- क्या मोदी जी की भारत सरकार और राजस्थान की भजन लाल सरकार मिल कर प्रदेश को डबल इंजन की सरकार का फायदा दिलवा पायेंगे ?
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
पूरी दुनिया में शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया। देश की राजधानी नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथा अन्य केंद्रीय मंत्रियों एवं पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थित में एक भव्य समारोह हुआ। इस समारोह में देवनारायण भगवान की भूमि मानी जाने वाली राजस्थान के ब्यावर जिले के देवमाली गांव को श्रेष्ठ पर्यटन गांव के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देश के उन गांवों को जो अपनी सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपत्तियों का संरक्षण और पोषण करते है, उनके लिए 2023 में यह पुरस्कार शुरू किया गया था। इसके लिए बकायदा देश भर के गांवों के मध्य प्रतियोगिता के मापदंड रखे गए है।
जब देश विदेश में पर्यटन की चर्चा होती है तो राजस्थान के बिना ऐसी चर्चा को निरर्थक ही माना जाता है। राजस्थान में पर्यटन एक ऐसा खूबसूरत गुलदस्ता है जिसमें सभी रंग के फूल समाए हुए है। राजस्थान में पर्यटन की दृष्टि से वह सब कुछ हैं जिसकी चाह में पर्यटक बरबस ही उस ओर आकर्षित होते है। एक लाइन में कहे तो समुद्र तटों और बर्फबारी वाले स्थानों को छोड़ राजस्थान में पर्यटन के अथाह स्थान मौजूद है। विशेष कर हेरिटेज पर्यटन में तो राजस्थान पूरी दुनिया में अव्वल है। कतिपय लोगों में राजस्थान को लेकर यह धारणा रहती आई है कि राजस्थान केवल एक रेतीला प्रदेश है और रेत के धोरों के अलावा प्रदेश में कुछ खास नहीं है, लेकिन एक बार जो लोग पूरे राजस्थान का पर्यटन भ्रमण कर आते है वे खुद इस धारणा को निर्मूल साबित कर देते है। राजस्थान में पर्यटन की दृष्टि से जो विविधताएं है वो संभवत विश्व के और किसी क्षेत्र में मौजूद नहीं है। प्रदेश में बने बड़े बड़े बांध समुद्र तटों और बेक वाटर पर्यटन की अथाह संभावनाओं को भी समेटे हुए हैं। इसी प्रकार अब प्रदेश की खूबसूरत झीलों में बर्फ भी जमने लगी है। राज्य का चूरू जिला देश में सबसे कम और सबसे अधिक तापमान वाला क्षेत्र है। यह सही है कि भोगौलिक दृष्टि से भारत के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान को विश्व की सबसे पुरानी अरावली पर्वत श्रृंखलाऐं दो भागों में विभाजित करती और इसका एक भाग पश्चिमी राजस्थान एशिया के सबसे बड़े थार मरुस्थल के एक बड़े भाग का हिस्सा है, लेकिन दूसरी ओर पूर्वी राजस्थान में बारह मास बहने वाली विशाल चम्बल नदी के बड़े बड़े पाट और कभी दस्युओं से भरपूर रहने वाले बीहड़ तथा कई आकर्षक पर्यटन स्थल है। वहीं दक्षिणी पूर्वी राजस्थान तथा राज्य के अन्य कई क्षेत्रों में सुंदर और सुरम्य झीलों से भरपूर नगरों के साथ कई वन्य अभ्यारण्य, क्रोकोडायल अभ्यारण्य और पक्षी अभ्यारण्य है।
राजस्थान देशी ही नही विदेशी पर्यटकों की नजर में भी बहुत ही महत्वपूर्ण टूरिस्ट डेस्टिनेशन है और विदेश से आने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान की यात्रा किए बिना अपने देश वापस नहीं जाता। राजस्थान गोल्डन ट्यूरिस्ट सर्किल दिल्ली जयपुर और आगरा का अभिन्न अंग है। भारत की पहली हेरिटेज ट्रेन सुपर डीलक्स शाही रेलगाड़ी ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ पूरी दुनिया में भारत की नहीं राजस्थान की भी कल्चर एंबेसेडर बनी हुई है। जो लोग राजस्थान को केवल रेगिस्तान मानते है उन्हे भी अब तक यह ज्ञात हो चुका होगा कि प्रदेश का यही मरुस्थल आज पर्यटकों का स्वर्ग साबित हो रहें है। राजस्थान के कई खूबसूरत नगर उदयपुर, जयपुर, जोधपुर,जैसलमेर आदि डेस्टिनेशन मैरिज के हब बन गए है। इसी प्रकार पूरा प्रदेश फिल्म निर्माताओं का पसंदीदा प्रदेश है। हाल ही एजुकेशन का हब कहे जाने वाली कोटा नगरी में चंबल के किनारे पर्यटन के लिहाज से बेमिसाल काम हुआ है। यह नया डेस्टिनेशन भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
