ज्योतिष और कर्म सिद्धांत पर कार्यशाला आयोजित
लखनऊ : इंडियन काउंसिल ऑफ़ एस्ट्रोलाजिकल साइंसेज- यूपी चैप्टर-2 के तत्वावधान में रविवार को सिटी मांटेसरी स्कूल महानगर के सभागार में “ज्योतिष और कर्म सिद्धांत” पर कार्यशाला आयोजित की गयी। इस मौके पर ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न गूढ़ रहस्यों पर चर्चा के साथ के साथ ही कर्म की महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्र मणि त्रिपाठी ने कर्म और भाग्य के मिलन को सफलता के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि एक ही समय यानि एक ही ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति में जन्म लेने वाला एक बच्चा बहुत सफल हो जाता है तो एक से सफलता कोसों दूर होती है। इसका प्रमुख कारण उनका कर्म होता है। इसी के साथ ही उन्होंने संचित कर्म और प्रारब्ध कर्म पर भी प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज्योतिष को भय पैदा करने वाली विद्या नहीं समझनी चाहिए बल्कि उसको जीवन में अच्छे कर्म की दिशा दिखाने वाली विद्या के रूप में समझना चाहिए।
कर्म और भाग्य एक सिक्के के दो पहलू : रमेश चिंतक
इस मौके पर इंडियन काउंसिल ऑफ़ एस्ट्रोलाजिकल साइंसेज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश चिंतक ने ज्योतिष को ब्रह्म विद्या बताते हुए कहा कि यह वेदों के नेत्र के रूप में है जो कि पारलौकिक दृष्टि प्रदान करती है। ज्योतिष की शिक्षा प्राप्त करने वालों को उन्होंने सलाह दी कि देवताओं से देवता जैसा व्यवहार करेंगे तभी वह अपना रहस्य खोलेंगे और तभी सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। उन्होंने भाग्य और कर्म को एक सिक्के के दो पहलू के रूप में व्याख्यायित किया। इंडियन काउंसिल ऑफ़ एस्ट्रोलाजिकल साइंसेज- यूपी चैप्टर-2 के चेयरमैन सूर्यकान्त मिश्र ने संस्था के कार्यों और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सही कर्म करने पर भी कभी-कभी उचित परिणाम न मिलने से निराशा का भाव आता है क्योंकि यह एक क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। इसी क्रम में उन्होंने राम की शक्ति पूजा का उदाहरण भी दिया।
कार्यशाला की अतिथि ऋचा रस्तोगी- कमिश्नर इनकम टैक्स, रेलवे अभियांत्रिकी सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रजनीश गुप्ता, ट्रांसपोर्ट ट्रिब्यूनल के अरविन्द मिश्र, अपर प्रधान वन संरक्षक संजीव कुमार और सीएमएस महानगर की प्रिंसिपल कल्पना त्रिपाठी ने भी इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किये। इंडियन काउंसिल ऑफ़ एस्ट्रोलाजिकल साइंसेज- यूपी चैप्टर-2 के फैकल्टी मेम्बर प्रकाश ने नवतपा के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और प्रकृति के लिए इसे आवश्यक भी बताया। कार्यशाला में ज्योतिष के गूढ़ अध्ययन में संलग्न नितिन द्विवेदी ने भी ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियों और उनके फल के बारे में बताया। इसके अलावा रेणु, ख़ुशी, आर.सी. पाठक, कुलदीप रस्तोगी, शैलेश कुमार, मुकेश कुमार मिश्र, अनिल त्रिपाठी ने भी कार्यशाला में अपने अनुभव व विचार साझा किये।