लखनऊ में बनेगी किसान पथ टाउनशिप हजारों किसान कम मुआवजे से खफा

Kisan Path Township will be built in Lucknow. Thousands of farmers are unhappy with the low compensation

अजय कुमार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने लखनऊ की छह लाख की आबादी के लिए आउटर रिंग रोड़ के किनारे लगभग 2600 एकड़ में किसान पथ टाउनशिप बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। आवासीय योजाना भूमि विकास एवं गृह योजना के तहत इसे विकसित किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ-सुल्तानपुर-वाराणसी रेलवे लाइन एवं शारदा नहर (इंदिरा कैनाल) के किनारे स्थित करीब एक दर्जन गांवों के दो हजार से ज्यादा किसानों को धारा-29 के तहत जमीन अधिग्रहण को नोटिस जारी कर दिया गया है। जिन गांवों के किसानों को नोटिस जारी किया गया है उसमें बक्कास, पहाड़नगर टिकरिया, मोअज्जमनगर, कासिमपुर, बिरूहा, कबीरपुर, चांद सराय, मगहुआं, हबुवापुर, सिद्धपुरा, भटवारा गांव शामिल है। नोटिस के जरिए किसानों को जानकारी दी गई है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण आवास विकास की किसान पथ टाउनशिप के लिए किया जा रहा है। आवास विकास परिषद के इस फैसले पर किसी किसान को आपत्ति हो तो वह वृंदावन स्थित अधिशासी अभियंता निर्माण खंड-9 या आवास आयुक्त कार्यालय के भूमि अर्जन अनुभाग में लिखित रूप में शिकायत दर्ज करा सकता है। इसे नोटिस पर ज्यादातर गांवों के किसानों ने मुआवजा दर को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। इसमें कहा है कि आवास विकास परिषद जिस दर पर उनकी जमीन का अधिग्रहण करना चाहता उस दर पर नहीं होने देंगे।

नोटिस पाने वाले किसानों ने बताया कि 12 साल से उनकी जमीनों का सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। वर्ष 2012-12 में सर्किल रेट बढ़ा था। इससे पहले हर साल सर्किट रेट बढ़ता रहता था। किसानों ने कहा कि जिला प्रशासन ने 12 साल से जो सर्किट रेट नहीं बढ़ाया, पहले उसे हर साल का औसत लेकर बढ़ाए इसके बाद जो सर्किल रेट बढ़कर आएगा, उसके आधार पर आवास विकास को जमीन देने पर विचार करेंगे। आवास विकास जबरन किसानों की जमीन नहीं ले पाएगा।

बहरहाल, किसान पथ टाउनशिप को धरातल पर उतारने के लिए आवास विकास उन गांवों का सर्वे करने जा रहा है, जहां के किसानों ने अधिग्रहण नोटिस पर आपत्ति दर्ज कराई है कि गांव में कौन सी जमीन छोड़ी जाए और कौन सा घर। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष एवं किसान नेता राम सेवक ने आवास विकास की ओर से जमीन अधिग्रहण के संबंध में किसानों को जारी नोटिस पर कहा कि किसान विकास में रोड़ा नहीं बनना चाहते हैं। पर, शहर का विकास हो रहा है तो किसान का भी विकास होना जरूरी है। इसके लिए उनकी जमीन का मुआवजा सही दर पर दिया जाए।

बात किसानो से अधिग्रहित की जाने वाली जमीन की खुले बाजार में प्रति बीघा कीमत की बात की जाये तो यह रेट 2 से 3 करोड़ रूपये मुख्य सड़क पर एवं 1 से 1.25 करोड़ रूपये सड़क से हटकर है,वहीं सर्किल रेट 8 से 12 लाख रूपये प्रति हेक्टयर (लगभग चार बीघा)है।