7 अगस्त को डॉक्टरों की हड़ताल, बंद रहेंगे अस्पताल; यह मांग आईएमए ने की थी

Doctors strike on August 7, hospitals will remain closed; This demand was made by IMA

रविवार दिल्ली नेटवर्क

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक महिला डॉक्टर को प्रताड़ित कर उसकी हत्या करने की घटना सामने आई है। डॉक्टर को प्रताड़ित कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। इसके बाद देशभर से गुस्से भरी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं

नयी दिल्ली : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली एक महिला डॉक्टर के साथ मारपीट कर हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। भले ही पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन घटना के बाद डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी आक्रामक हो गए हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़ा हो गया है और देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कई मांगें की जा रही हैं। इस बीच, इस पृष्ठभूमि में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार, 17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर पर अत्याचार और हत्या के मामले के विरोध में आईएमए ने हड़ताल बुलाई है। 17 अगस्त की सुबह 6 बजे से 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक सभी अस्पतालों, डॉक्टरों के क्लीनिक, ओपीडी की सेवाएं बंद रहेंगी। हालांकि, आईएमए ने जानकारी दी है कि अस्पतालों में जरूरी सेवाएं फिलहाल जारी रहेंगी। इस हड़ताल से देश में मेडिकल सेवाओं पर बड़ा असर पड़ेगा। आईएमए ने एक पत्रक जारी कर हड़ताल की जानकारी दी। बताया गया है कि इस हड़ताल के दौरान 17 अगस्त की सुबह 6 बजे से 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक सभी अस्पताल, डॉक्टरों के क्लीनिक, ओपीडी सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं। हालांकि, अस्पतालों में जरूरी सेवाएं इस समय जारी रहेंगी। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि हड़ताल के दौरान आईसीयू, दुर्घटना विभाग और प्रसूति सेवाएं खुली रहेंगी।

जो मांगें की गईं
इस हड़ताल में आईएमए भी शामिल होगा और इसका स्वास्थ्य सेवा पर बड़ा असर पड़ेगा। इसी बीच इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा कानून की मांग की गई। लगभग 25 राज्यों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जाता है। इसके अलावा, अगर अस्पतालों में 50 प्रतिशत महिला डॉक्टर हैं, तो उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। इसलिए उन्होंने मांग की है कि देश के सभी अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए और सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट तुरंत लागू किया जाए। इस बीच मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।