गोपेन्द्र नाथ भट्ट
कांग्रेस ने राजस्थान की सातों विधानसभा उप चुनाव वाली सीटों के लिए बुधवार को देर रात काफी इंतजार के बाद आखिर कांग्रेस की सूची आ ही गई ..!!
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री के सी वेणु गोपाल के हस्ताक्षर से राजस्थान की सातों विधानसभा उप चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी हुई है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव कैसी वेणुगोपाल द्वारा जारी सूची में झुंझुनू से अमित ओला, रामगढ़ से आर्यन जुबेर, दौसा से दीनदयाल बेरवा,देवली उनियारा से कस्तूर चंद मीणा,सलूंबर से रेशमा मीणा, खींवसर से रतन चौधरी और चोरासी से महेश रोत उम्मीदवार घोषित किए गए हैं।
इधर राजस्थान में होने वाले उपचुनाव के नामांकन कार्य चल रहा है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर है लेकिन बुधवार देर रात तक को भी कांग्रेस की सूची नहीं आने से अंतिम समय तक संभावित उम्मीदवारों की सांसे अटकी रही । इधर खबर है कि केरल के वायनाड में अपना लोकसभा उप चुनाव का पर्चा दाखिल कर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी जयपुर पहुंचे। प्रदेश नेतृत्व की ओर से सभी सातों विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया था। केंद्रीय नेतृत्व ने पैनल में से एक एक नाम तय किया। बताया गया कि कांग्रेस में दावेदारों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में बगावत से बचने का प्रयास करते हुए कांग्रेस को प्रत्याशियों का नाम तय करने में समय लगा है।
झुंझुनूं विधानसभा सीट से ओला परिवार को ही टिकट दिया गया है। चूंकि इस सीट पर पिछले सोलह साल से ओला परिवार का दबदबा रहा है और लगातार बृजेंद्र ओला ही विधायक बनते आ रहे हैं। कांग्रेस इस सीट को गंवाना नहीं चाहती इसलिए ओला परिवार से ही प्रत्याशी के रूप में अमित ओला को टिकट दिया गया है। विधायक से सांसद बने बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला का नाम टिकट के दावेदारों में सबसे ऊपर था।
अलवर जिले की रामगढ विधानसभा सीट से विधायक रहे जुबैर खान का निधन होने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। इन उपचुनावों में कांग्रेस सहानुभूति का फायदा लेना चाह रही है। इसलिए जुबैर खान के बेटे आर्यन जुबैर को टिकट के
देकर चुनाव लड़ना तय किया गया है। दावेदारों में भी उनका नाम सबसे आगे था। सलूंबर में भाजपा ने भी दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को चुनाव मैदान में उतार कर सहानुभूति का दांव खेला है। लिहाजा रामगढ में कांग्रेस भी सहानुभूति का दांव खेल रही हैं।
नागौर जिले की खींवसर सीट पर कांग्रेस आरएलपी से समझौता कर लेती लेकिन बताया जा रहा है आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की शर्तें कांग्रेस को मंजूर नहीं हुई। गठबंधन के लिए आरएलपी दो सीटों की मांग कर रही थी। ऐसे में कांग्रेस और आरएलपी में गठबंधन नहीं हो सका। अब कांग्रेस अपने स्तर पर चुनाव लड़ने को तैयार है। कांग्रेस की ओर से रतन चौधरी को टिकट थमाई गई है। हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने से रिक्त हुई खींवसर सीट पर उप चुनाव हो रहा है।
पूर्वी राजस्थान की दौसा विधानसभा सीट से मुरारीलाल मीणा विधायक से सांसद बने। अब दौसा से दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी थी लेकिन प्रमुख दावेदारों मैं से एक दीनदयाल बेरवा को टिकट दे दिया गया है।यहां मुरारी लाल मीणा के परिवार से उनकी बेटी भी टिकट मांग रही थी।
टोंक जिले की देवली उनियारा से ये नाम बड़े दावेदारों में शामिल थे। इस विधानसभा सीट से प्रमुख दावेदार कस्तूर चंद मीणा को कांग्रेस ने टिकट थमाया है। इस सीट से कांग्रेस के हरीश चन्द्र मीणा के सांसद बनने से उप चुनाव हो रहा हैं।
इसी प्रकार दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल की सलूंबर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने टिकट की दावेदारों में से एक रेशम मीणा को पार्टी प्रत्याशी बनाया है। सलूंबर में भाजपा विधायक अमृत लाल मीणा के असामयिक निधन से यहां उप चुनाव हो रहे हैं। इसके अलावा डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट पर भी टिकट दावेदार महेश रोत को प्रत्याशी बनाया गया है। चौरासी के विधायक भारतीय आदिवासी पार्टी के सुप्रीमों राज कुमार रोत के सांसद बनने से यहां उप चुनाव हो रहे है।
उधर भाजपा भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) के प्रभाव क्षेत्र वाली डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर अभी भी अपना कोई उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है और लगता इसका फैसला राजनीतिक समीकरणों को देख कर किया जाएगा। वैसे पूर्व विधायक सुशील कटारा यहां बीजेपी के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।हालाकि भाजपा सात उप चुनाव वाली सीटों में से अपने छह उम्मीदवारों के नाम पहले ही जाहिर कर चुकी हैं।
देखना है कांग्रेस के घोषित उम्मीदवारों और भाजपा के उम्मीदवारों में से चुनाव जीतने के मामले में किनका भाग्योदय होगा ?