- सीएसके को प्ले ऑफ पहुंचने के लिए मात्र एक अंक की जरूरत
- बारिश के कारण मैच धुला तो भी सीएसके प्ले ऑफ में पहुंच जाएगी
- विराट, जैक, फाफ व पाटीदार आरसीबी को जिताने में कसर नहीं छोड़ेंगे
- स्पिनर स्वप्निल और कर्ण लेंगे सीएसके के गायकवाड़ व शिवम का इम्तिहान
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : एक शतक और पांच अर्द्धशतक सहित रन बनाने में शीर्ष पर चल रहे विराट कोहली, पांच अर्द्धशतक जड़ चुके रजत पाटीदार, तीन अर्द्धशतक जड़ने वाले कप्तान फाफ डू प्लेसी, एक शतक और एक अर्द्धशतक जड़ने वाले विल जैक सहित देर से रंग मे आने वाले अपने शीर्ष क्रम की बदौलत अपने पिछले लगातार पांच मैच सहित 13 में से कुल छह मैच जीतने वाली विजय रथ पर सवार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) अपने घर बेंगलुरू मे शनिवार को चेन्नै सुपर किंग्स (सीएसके) पर रिटर्न व अपने 14 वें आखिरी मैच में जीत और नेट रन बेहतर कर अपने पहले बेहद करीबी मैच में चेन्नै में पांच विकेट की हार का हिसाब चुकता कर प्ले ऑफ में स्थान पाने की आस में उतरेगी। आरसीबी यदि सीएके से अपना अंतिम लीग मैच जीतती है तो दोनों टीमों के 14-14 मैचों से समान रूप से 14-14 अंक हो जाएंगे। सीएसके ने आरसीबी से पिछले पांच में चार मैच जीते हैं। बावजूद इसके हकीकत यह है कि देर से रंगत पाने वाले आरसीबी को हराना सीएसके के लिए शनिवार को कतई आसान नहीं रहने वाला है।
फिलहाल सीएसके का नेट रन रेट आरसीबी से बेहतर है। ऐसे में प्ले ऑफ में पहुंचने वाली चौथी टीम की दौड़ से सीएसके को बाहर करने के लिए मसलन 200 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आरसीबी को ये रन 18.1 ओवर में बनाने होंगे। यदि आरसीबी पहले बल्लेबाजी करते हुए 200 रन बनाती है तो फिर उसे सीएसके को प्ले ऑफ की होड़ से बाहर करने के लिए 18 रन से हराना होगा। वहीं सीएसके को प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए आरसीबी के खिलाफ अपने आखिरी लीग व रिटर्न मैच से मात्र एक अंक चाहिए। यदि ऐसे में सीएसके का बारिश के कारण आरसीबी के खिलाफ शनिवार का मैच धुल भी जाता है तो भी वह प्ले ऑफ में पहुुंच जाएगी। सीएसके की टीम यदि आरसीबी से अपना मैच जीत जाती है और राजस्थान रॉयल्स की टीम एसआरएच से मैच हार जाती या एसआरएच अपने आखिरी मैच से एक से ज्यादा अंक नहीं पाती है सीएसके दूसरे स्थान की दावेदार हो सकती है।
विराट कोहली (कुल 661 रन), कप्तान व उनके सलामी जोड़ीदार फाफ डू प्लेसी(कु़ल 367 रन), रजत पाटीदार (कुल 320 रन), विल जैक (8 मैच, 230 रन), फिनिशर दो अर्द्धशतक जड़ने वाले दिनेश कार्तिक (कुल 301 रन) के रूप में मौजूद आईपीएल में अब पूरे रंग में आ चुका आरसीबी का मजबूत शीर्षक्रम खासतौर पर सीएसके के बांग्लादेशी बाएं हाथ के मुस्तफिजुर रहमान (9 मैच , 14 विकेट), मतीशा पथिराना (6 मैच, 13 विकेट) के स्वदेश लौटने और चोट के चलते बाहर दीपक चाहर (8मैच, कुल 5विकेट) बाहर होने का लाभ उठाकर खासतौर पर सिमरजीत सिंह (3 मैच, 5 विकेट) और शार्दूल ठाकुर (8 मैच, 3 विकेट) जैसे तेज गेंदबाजों और अनुभवी बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (8 विकेट), मोइन अली (8 मैच, 2 विकेट) और महेश तीक्ष्णा (4 मैच, 2 विकेट) को निशाना बना उसे जिताने और उसका नेट रन रेट बेहतर करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। मौजूदा आईपीएल में आरसीबी की बल्लेबाजी की सबसे मजबूत कड़ी विराट कोहली ने खासतौर पर स्लॉग स्वीप को स्पिनरों से निबटने के लिए जिस तरह कारगर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया उसके मद्देनजर चेन्नै सुपर किंग्स के जडेजा, मोइन और तीक्ष्णा जैसे स्पिनरों के लिए उन्हें अपने घरेलू बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रोकना खासतौर पर विस्फोटक विल जैक के साथ रोकना खासा मुश्किल रहना वाला है।
मौजूदा आईपीएल में विराट कोहली के बाद रन बनाने में दूसरे स्थान पर चल रहने चेन्नै सुपर किंग्स के कप्तान एक अर्द्धशतक व चार अर्द्धशतक जड़ने ऋतुराज गायकवाड़ (कुल 583 रन), तीन अर्द्धशतक जड़ने वाले शिवम दुबे (कुल 389 रन), दो अर्द्धशतक जड़ने वाले डैरल मिचेल(12 मैच,कुल 314 रन) तथा एक अर्द्धशतक जड़ने वाले रवींद्र जडेजा (कुल 215 रन) की कोशिश आरसीबी के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (12 मैच, 12 विकेट), कैमरून ग्रीन (11 मैच, 8 विकेट) और लॉकी फर्गुसन (5 मैच, 7 विकेट) को निशाना बना अपनी टीम को जीत दिलाने की होगी। आरसीबी के लिए एक अच्छी खबर है कि उत्तर प्रदेश के बाएं हाथ के स्पिनर स्वप्निल सिंह (5 मैच, 6 विकेट) और लेग स्पिनर कर्ण शर्मा( सात मैच, 6 विकेट) ने सही वक्त पर प्रतिद्वंद्वी टीम के विकेट चटकाने के साथ पिछले करीब आधा दर्जन मैच में खासा तरसाया है । ऐसे में स्वप्निल और कर्ण शर्मा स्पिन का जाल बुन खासतौर पर बीच के ओवर में शिवम दुबे, डैरल मिचेल, रवींद्र जडेजा और मोइन अली जैसे ऑलराउंडरों को आउट सीएसके की जीत की उम्मीद पर पानी फेर कर उसका सारा गणित बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
शनिवार का मैच : आरसीबी वि. सीएसके, बेंगलुरू (शाम साढ़े सात बजे से)।