दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार का बोलबाला

Corruption prevalent in Delhi Police

इंद्र वशिष्ठ

दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रहे पुलिस कमिश्नर संजय अरोरा सहित आईपीएस अधिकारियों की पेशेवर काबलियत/ भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है।

एसीपी 5 लाख से कम में नहीं मानेगा-
सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के ज्योति नगर थाने के एटीओ/इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

सीबीआई के अनुसार एसीपी दीपक चंद्र की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता से कहा कि उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले का जांच अफसर एसीपी दीपक चंद्र पांच लाख रुपए से कम में उनका मामला नहीं निपटाएंगे।

रिश्वत लेने से पहले इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता को एसीपी दीपक चंद्र से मिलवाया भी था। एसीपी दीपक चंद्र ने शिकायतकर्ता को जांच में मदद करने का भरोसा दिया।

तीन लाख में राजी-
सीबीआई ने गोकुल पुर गाँव निवासी मनी कुमार और उसके चचेरे भाई सफल सिंह विकल की शिकायत के आधार पर उत्तर पूर्वी जिले के ज्योति नगर थाने में तैनात इंस्पेक्टर/ एटीओ प्रवीण कुमार के ख़िलाफ़ 08/07/2024 को मामला दर्ज किया।आरोप है कि इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने एससी व एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत शिकायतकर्ताओं के विरुद्ध दर्ज मामले को निपटाने के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। परस्पर बातचीत के पश्चात, इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार 3 लाख रुपए रिश्वत स्वीकार करने पर सहमत हो गया।

एसीपी ने भरोसा दिया-
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार शिकायतकर्ता सफल सिंह को अपनी कार में ही गोकुल पुरी थाने में स्थित एसीपी दीपक चंद्र के दफ्तर में ले गया।

एसीपी दीपक चंद्र ने शिकायतकर्ता को उसके ख़िलाफ़ दर्ज मामले में मदद करने का भरोसा दिया।

सीबीआई ने आरोपों के सत्यापन के बाद जाल बिछाया एवं इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को शिकायतकर्ता से पचास हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

दस लाख मांगने वाले हवलदार फरार –
तीन जुलाई को ही सीबीआई ने उत्तर जिले के नारकोटिक्स सैल में तैनात हवलदार रवींद्र ढाका और हवलदार प्रवीण सैनी के ख़िलाफ़ शिकायतकर्ता से दस लाख रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया। सीबीआई हवलदारों को रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई। इस मामले में इंस्पेक्टर सुरेन्द्र और दोनों हवलदारों को निलंबित किया गया है। हवलदारों ने जालसाज़ी/धोखाधड़ी करके शिकायतकर्ता के भाई की जमानत करा देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।

सब- इंस्पेक्टर गिरफ्तार-
इसके पहले 20 जून को छावला थाने के सब- इंस्पेक्टर विजय गौड़ को सीबीआई ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता को एक मामले में गिरफ्तार न करने की एवज़ में तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी थी।