रविवार दिल्ली नेटवर्क
पूर्णिया : बिहार के साथ नेपाल में मानसून की झमाझम बारिश लोगों के लिए अब आफत बन गयी है । नेपाल में भारी बारिश के कारण पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी, कटिहार, पूर्णिया समेत पूरे उत्तरी बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंगा, गंडक, कोसी, परमान, महानंदा समेत कई पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. भारी बारिश के कारण गंडक बैराज के 36 गेट खोल दिये गए हैं । यहां अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियाें को हाई अलर्ट पर रखा गया है । नदियों का जल स्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है ।
भारी बारिश के कारण बीरपुर बैराज से कोसी में सुबह 9.30 बजे तक 3.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके कारण, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल समेत कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जबकि नेपाल के देवघाट बैराज से 5.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है । इससे पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सीवान में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है । सभी राज्यों में एनडीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया गया है । इसके साथ ही निचले स्थान से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है । भारी बारिश के कारण कोसी और गंडक बैराज के गेट खोल दिये गए हैं. इससे कई गांवों में पानी घुस गया है. गंडक बैराज से शनिवार शाम पांच बजे तक 2.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है ।
इससे गंडक नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है. जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ने रविवार दोपहर तक 3.53 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना जताई है. पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है । इसकी वजह से तटबंध के अंदर रहनेवाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है ।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक बिहार के अलग-अलग जिलों में भारी बारिश की संभावना है । अररिया, किशनगंज, सुपौल, मधुबनी, कटिहार और किशनगंज में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है । ऐसे में समझा जा रहा है कि नदियों के जलस्तर में अभी कमी आने की संभावना नहीं है ।