टीएमयू के इसरो नोडल सेंटर से फर्स्ट बैच प्रशिक्षित, सौरमंडल के रहस्यों को समझा

First batch trained from ISRO Nodal Center of TMU, understood the secrets of the solar system

रविवार दिल्ली नेटवर्क

स्टार्ट-इसरो कार्यक्रम के तहत 15 दिनी ऑनलाइन प्रशिक्षण में प्रतिदिन 02 सत्रों में करीब दो दर्जन वैज्ञानिकों ने दिए व्याख्यान, पजीकृत 441 छात्रों में से 361 छात्रों ने उत्तीर्ण की परीक्षा, ऑनलाइन दिए गए सर्टिफिकेट्स

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के इसरो नोडल सेंटर से 15 दिनी स्टार्ट-इसरो कार्यक्रम में 361 स्टुडेंट्स के फर्स्ट बैच प्रशिक्षित हो गया है। स्टार्ट-इसरो सरीखे प्रोग्राम युवा मस्तिष्कों को पोषित करने और उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। यह प्रशिक्षण इसरो के करीब दो दर्जन अनुभवी वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन दिया। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का यह कोर्स भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान-आईआईआरस, इसरो देहरादून की ओर से संचालित है। इसरो के स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवेयरनेस ट्रेनिंग- स्टार्ट प्रोग्राम की ओर से ई-क्लासेज को लेकर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन कहते हैं, हम अपने स्टुडेंट्स को ज्ञान-विज्ञान के संग-संग प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने के प्रति संकल्पित हैं। उल्लेखनीय है, इसरो के मानक के अनुरूप टीएमयू में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं- स्मार्ट लेक्चर हॉल्स, वातानुकूलित ऑडिटोरियम, हाई स्पीड इंटरनेट आदि उपलब्ध हैं। इसरो कार्यक्रम समन्वयक एवम् सीसीएसआईटी के प्रिंसिपल प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने कहा, यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। छात्रों की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि वे भविष्य में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हैं। इस कार्यक्रम ने छात्रों को ज्ञान और प्रेरणा का एक अद्वितीय मंच प्रदान किया है।

यह जानकारी देते हुए प्रो. द्विवेदी ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान सौर मंडल की खोज की भूमिका, सौर मंडल का निर्माण, हमारा तारा सूर्य, पृथ्वी और पृथ्वी का विकास, चंद्रमा, पथरीले ग्रह जैसे बुध, शुक्र, मंगल, गैस और बर्फ के दानव ग्रह जैसे बृहस्पति और शनि; अरुण और वरुण और उससे परे, सौर मंडल के ग्रहों के चंद्रमा, छोटे पिंड जैसे धूमकेतु, क्षुद्रग्रह और उल्कापिंड, उल्कापिंड सौर मंडल के संदेशवाहक, भारत का चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम, भारत का आदित्य-एल 1 सौर वेधशाला, सौर मंडल अन्वेषण के लिए मिशन संचालन, सौर मंडल की स्थितियों को समझने के लिए प्रयोगशाला विश्लेषण, इन-सीटू संसाधन उपयोग आदि विषयों पर व्याख्यान दिए गए। प्रशिक्षण के 45-45 मिनट के ये दो सत्र साढ़े तीन बजे से 15 मिनट के अंतराल में चले। कार्यक्रम की सहायक समन्वयक सुश्री हिना हाशमी ने कहा, यह प्रशिक्षण छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रतिफल है। कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए छात्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.tmu.ac.in पर जा सकते हैं या प्रशासनिक कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।