रविवार दिल्ली नेटवर्क
आज के समय में खेती को लेकर युवाओं में काफी रुचि देखी जा रही है यहां तक कि अब युवा अपनी बेहतरीन नौकरी लाखों का वेतन छोड़कर खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं ऐसे ही एक युवा भोपाल के हर्षद हैं जो आमतौर पर विदेश में पैदा होने वाले एवोकाडो की खेती कर रहे हैं।
भोपाल : भोपाल में रहने वाले शहरी किसान हर्षित गोधा ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल की है। मध्यप्रदेश की विषम जलवायु में उन्होंने सफलतापूर्वक एवोकाडो की खेती की है। आमतौर पर, एवोकाडो पूर्वोत्तर भारत, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है, क्योंकि उन्हें 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है। हर्षद ने इजराइल से 10 पौधे आयात किए और खेती करना शुरु की। आज उनके पास भोपाल में 10 एकड़ का एवोकाडो का बागान है। भोपाल में पले बढे हर्षद ने बताया कि खेती उनके भविष्य की योजनाओं में दूर-दूर तक नहीं थी। स्कूली शिक्षा के बाद वे बिजनेस की पढ़ाई करने के लिए यूके चले गए। यहां तक कि उनके परिवार में भी कोई खेती से जुड़ा नहीं है।
एवोकाडो एक उष्णकटिबंधीय से उपोष्णकटिबंधीय फल है जो उत्तर भारत की गर्म और ठंडी हवाओं से जूझता है। इसे 30 डिग्री से कम तापमान और अच्छी जल निकासी वाली अम्लीय मिट्टी की ज़रूरत होती है। हर्षध बताते हैं कि इज़राइल ने नियंत्रित परिस्थितियों में विभिन्न किस्मों को सफलतापूर्वक उगाया है। एवोकाडो की खेती सीखने के लिए वे इजराइल भी गए और खेती के तरीके सीखे। इसके बाद वे भोपाल आए जहां एवोकाडो की खेती शुरु की। आज वे दूसरे युवाओं को इस फल की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
हर्षित अब पूरे भारत में एवोकाडो के पौधे बेच रहे हैं। उनकी प्रेरणा से कई दूसरे युवा कृषक एवोकाडो की खेती को लेकर उत्सुक हो रहे हैं। खेती में नवाचार अपना कर हर्षद ने एक प्रेरक उदाहरण पेश किया है।