिलाड़ी के पास डी में पहुंचने के बाद बहुत कम विकल्प होते हैं। खिलाड़ी को डी में पहुंच कर अपने ‘मन की बात’ सुननी चाहिए।यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह क्या करना चाहता है। हमारी ओर से हमारे हर खिलाड़ी के डी में पहुंचने कर खुल कर तेज शॉट लगाने की छूट है। हमने अब तक यहां दोनों मैचों में पेनल्टी पर गोल करने की कोशिश के साथ मैदानी गोल करने की भी उतनी शिद्दत से कोशिश की। हम हमें अपना अगला मैच मलयेशिया के खिलाफ खेलना है। हम स्थिति का आकलन करेंगे और इस चैंपियनशिप में वापसी करेंगे। जापान के खिलाफ मिले पर्याप्त पेनल्टी कॉर्नर पर तुुरुप के इक्के हरमनप्रीत सिंह के साथ वरुण कुमार और जुगराज जैसे ड्रैग फ्लिकर ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करने पर ड्रैग फ्लिक से गोल करने का मौका मिला।

मालूम है कि मलयेशिया के खिलाफ मैच में क्या करना है : हरमनप्रीत सिंह
भारत के कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने भी माना जापान की रक्षापंक्ति ने शुक्रवार बेहद मुस्तैदी दिखाई। हरमनप्रीत कहते हैं, ‘हमने अपनी टीम की रणनीति के मुताबिक खेलने की कोशिश की। हमें मालूम है कि मलयेशिया के खिलाफ रविवार के मैच में क्या करना है। जहां तक पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करने को लेकर दबाव की बात है तो इस बाबत बस यही कहूंगा बिल्कुल नहीं। मैंने और हमारी भारतीय टीम ने मैदान पर हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। हम टीम प्रबंधन के निर्देशों को मान कर उसी के मुताबिक खेलते हैं। हम उसी तरह वहां से हमले बोलने की कोशिश करेंगे, जहां से हमले बोल चीन के खिलाफ गोल किए थे।