- इस बार लोकसभा चुनाव में हम करेंगे 400 का आँकड़ा पार
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सायं लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष पर विशेष कर कांग्रेस और गांधी परिवार पर जम कर हमला बोला। उन्होंने प्रतिपक्ष की टोकाटकी के मध्य दो घंटे लंबे अपने भाषण में कहा कि देश में सबसे अधिक मंहगाई 1974 में इंदिरा गांधी के शासन काल में 30 प्रतिशत तक पहुंची थी और मंहगाई पर “मंहगाई डायन मार गई……”जैसे गाने भी बने थे जबकि हम मंहगाई पर नियंत्रण करने और भारत को विश्व की तेजी से आगे बढ़ती पांचवी अर्थ व्यवस्था वाले देश की सूची में सफल रहें है।उन्होंने दावा किया कि यह
मोदी की गारंटी है कि एन डी ए सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। प्रधान मंत्री ने मूल्य वृद्धि पर भी बात की और 1974 में 30 प्रतिशत मुद्रास्फीति की दर का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले दिनों विश्व में दो युद्धों और कोरोनो वायरस महामारी के कालखंड में भी भारत में मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए हमारी सरकार ने गंभीर प्रयास किए है।
प्रतिपक्ष के मणिपुर मणिपुर.. के नारों और एन डी ए के सांसदों के जय श्रीराम तथा मोदी मोदी के नारों एवं मेजों की भारी थपथपाहट के मध्य प्रधान मंत्री मोदी ने अपने धारा प्रवाह भाषण से प्रतिपक्ष की कई बार बोलती बंद की। उन्होंने अपने दो घंटे के भाषण में दो बार ही पानी पिया तथा प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एवं इंदिरा गांधी के लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषणों को कोड करते हुए तीखे प्रहार किए तथा कहा कि विकास के लिए कांग्रेस की सुस्त रफ्तार से देश हमेशा पीछे रहा लेकिन आज दुनिया के सभी देश भारत का लोहा मान रहे है। प्रधानमंत्री मोदी ने परिवादवाद और वंशवादी राजनीति पर प्रतिपक्ष खास कर कांग्रेस को घेरा । साथ ही वंशवादी राजनीति के खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, “मैं राजनीति में उन सभी युवाओं का स्वागत करता हूं जो देश की सेवा करने के लिए यहां आए हैं।” उन्होंने राजनीति में एक वंशवादी संस्कृति के उभरने पर अफसोस जताया और कहा कि देश में जो विकास हो रहा है वह किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि हर नागरिक का है।
मोदी ने कहा कि हम अपने पहले कार्यकाल में पिछली सरकारों के गड्ढे भरते रहे, दूसरे कार्यकाल में हमने नए भारत की नींव रखी और अब कुछ महीनों बाद ही हम अपने तीसरे कार्यकाल में विकसित भारत के विकास को गति देंगे। एन डी ए सरकार का तीसरा कार्यकाल अगले1000 वर्षों के लिए भारत की नींव रखेगा।
प्रधानमंत्री ने पहले कार्यकाल की योजनाएं गिनाईं और स्वच्छ भारत, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुगम्य भारत, डिजिटल इंडिया और जीएसटी लागू करने आदि का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि हमने भारतीय न्याय संहिता को अपनाना, 40,000 से अधिक अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया और दूसरे कार्यकाल में वंदे भारत और नमो भारत ट्रेनों का शुभारंभ कर एक नया इतिहास बनाया।
मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, लोगों ने तेजी के साथ हमारे विकास कार्यों और लंबित परियोजनाओं को समय पर पूरा होते देखा है। पीएम मोदी ने उस समय को याद किया जब सदन में चर्चा देश में घोटालों के इर्द-गिर्द घूमती थी। उन्होंने पिछली सरकारों की तुलना में पीएमएलए के तहत मामलों में दोगुनी वृद्धि और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्ती 5,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये होने का उल्लेख किया। साथ ही कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से आज 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमने सभी जब्त किए गए धन का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया गया है।उन्होंने कश्मीर में धारा 370 को हटाए जाने की चर्चा करते हुए अयोध्या में बनाए गए राम मंदिर का उल्लेख भी किया और कहा कि राम मंदिर भारत की महान संस्कृति और परंपरा को ऊर्जा देता रहेगा।
