ट्रांसवर्सेलिटी ग्लोबल अवार्ड्स और कॉन्क्लेव: जल, ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक निर्णायक कदम

Transversality Global Awards and Conclave: A decisive step towards water, energy and environmental sustainability

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली में “वॉटर ट्रांसवर्सेलिटी ग्लोबल अवार्ड्स और कॉन्क्लेव के समापन समाहरोह में माननीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी मुख्य अतिथि थे। समापन समारोह के बाद विभिन्न श्रेणियों में अवार्ड वितरण जैसे औद्योगिक क्षेत्र में जल उपयोग दक्षता, जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियां, वर्षा जल संचयन और भूजल प्रबंधन, जल पुन: उपयोग और उपचार में योगदान के लिए पचास से अधिक वॉटर ट्रांसवर्सेलिटी ग्लोबल अवार्ड्स व्यक्तियों, युवाओं, स्कूलों, जिलों और संगठनों को प्रदान किए गए। जल, ऊर्जा और पर्यावरण क्षेत्रों में नेतृत्व पुरस्कार वपकॉस, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लिमिटेड, गेल इंडिया आदि संगठनों को दिए गए।

जीवन पर्यंत उपलब्धि पुरस्कार वर्ल्ड वॉटर काउंसिल के अध्यक्ष लोइक फाउचोन, आईएचई डेल्फ़्ट इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एजुकेशन के रेक्टर प्रो. एडी मूर्स, गैस्प के महासचिव सत्य त्रिपाठी, आईएसआईडी के निदेशक डॉ. नागेश कुमार, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लिमिटेड के सीएमडी परवीन कुमार, प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत सहगल और अन्य को प्रदान किए गए। ये पुरस्कार जल प्रबंधन और स्थिरता में असाधारण योगदान देने वालों की पहचान और उत्सव का प्रतीक हैं। ये पुरस्कार केवल मान्यता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मानव बुद्धिमत्ता और नवाचार का उत्सव हैं, जिन्होंने पानी, प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता के जटिल संबंधों को जोड़ने वाले समाधानों को विकसित किया है।

5 और 6 दिसंबर को, कार्यक्रम के दौरान हमारे ज्ञान भागीदारों जैसे यू ऐन ऑप्स, जीआईजेड, आईयूसीऐन, आईएसआईडी, और आईएचई डेल्फ़्ट इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एजुकेशन द्वारा समानांतर सत्र आयोजित किए गए। अन्य सहयोगी संगठन आईसीआईडी, वर्ल्ड वॉटर काउंसिल, इज़राइल दूतावास, और ग्लोबल एलायंस फॉर सस्टेनेबल प्लैनेट (गैस्प) थे। इस आयोजन में सहयोग करने वाले भागीदारों में गेल इंडिया, ऑयल इंडिया, अनंदिता मेडिकेयर, इंडियन ऑयल, एचपीसीएल, बीपीसीएल, वपकॉस लिमिटेड, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लिमिटेड शामिल थे। दो दिनों के दौरान कुल 18 सत्र आयोजित किए गए।

वॉटर ट्रांसवर्सेलिटी ग्लोबल अवार्ड्स और कॉन्क्लेव केवल एक सम्मेलन नहीं है, बल्कि एक जटिल पहेली का संभावित उत्तर है, जहाँ पानी, ऊर्जा, पर्यावरण और स्वास्थ्य केवल टुकड़े नहीं, बल्कि पूरा ढांचा हैं,” यह बात डॉ. अरविंद कुमार ने वॉटर ट्रांसवर्सेलिटी ग्लोबल अवार्ड्स और कॉन्क्लेव के उद्घाटन समारोह में कही। यह सम्मेलन 5 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में शुरू हुआ, जिसका उद्घाटन भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों और राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा, इंडिया वॉटर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार, यूएन ईएससीएपी के एसएसडब्ल्यूए कार्यालय की निदेशक सुश्री मिकीको तनाका और दिल्ली सर्कल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कर्नल अखिलेश कुमार पांडे ने किया।

इस अवसर को यादगार बनाने के लिए इंडिया पोस्ट द्वारा एक विशेष आवरण भी जारी किया गया। माननीय अतिथियों ने डॉ. अरविंद कुमार की पुस्तक “फ्राइडे म्यूजिंग्स”, जो उनके शुक्रवार के ब्लॉग का संग्रह है, का विमोचन किया। साथ ही, डॉ. अरविंद कुमार द्वारा दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम एशिया क्षेत्र के दस देशों के लिए यूएन ईएससीएपी की एसडीजी 6 पर आधारित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। माननीय मंत्री ने इस कार्यक्रम के लिए 23 संगठनों को एक साथ लाने की इस पहल के लिए डॉ. अरविंद कुमार को बधाई दी।

वॉटर ट्रांसवर्सेलिटी ग्लोबल अवार्ड्स और कॉन्क्लेव का आयोजन इंडिया वॉटर फाउंडेशन द्वारा भारत सरकार के पावर, जल शक्ति, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालयों और संयुक्त राष्ट्र के एशिया-प्रशांत आर्थिक और सामाजिक आयोग के दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम एशिया कार्यालय के सहयोग से किया गया। उद्घाटन सत्र का शुभारंभ भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शॉम्बी शार्प, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री अमित घोष, आरआईएस के महानिदेशक डॉ. सचिन चतुर्वेदी और एसएसडब्ल्यूए कार्यालय की निदेशक सुश्री मिकीको तनाका ने किया।

सभी गणमान्य व्यक्तियों ने मानव हस्तक्षेप के कारण पर्यावरण और जल संसाधनों के हो रहे क्षरण पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस महत्वपूर्ण समय में इस आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए इंडिया वॉटर फाउंडेशन और उनकी टीम की सराहना की। श्री घोष ने असमानता और समावेशन की चुनौती पर जोर दिया, श्री शॉम्बी शार्प ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र संगठनों द्वारा सरकार को दी जा रही सहायता पर प्रकाश डाला। डॉ. चतुर्वेदी ने नीतियों के एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि ये मुद्दे परस्पर जुड़े हुए हैं। सुश्री तनाका ने कहा कि यूएन ईएससीएपी हमेशा उपक्षेत्र के देशों के बीच सहयोग और साझेदारी की वकालत करता रहा है।

हम इस कार्यक्रम को एक बड़ी सफलता बनाने के लिए सभी ज्ञान भागीदारों, सहयोगी संगठनों, वक्ताओं, प्रस्तुतकर्ताओं, मेहमानों, विशेषज्ञों और अन्य सभी के आभारी हैं। आप सभी इस मिशन के संरक्षक हैं और इस वर्ष के कॉन्क्लेव की गति को अगले संस्करण तक ले जाने का कार्य करेंगे।