राजस्थान में हर कदम पर एक न एक हेरिटेज संपदा मौजूद है। इन पूरा संपदाओं के कारण ही राजस्थान को ‘ओपन आर्ट गैलरी’ कहा जाता है। राजस्थान के दुर्ग, छोटे बड़े किले,महल, शेखावाटी और अन्य हिस्सों की हवेलियां, छठी से 11 शताब्दी के अनेक ऐतिहासिक स्थल पूरे प्रदेश को एक समृद्ध हेरिटेज राज्य बनाते है। प्रदेश के अनेक धार्मिक स्थल,तीज त्यौहार,उत्सव,लक्खी मेलो आदि का अलग ही आकर्षण है तथा प्रदेश के अनेक स्थलों की प्राकृतिक छटाएं मेडिकल और योग ट्यूरिज्म की अपार संभावनाओं से भरी हुई है।
राजस्थान में धार्मिक पर्यटन का आकर्षण बहुत ही अनूठा और बेमिसाल है। दक्षिण से उत्तर और पूर्व से पश्चिम राजस्थान अनेक प्राचीन और नए मंदिरों एवं पवित्र स्थलों से भरा हुआ है। प्रदेश के पर्यटन मेलों में पुष्कर का जग प्रसिद्ध पशु मेला,अजमेर का विश्व प्रसिद्ध उर्स मेला,जयपुर का तीज और गणगौर उत्सव,मकर संक्रांति पर पतंग उत्सव, जैसलमेर, बाड़मेर,बीकानेर,जोधपुर के डेजर्ट फेस्टिवल,राजस्थान का प्रयाग राज और आदिवासियों का कुंभ माना जाने वाला डूंगरपुर बांसवाड़ा का बेणेश्वर मेला, चित्तौड़गढ़ का सांवरिया जी मेला,करौली का केला देवी मेला,जैन मंदिर श्री महावीर जी का मेला,सांप्रदायिक सद्भाव का श्री रामदेवरा का मेला,भरतपुर और उससे लगे ब्रज चौरासी कोस की यात्रा, बूंदी कोटा झालावाड़ उत्सव सहित अनेक आयोजन है जो देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केंद्र है। प्रदेश में श्रीनाथद्वारा का श्रीनाथ जी मंदिर, सांवरिया सेठ का मंदिर, कांकरौली का द्वारकाधीश मंदिर, चारभुजा का मंदिर, जयपुर का गोविंद देव जी मन्दिर, मोती डूंगरी गणेश मंदिर और खोले के हनुमान जी का मंदिर, खांटू श्याम जी का मंदिर,सालासर हनुमान जी का मंदिर, मेंहदीपुर बालाजी का मंदिर आदि अनेक ऐसे स्थल है जिनमें हर महीने करोड़ों का चढ़ावा आता है। ऐसे सारे स्थल देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केन्द्र हैं।
राजस्थान की लोक संस्कृति भी निराली है। यहां की भाषा और बोलियां बहुत ही मीठी है। साथ ही राजस्थान का बेजौड आतिथ्य सत्कार ‘पधारो म्हारो देश’ की सुप्रसिद्ध पर्यटन टैग लाईन, प्रदेश की मनुहार, दाल बाटी चूरमा सहित अनेक स्वादिष्ठ व्यंजन विशेष कर जोधपुर और बीकानेर की मिठाइयां और नमकीन का आकर्षण बरबस ही पर्यटकों को राजस्थान की और खींच ही लाता है। राजस्थान के चटक कलर्स का रंग बिरंगा पहनावा, मधुर लोक संगीत और दिलकश लोक नृत्य भी बेजोड़ है और पर्यटकों की पहली पसंद भी है। प्रदेश का हस्त शिल्प और हथ करघा का सामान, हीरे जवाहरात, मार्बल और ग्रेनाइट, करौली एवं जोधपुर के गुलाबी रंग के पत्थर सहित अन्य भांति भांति के बलुआ पत्थर जन आकर्षण के केन्द्र है। पूरी दुनिया की मशहूर इमारतें इसी राजस्थानी पत्थर से बने हैं।
कुल मिला कर रंग रंगीला राजस्थान में पर्यटन से जुड़े अनेक गुमनाम ऐसे स्थल भी है जिन्हे अभी भी उजागर होने का इंतजार है।
इस वर्ष के अन्त ने यानी दिसंबर में जयपुर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन प्रदेश में पर्यटन विकास को नए पंख लगाएगा ऐसी उम्मीद है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी देश विदेश में आयोजित किए जा रहे निवेश मेलों के माध्यम से राज्य के पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहें हैं। इन प्रयासों के साथ ही राज्य सरकार यदि भारत सरकार से राजस्थान को हेरिटेज स्टेट का दर्जा दिलाने की घोषणा करवा शत प्रतिशत केंद्रीय अनुदान से पर्यटन विकास कराने में सफल रहता है तो विश्व पर्यटन दिवस का यह सबसे बड़ा तोहफा साबित हो सकता है । संयोग से देश के संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जोधपुर राजस्थान से ही है और उम्मीद है कि प्रदेश में पर्यटन के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से इसका लाभ मिलने के साथ ही राजस्थान को उसका वाजिब हक भी मिल सकता है।
देखना है नरेंद्र मोदी जी की भारत सरकार और राजस्थान की भजन लाल सरकार मिल कर प्रदेश को डबल इंजन की सरकार का कितना अधिक फायदा दिलवा पाते हैं?