- ‘नौजवान ध्यानचंद के नक्शेकदम पर चल खेलों को करियर बनाए’
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : हॉकी के जादूगर दद्दा मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को उनको नमन करते हुए भारत आज राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मना रहा है। 29 अगस्त, 1905 को इलाहबाद में जन्मे मेजर ध्यानचंद के जन्म दिन को 2012 से राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जा रहा रहा है। ध्यानचंद ने देश के आजाद होने से पहले भारत को लगातार तीन ओलंपिक में -1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजेल्स) और 1936 (बर्लिन) -में हॉकी में स्वर्ण पदक जिता कर उसे हॉकी की बड़ी ताकत के रूप में अलग पहचान दिलाई थी। ध्यानचंद पीढिय़ों से भारतीय हॉकी खिलाडिय़ों के प्रेरणास्रोत हैं और आने वाली पीढिय़ों के लिए भी रहेंगे। भारत की पुरुष हॉकी टीम के कप्तान दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और महिला हॉकी टीम की ‘दीवार’ कप्तान गोलरक्षक सविता पूनिया ने नौजवानों से ध्यानचंद के नक्शेकदम पर चलते हुए खेलों को करियर बनाने की गुजारिश की।
खेलों को जिंदगी जीने के तरीके के रूप में चुनें : हरमनप्रीत सिंह
भारत की पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘खेल अनुशासन, खेल भावना, टीम भावना और जीवट जिंदगी के अहम कौशल हासिल करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिंदगी में बहुत कम उम्र में इस तरह के कौशल जैसे जिंदगी के मूल्यों से रूबरू होने से चरित्र निर्माण में मदद मिलती है। खेल इनसान के रूप में बेहतर बनने के लिए अहम हैं। जहां तक मेरा खुद का ताल्लुक है मैं बहुत कम उम्र से खेल खासतौर पर हॉकी खेलते बड़ा हुआ और इसने मुझे कई अहम जीवन मूल्यों की अहमियत बताई। मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। आपके लिए अहम पूरी तरह एकाग्र रहना और अपना सर्वश्रेष्ठ देना। मेरा यह भी मानना है कि ये मूल्य इनसान को आगे बढऩे और बराबर अच्छी स्थिति में बनाए रखने में मदद करते हैं। मैं अपने भारतवासियों को राष्ट्रीय खेल दिवस की दिल से बधाई देता हूं। मैं चाहूंगा कि आप खेलों को जिंदगी जीने के तरीके के रूप में चुनें।’
युवा ऐसा खेल चुने जो उन्हें पसंद हो, वे उसमें करियर बनाएं: सविता
भारत की महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता ने कहा, ‘ ‘खेल खिलाड़ी को जेहनी तौर पर स्वस्थ रखते ही हैं और शारीरिक रूप से फिट बनाते हैं। हॉकी खेलने से ही मैं खुद को सभी स्वस्थ रखने और जिंदगी की सभी चुनौतियों के लिए तैयार रख पा रही है। राष्ट्रीय खेल दिवस पर मैं देश के युवाओं से यह आग्रह करती हूं कि वे ऐसा खेल चुने जो उन्हें पसंद और वे उसमें करियर बनाएं।’