- अफगानिस्तान की टीम सबसे मुश्किल टीम रहने वाली है
- हमें देखना होगा कि हांगकांग की टीम में कितना दम है
- 90 मिनट में गलतियां हो सकती है, बस इन्हें दोहराया न जाए
सत्येन्न्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम एएफसी एशियन कप २०२३ के क्वॉलिफायर के तीसरे राउंड में अपना अभियान कोलकाता में आठ जून को कंबोडिया के खिलाफ मैच से में शुरू करेगी।भारत की टीम 11 जून को अफगानिस्तान से और 14 जून को हांगकांग से खेलेगी। भारत के हेड फुटबॉल कोच इगोर स्टीमैक नेटीम के कोलकाता में एएफसी एशियन कप २०२३ क्वॉलिफायर मेंं तीन मैचों में बढिय़ा प्रदर्शन कर एएफसी एशियन कप २०२३ के लिए क्वॉलिफाई करने का विश्वास जताया।
भारत के चीफ कोच इगोर स्टीमैक ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमारे लिए ग्रुप डी में अफगानिस्तान की टीम सबसे मुश्किल टीम रहने वाली है। साथ ही अफगानिस्तान टीम शारीरिक रूप से खासी मजबूत है। अफगानिस्तान की टीम के बहुत से खिलाड़ी उत्ेष्टï विदेशी लीग में खेलते हें और पूरे साल वे खासी व्यवस्थित फुटबॉल खेलते हैं। अफगानिस्तान के ये खिलाड़ी विदेश में उत्कृष्टï लीग में चेलते हैं और हम भारत में ऐसा ही ढांचा बनाने की कोशिश में है, इसमें बेशक वक्त लगेगा। मैं इसीलिए अफगानिस्तान की टीम को सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी मानता हूं। जहां तक हांगकांग की बात है तो उसने नियम बदल दिए और विदेशियों को अपनी टीम की ओर से खेलने की इजाजत दे दी है। ऐसे में हमें देखना होगा कि हांगकांग की टीम में कितना दम है। विदेशी खिलाडिय़ों से टीम द मदार बनती है। हम यह पक्का करना करना चाहते है कि हमारी राष्टï्रीय टीम के खिलाड़ी मैदान पर तुरंत फैसला लेने की अहमियत समझे। पर हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हें और मैं इनके साथ खुश हूं। बेलारी में शिविर से इन्होंने जो मेहनत की है उस अच्छे प्रदर्शन को भी जारी रखें।मुझे टीम के एएफसी एशियन क्वॉलिफायर 2023 से में तीन मैचों में बढिय़ा प्रदर्शन कर इससे एएफसी एशियन कप 2023 के लिए क्वॉलिफाई करने का विश्वास है।’
उन्होंने कहा, ‘अब एएफसी एशियन कप क्वॉलिफायर में बस एक हफ्ता बाकी है और अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। हम सेट पीस पर गोल करने और अपने आक्रमण और रक्षण को बेहतर करने में जुटे हैं। कुछ खिलाडिय़ों की चोट को लेकर मसला है और हम उससे निपटने मेें लगे हैं। लिस्टन कोलाको एएफसी कप के बाद चोट से उबर कर टीम से जुटे हैं और हमारा ध्यान है। एक बनाम एक की स्थिति में कोलाको वाकई बेहतरीन हैं ही खुद गोल करने के साथ बढिय़ा पास भी देते हैं। ऋत्विक दास को चेचक के कारण हमने उनके विकल्प के रूप में दीपक टांगड़ी को टीम में शामिल किया है। दीपक मिडफ ील्डर और डिफेंडर के रूप में जहां जरूरत हो हम उन्हें वहां खेल सकते हैं।।हमें राहुलकेपी, रहीम और विक्रम की कमी अखरेगी। खासतौर पर रहीम की। हम इन तीनों मैचों सकारात्मक सोच के साथ उतरेगे। कामयाब होनेके लिए सकारात्मक सोच, जज्बे अृर कुछ किस्मत की दरकार होती है। यदि आप पूरे 90 मिनट में अपने किले को बचाने की सोच से उतरेंगे तो आप कामयाब नहीं होंगे। आपको मैच में प्रतिद्वंद्वी को परास्त करने के मकसद से उतरना होगा अन्याथा आप जाएंगे, पहले ही पांच मिनट या अतिरिक्त समय में । नतीजों को लेकर कोई दबाव नहीं है। यदि टीम नाकाम भी रहती है तो भी कोई उससे सवाल नहीं’ करेगा। इस बाबत कोई भी सवाल किया जाएगा तो मुझसे ही किया जाएगा। खिलाडिय़ों को बताना जरूरी है कि उन्हें कहां पूरा जोर लगाना है। आप खिलाडिय़ों पर एक सीमा से ज्यादा जोर नहीं डाल सकते है। मैंने अपने खिलाडिय़ों से बस यही गुजारिश की है कि वे अनुशासित रहे और बनाई योजना के मुताबिक आगे बढ़े। बेशक 90 मिनट के खेल में गलतियां हो सकती है बस सबसे अहम यह है कि इन्हें दोहराया न जाए।’
उन्होंने कहा, ”पिछले कई बरस से केवल हम घर से बाहर ही खेल रहे हैं। भारतीय टीम के लिए खासी मुश्किल वक्त रहा। कोरोना से बचने के लिए कई कदम उठाए गए और यह वाकई मुश्किल दौर रहा। तब कोई भी फुटबॉल की बाबत नहीं सोच रहा और हर कोई किसी न किसी परेशानी में रहा। हम सब सामान्य हो गया है और हम फिर अपने घर में फिर मैच खेल सकते हैं। कोलकाता की बात करें तो यह शहर ही फुटबॉल का है। कोलकाता में हर कोई फुटबॉल को महसूस करता, इसमें सांस लेता है और इसी में जीता है। मैं दर्शकों से स्टेडियम में आने और मैचों में अपना समर्थन की गुजारिश करूंगा। मैंने कोलकाता में फुटबॉल के लिए जुनून देचा है और अपने ही प्रशंसकों के सामने उनकी हौसलाअफजाई के बीच खेलना अच्छा होगा।