राजस्थान में लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर कयासों का बाजार थमने का नाम नहीं ले रहा है !
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
देश और प्रदेश के चुनाव परिणामों के बारे में सट्टा बाजार के है अपने अलग अनुमान लगाए जा रहें है। फलौदी और चूरू का सट्टा बाजार इस बार देश में भाजपा की सीटों में कमी होने का दावा कर रहा है। सट्टा बाजार में दखल रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि 400 पार का दावा ठोकने वाली भाजपा इस बार देश में 275 सीटों तक भी लुढ़क सकती है। उनका कहना है कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और अन्य प्रदेशों के बारे में फलौदी सट्टा बाजार के पिछले अनुमान सटीक रहे है। जबकि भाजपा के सूत्रों का कहना है कि सट्टा बाजार के छत्तीसगढ,मध्य प्रदेश एवं राजस्थान विधान सभा चुनावों के बारे में लगाए गए पूर्वानुमान गलत साबित हुए थे। देश में इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंधी है और भाजपा रिकार्ड संख्या में लोकसभा सीटें जीत कर 18 वीं लोकसभा में प्रवेश करने तथा देश विदेश में लोकप्रिय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी 3 सरकार बनाने जा रहे है। राजस्थान के बारे में भी सट्टा बाजार का आकलन कुछ अलग ही बताया जा रहा है। प्रदेश की बाड़मेर,चूरू, झुंझुनूं, श्री गंगा नगर, दौसा, धौलपुर करौली, बांसवाड़ा डूंगरपुर, भरतपुर, टोंक सवाईमाधोपुर आदि सीटों पर भाजपा के कड़े मुकाबले में होने से नुकसान का अंदेशा बताया जा रहा है।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर कयासों का बाजार थमने का नाम नहीं ले रहा है,जबकि चुनाव परिणाम चार जून आने में अभी भी 25 दिनों का समय शेष है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाएं हाथ और भाजपा के चाणक्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले दिनों राजस्थान में इस बार बीजेपी की प्रदेश की सभी 25 में से 25 सीटें जितने में एक दो सीटें की कसर रहने के बयान ने चाय के प्याले में तूफान का काम किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस के नेता हमलावर हो गए है और कहने लगे है कि इस बार राजस्थान में भाजपा की जीत की हैट्रिक नही बनाने वाली और दस वर्षों के सूखे के बाद राजस्थान में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल विजय का खाता खोलने जा रहे है। इधर भाजपा के नेता विशेष कर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटें जीत कर इस बार भी ऐतिहासिक जीत हासिल करने जा रही है। ये नेता जोकि इन दिनों देश के अन्य प्रदेशों में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर प्रवासी राजस्थानियों और मारवाड़ियो को साध रहे हैं,बार बार कह रहे है कि भाजपा राजस्थान में इस बार भी 25 में से 25 लोकसभा सीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प अबकी बार 400 पार को पूरा करने में अपना योगदान देंगी।
इधर प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेता और भजन लाल मंत्रिपरिषद के सबसे वरिष्ठतम मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने यह बयान देकर सनसनी फैला दी है कि यदि दौसा में उनका उम्मीदवार कन्हैया लाल मीना लोकसभा चुनाव में पराजित हो जाएगा तो वे अपने वादे के अनुसार मंत्री पद छोड़ देंगे। उन्होंने सवाई माधोपुर की एक सभा में विश्वास के साथ कहा कि दौसा में भाजपा का प्रत्याक्षी कन्हैया लाल मीना कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व मंत्री और विधायक मुरारी लाल मीणा को कड़ी शिकस्त देगा। जबकि कांग्रेस का दावा सौ फीसदी इस सीट पर जीतने का है। कांग्रेस का मानना है कि मीणा गुर्जर मुस्लिम,यादव और कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स इस बार प्रदेश में नया गुल खिलाएंगे।
इस प्रकार इन दिनों राजस्थान में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ चुनाव परिणामों के कयासों को लेकर सियासत का पारा लगातार उबाल पर है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार बीजेपी क्लीन स्वीप नहीं कर पाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के सबसे बड़े रणनीतिकार अमित शाह के बयान ने राजस्थान की सियासत में बवाल खड़ा कर दिया है। अमित शाह ने स्वीकार किया है कि इस बार बीजेपी की सीटों में कुछ कमी हो सकती है। यानी क्लीन स्वीप का दावा करने वाली बीजेपी अब बैक फुट पर जाती हुई नजर आ सकती है। हालांकि दोनों चरणों के मतदान के बाद भाजपा द्वारा प्रदेश में बीजेपी के सभी सीटों को जीतने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन राजनीतिक जानकार अमित शाह के बयान को लेकर कई सियासी मायने निकल रहे हैं।
इधर फिलहाल तेलांगना और अन्य प्रदेशों में प्रवासी राजस्थानियों को साधने में जुटे भजन लाल लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा में राजस्थान सरकार का पूर्ण बजट पेश करने की तैयारिया शुरू कर दी है। विशेष कर प्रदेश के शहरों के विकास के लिए करीब तीन हजार करोड़ रुपए का खाका भी तैयार किया गया है।बी इसमें यातायात सुधार,ड्रेनेज,सड़क निर्माण,धार्मिक स्थलों का विकास और जल संरक्षण से जुड़े प्रोजेक्ट्स शामिल किए गए हैं। अकेले जयपुर विकास प्राधिकरण के 24 सौ करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स हैं।
उधर देश का राजनीतिक वातावरण भीषण गर्मी की ही तरह दिनों दिन गर्म होता जा रहा है। भाजपा पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा राहुल गांधी के बारे में दिए गए बयान और सैम पात्रादा द्वारा देश में रंग भेद पर दिए उनके बयान को मुद्दा बना रही है। हालांकि उनके बयान से कांग्रेस केकन्नी काटने के बाद उन्होंने ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं कांग्रेस प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके अपने नजदीकी माने जाने वाले अंबानी और अडानी के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर किए जा रहें व्यंग पर बढ़ चढ़ कर बोल रही है।
देखना है कि देश में लोकसभा के शेष रहें चार चरणों के चुनाव में नेताओं के व्यंग बाणों को किस सीमा तक तेज करते है और इन बयानों का आने वाले चरणों के मतदान पर क्या असर रहने वाला है?