राजस्थान के नेताओं ने प्रवासियों को साधना शुरू किया

Rajasthan leaders started courting migrants

  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नई दिल्ली दौरा, पश्चिमी दिल्ली की भाजपा प्रत्याशी कमलजीत सहरावत के नामांकन और रोड शो में शामिल हुए
  • पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात दौरे पर पहुंचे

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने के बाद प्रदेश के नेताओं ने प्रवासियों को साधना शुरू कर दिया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पश्चिम बंगाल और झारखंड के अपने तीन दिवसीय चुनावी दौरे के बाद गुरुवार को नई दिल्ली का दौरा किया। मुख्यमंत्री शर्मा ने नई दिल्ली के जनकपुरी में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी कमलजीत सहरावत के नामांकन और रोड शो में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने जनता से भाजपा को प्रचंड मतों से विजयी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रोड शो में उमड़े अथाह जन समूह ने यह सिद्ध कर दिया कि यहां का जन-जन ‘विरासत’ को ‘विकास’ से जोड़ने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अटूट विश्वास रखता है और वे अपने मताधिकार का सदुपयोग करते हुए मोदी जी को तीसरी बार माँ भारती की सेवा का पुण्य अवसर प्रदान करने हेतु संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि कमलजीत सहरावत अपनी ऐतिहासिक विजय के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प ‘अबकी बार 400 पार’ को अवश्य साकार करेंगी। नामांकन और रोड शो के बाद मुख्यमंत्री शर्मा भाजपा प्रत्याशी कमलजीत सहरावत के समर्थन में आयोजित एक स्थानीय कार्यक्रम में भी मौजूद रहें। रोड शो में दिल्ली भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अन्य नेता भी मौजूद थे। इसके पहले जयपुर से नई दिल्ली पहुंचने पर मुख्यमंत्री शर्मा का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह प्रदेश गुजरात के दौरे पर पहुंचे। वे गुजरात में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे। गहलोत पूर्व में गुजरात के पार्टी प्रभारी भी रहे है। अहमदाबाद पहुंचने पर गहलोत का कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा अभिवादन किया गया। गहलोत गुजरात के साथ मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे।

इससे पहले अशोक गहलोत ने एक बयान देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला हैं। गहलोत ने कहा कि मोदी को यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि हम आरक्षण समाप्त नहीं करेंगे ? उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान अजीबो-गरीब आ रहे हैं। पता नहीं क्या बोल रहे हैं? दो भैंस होंगी तो एक भैंस कांग्रेस ले लेगी,यह क्या बयान है ? हमारी कांग्रेस सरकार ने तो दो गाय और दो भैंस का बीमा किया था। गहलोत ने कहा कि यह पता नहीं कहां से मंगलसूत्र लेकर आ गए ? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आलोचना करने से कांग्रेस का मैनिफेस्टो और लोकप्रिय हुआ है। गहलोत ने कहा कि 400 पार तो छोड़िए,अगर एनडीए सरकार चली जाए तो कोई आश्चर्य नहीं करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मिल कर डबल डिजिट में सीटें जीतेगी। गहलोत ने कर्नाटक के कथित सेक्स स्कैंडल पर कार्रवाई की मांग भी की।

गहलोत के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट,राज्य सभा सांसद तथा प्रदेश के अन्य कांग्रेस नेता भी विभिन्न प्रदेशों में जाकर पार्टी और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में वातावरण बना रहे है।

इसी प्रकार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, भाजपा के प्रदेश पदाधिकारीगण,भजन लाल मंत्रिपरिषद के सदस्य, निवर्तमान सांसद, राज्य सभा के सांसद आदि प्रदेश के चुनाव प्रचार से फ्री होकर अब ने प्रदेशों में पार्टी प्रत्याशियों के लिए अनुकूल हवा बनाने में जुट गए है। गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी देश के दक्षिणी राज्य उड़ीसा के दौरे पर रहें, जहां उन्होंने संसदीय क्षेत्र कटक में संगठन की महत्वपूर्ण बैठक ली तथा जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन और आशीर्वाद लेकर प्रधानमंत्री मोदी के हाथ मजबूत करने की दिशा में सघन जनसंपर्क किया है। प्रदेश भाजपा के150 नेताओं को देश के सात राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए लगाया गया हैं।

इधर राजस्थान की अजमेर लोकसभा सीट के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के नांदसी गांव के एक बूथ संख्या 195 पर गुरुवार को हुए पुनर्मतदान में 68.66 प्रतिशत मतदान हुआ।

नांदसी गांव के बूथ संख्या 195 पर हुए इस पुनर्मतदान में पंजीकृत 753 वोटर्स में से 517 मतदाताओं गे अपना वोट डाला।उल्लेखनीय है कि विगत 26 अप्रैल को हुए मतदान में पोलिंग पार्टी ने मतदाता रजिस्टर खो दिया था जिसकी वजह से गुरुवार को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक की अवधि में मतदान हुआ। जिला निर्वाचन विभाग ने पुनर्मतदान की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की थी। राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि ‘पुनर्मतदान वाले बूथ का निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों द्वारा अवलोकन किया गया । मतदान केंद्र का सामान्य चुनाव पर्यवेक्षक के. मंजूलक्ष्मी और पुलिस चुनाव पर्यवेक्षक डी.नरसिम्हा किशोर ने किया अवलोकन किया ।

लोकसभा चुनावों के चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों का लक्ष्य प्रवासी राजस्थानियों के वोटों को साधना है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सहित देश के हर प्रांत में प्रवासी राजस्थानी वोटर्स भारी तादाद में है। प्रवासी राजस्थानियों का हर जगह अपना रुतबा भी है जिसके कारण वे चुनावों के दौरान अहम भूमिका निभाने की स्थिति में है। अब यह देखना रोचक होगा कि राजस्थान के नेता विभिन्न प्रदेशों में अपने पार्टी प्रत्याशियों के लिए कितने उपयोगी रहेंगे और प्रवासी राजस्थानियों को किस सीमा तक साध पाएंगे?