प्रधान मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष से ओलंपिक तक भारत में अब ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां देश की बेटियों के लिए दरवाजे बंद हों। आज सभी स्थानों पर महिलाओं का बोलबाला बढ़ा है जिस पर हमें गर्व करना चाहिए। आज देश 3 करोड़ लखपति दीदियों को देखेगा। उन्होंने उस सोच में बदलाव पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज लड़कियों के जन्म पर जश्न मनाया जाता है ।
प्रधानमंत्री ने सदन में अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति जी के अभिभाषण देने के लिए नए सदन में पहुंचने और परंपरा अनुसार उनका अनुसरण करने से किया। पीएम मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि हमारे लोकतन्त्र की यह विरासत सदन की गरिमा को कई गुना बढ़ा देती है । उन्होंने कहा कि इस बार 75वां गणतंत्र दिवस और नया संसद भवन में आगमन को बहुत प्रभावशाली घटना बताई। उन्होंने कहा कि इस बार का अभिभाषण एक ऐसा दस्तावेज है जो भारत की प्रगति की गति और पैमाने के साथ ही इस तथ्य पर भी ध्यान आकर्षित करता है कि नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीबों और अन्नदाता के चार स्तंभों को विकसित और मजबूत कर ही देश तेजी से विकसित हो सकता है।
प्रधान मंत्री ने भ्रष्टाचार से अंत तक लड़ने की अपनी प्रतिज्ञा को दर्शाते हुए कहा, “जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें वापस भुगतान करना होगा।” देश में अमन-चैन बनाए रखने के सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने दोहराया कि दुनिया आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने अलगाववाद की विचारधारा की निंदा करते हुए भारत के रक्षा बलों की क्षमताओं पर गर्व और विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हो रहे विकास की भी सराहना की।
पी एम मोदी ने बताया कि देश का इंफ्रास्ट्रक्चर बजट 2014 से पहले के 10 साल के 12 लाख करोड़ से बढ़कर पिछले 10 साल में 44 लाख करोड़ रुपये हो गया है। प्रधान मंत्री ने किसान कल्याण के बारे में बोलते हुए, बताया कि वार्षिक कृषि बजट पिछली सरकारों के दौरान 25,000 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 2,80,000 करोड़ रुपये, पीएम फसल बीमा योजना के तहत 30,000 रुपये के प्रीमियम पर 1,50,000 करोड़ रुपये, मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए एक समर्पित मंत्रालय का गठन और मछुआरों के लिए पीएम किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही जानवरों की जान बचाने के लिए खुरपका और मुंहपका रोग के लिए 50 करोड़ टीकाकरण का भी किया गया है।वर्तमान सरकार ने ग्रामीण गरीबों के लिए 4 करोड़ घर और शहरी गरीबों के लिए 80 लाख पक्के घर बनाए।
उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में, 40,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया, 17 करोड़ अतिरिक्त गैस कनेक्शन प्रदान किए गए, और स्वच्छता कवरेज 40 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत हो गया।उन्होंने उचित प्रणाली और आर्थिक नीतियां विकसित करके देश को दुनिया का अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने के लिए भारत के युवाओं को प्रोत्साहित करने का भी उल्लेख किया। देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री ने भारत को हरित हाइड्रोजन और अर्धचालक क्षेत्रों में निवेश का नेतृत्व करने का आह्वान किया।
