अग्रवाल की आवाज’ संस्था ने राजनीति में अग्रवाल समाज की भागीदारी को लेकर भरी हुंकार

The organization 'Aggarwal Ki Awaaz' raised its voice for the participation of Agrawal community in politics

  • संगठन का हुआ विस्तार, दिल्ली में हर विधानसभा क्षेत्र में नियुक्त किए गए अध्यक्ष

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : अग्रवाल समाज की राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से गठित ‘अग्रवाल की आवाज’ संस्था ने दिल्ली में अपने संगठन का विस्तार करते हुए एक नई ऊर्जा के साथ समाज को संगठित करने का आह्वान किया। संस्था ने गुरुवार को महाराजा अग्रसेन अस्पताल, द्वारका के परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता संस्था के संगठन मंत्री वीरेंद्र गर्ग ने की।

इस बैठक में दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से संगठन के प्रतिनिधियों की नियुक्ति की घोषणा की गई। द्वारका से सुधीर सिंगला, उत्तम नगर से संजय मित्तल, जनकपुरी से सुभाष तायल, पालम से मनीष जैन, नजफगढ़ से विनोद अग्रवाल, मटियाला से डॉ. के.के. बंसल, तिलक नगर से अशोक गर्ग, विकासपुरी से रोहताश गर्ग और महरौली से अरुण रूंगटा को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। सीए सेल का अध्यक्ष आदिश जैन को बनाया गया। इस मौके पर तेजराम गुप्ता, रमेश बंसल, सुनील गोयल, विमल जैन, सतेंद्र गोयल, सुमन मित्तल, योगेश गुप्ता, प्रेरणा सिंगल सहित समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि अग्रवाल समाज इसलिए अग्रणी रहता है क्योंकि महाराजा अग्रसेन और हमारे बुजुर्गों ने हमें सिखाया है कि हमें शुद्ध कमाई खानी है, हेरा फेरी की नहीं। अग्रवाल समाज अपनी मेहनत की कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा धर्मार्थ कार्यों में लगाता है। हम अपने समाज से चंदा इकट्?ठा करके स्कूल, अस्पताल, धर्मशाला और गौशाला जैसी संस्थाएं बनाते हैं। जिसमें सभी धर्मों और जाति के लोगों का दिल खोलकर स्वागत किया जाता है। ये इस समाज की विशेषता है और यही कारण है कि ये समाज अग्रणी रहता है। बावजूद इसके राजनीति में समाज को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार की कैबिनेट में हमारे समाज के 7-8 मंत्री होते थे, परंतु धीरे-धीरे केंद्रीय कैबिनेट से अग्रवाल समाज का स्थान गायब होता गया। मोदी सरकार आने के बाद यह संख्या 2-3 रह गई और वर्तमान में तो केंद्र में अग्रवाल समाज का केवल एक ही मंत्री है। डॉ. हर्षवर्धन एवं विजय गोयल को मंत्री पद से हटा दिया गया, लेकिन अग्रवाल समाज ने कोई विरोध नहीं जताया। यदि हमने समाज की आवाज नहीं उठाई तो धीरे-धीरे कैबिनेट में अग्रवाल समाज का एक भी मंत्री नहीं बचेगा। इसी तरह अग्रवाल समाज के उत्तर प्रदेश एवं पंजाब में दो, और हरियाणा में एक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अब देश में अग्रवाल समाज का एक ही मुख्यमंत्री केवल दिल्ली में बचा है। इसलिए आज समय की जरूरत है कि हम एकजुट होकर उनका समर्थन करें। साथ ही और भी कहीं जो कोई भी समाज से मुख्यमंत्री पद का दावेदार हो, हमें उसका भी समर्थन करना चाहिए। इससे हमारा प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और राजनीतिक मजबूती मिलेगी। हमें सांसद, विधायक ही नहीं, बल्कि केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री जैसे पदों पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

संगठन के अध्यक्ष राजेश गोयल ने दिल्ली चुनावों को समाज के लिए निर्णायक क्षण बताते हुए कहा कि 70 विधानसभा क्षेत्रों और 250 निगम वार्डों में समाज को संगठित करना हमारी प्राथमिकता है। यह चुनाव सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि देशभर में अग्रवाल समाज की राजनीतिक ताकत का संदेश देने का मौका है।अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी और साहस को बनाए रखने के लिए समाज को मजबूती से उनका समर्थन करना होगा।

संगठन महामंत्री वीरेंद्र गर्ग ने कहा कि ‘अग्रवाल की आवाज’ पूरे देश में यह संदेश देगी कि हमारा समाज संगठित और सशक्त है। संगठित समाज के साथ कोई नाइंसाफी नहीं होने पाती और उसे उसका वाजिब हक मिलता है। सभी पार्टियां हमसे चंदा लेती हैं लेकिन राजनीति हमें उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। हमें नोटबैंक की बजाय एक वोटबैंक के रूप में स्थापित होकर राजनीति में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिखा गर्ग ने सोशल मीडिया के प्रभावी इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है, जो संगठन की आवाज को तेजी से हर व्यक्ति तक पहुंचा सकता है।