प्रधान मंत्री मोदी ने देश के 140 करोड़ नागरिकों की क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।उन्होंने दोहराया कि अगर गरीबों को सही संसाधन और आत्म-सम्मान प्रदान किया जाए तो वे गरीबी को हरा सकते हैं। मोदी ने बताया कि आज देश में 50 करोड़ गरीबों के पास अपने बैंक खाते है , 4 करोड़ के पास अपना घर है,11 करोड़ के पास नल के पानी का कनेक्शन हैं, 55 करोड़ के पास आयुष्मान कार्ड और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिल रहा हैं।
भारत के युवाओं के लिए पैदा हुए अवसरों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री ने स्टार्टअप युग के आगमन, यूनिकॉर्न, डिजिटल रचनाकारों के उद्भव और उपहार अर्थव्यवस्था के बारे में बात की। पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि आज, भारत दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था है और यह भारत के युवाओं के लिए कई नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने भारत में मोबाइल विनिर्माण और सस्ते डेटा की उपलब्धता पर भी बात की। पीएम मोदी ने भारत के युवाओं को रोजगार के अवसर और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण पर जोर दिया।उन्होंने भारत के पर्यटन क्षेत्र और विमानन क्षेत्र में हुई वृद्धि को भी रेखांकित किया।
प्रधान मंत्री ने कहा कि “मोदी उन लोगों के लिए चिंतित हैं जिनकी कभी किसी को चिंता नहीं थी”। मोदी ने उन रेहड़ी-पटरी वालों का जिक्र करते हुए कहा, जो अब पीएम स्वनिधि के तहत ब्याज मुक्त ऋण लेते हैं। उन्होंने कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए विश्वकर्मा योजना, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए पीएम जन मन योजना, वाइब्रेंट सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए ग्राम कार्यक्रम, बाजरा उत्पादन पर ध्यान, वोकल फॉर लोकल और खादी क्षेत्र को मजबूत बनाने आदि के संबंध में भी अपने भाषण में जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और बताया कि कैसे पिछली सरकारों द्वारा इस महान व्यक्तित्व के साथ अनादर का व्यवहार किया गया था। उन्होंने 1970 के दशक में जब ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों को याद किया।
मोदी ने कहा कि मैं आंकड़ों में कम विश्वास करता हूं लेकिन आज देश में जो वातावरण है उससे तय है कि अबकी बार हम 400 के पार के आंकड़े को छुएंगे और भाजपा को अकेले 375 सीटें मिलेगी। प्रधान मंत्री मोदी ने कटाक्ष किया कि लगता है कांग्रेस और प्रतिपक्ष लंबे समय तक सामने वाली बैंचों पर ही बैठेगा। उन्होंने कहा कि इनका गठबंधन समय से पहले ही ध्वस्त हो गया है। उनका भानुमति का कुनबा कन्ही की ईट कही का रोड़ा कभी एक नही हो सकता।
अपने तेज तर्रार शेली के भाषण से प्रतिपक्ष पर हमला करने के बावजूद प्रधान मंत्री मोदी ने विपक्षी सांसदों से अपील की कि मैं माँ भारती और इसके 140 करोड़ नागरिकों के विकास में आपका समर्थन माँगता हूँ। मजबूत विपक्ष की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने सदन के सदस्यों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में अपने विचार और सुझाव देने के लिए धन्यवाद भी दिया।
कुल मिला कर संसद में सोमवार को प्रधान मंत्री के प्रभाव शाली भाषण ने एक बार फिर से देश वासियों को भरोसा दिया कि लाख विरोध के बावजूद न उनका विकास रथ रुकने वाला नही है और नही संसद ने उनकी पार्टी भाजपा और एन डी ए कमजोर होने वाली हैं।
अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि प्रधान मंत्री के दावे के अनुसार 18 वीं लोकसभा में भाजपा और एन डी ए की ताकत कितनी अधिक बढ़ने वाली है और भावी संसद का परिदृश्य कैसा रहने वाला होगा?