सुनील कुमार महला
वसंत पंचमी से एक दिन पूर्व और महाकुंभ के बीच वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट ने नौकरीपेशा लोगों और मध्यम वर्ग को अच्छी राहत दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की यह घोषणा विशेषकर मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत लेकर लेकर आई कि 12 लाख रुपए तक की आय पर अब कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इस राहत का हर कोई बहुत समय से बेसब्री से इंतजार कर रहा था। कहना ग़लत नहीं होगा कि भारत निर्माण में मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी भूमिका है, इससे निश्चित ही हमारे देश की प्रगति को नये पंख लगेंगे। जानकारी देना चाहूंगा कि इस बजट में सबसे ज्यादा फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाले ‘ज्ञान’ (जी-गरीब, वाई-युवा, ए-अन्नदाता, एन-नारी) नाम के समूह पर किया गया है। हालांकि बजट में उन सभी क्षेत्रों की बेहतरी पर जोर है, जो 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करेंगे। यह काबिले-तारीफ है कि जीवनरक्षक दवाओं से टैक्स को हटा दिया गया है। कहना चाहूंगा कि जिला अस्पतालों में कैंसर-डे केयर सेंटर की शुरुआत से कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी। गंभीर रोगों की दवाएं सस्ती करने का फैसला वाकई बहुत ही सराहनीय है। इससे आने वाले समय में भारत मेडिकल पर्यटन का केंद्र बन सकेगा।केंद्रीय बजट में लगातार दूसरी बार रेलवे को रेकॉर्ड 2.64 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं और 4.60 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्टों को भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही अलग-अलग श्रेणियों की करीब 350 नई ट्रेनें संचालित( 200 वंदे भारत, 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत ट्रेनें) करने की घोषणा की गई है, इससे विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। यह बहुत अच्छी बात है कि प्रस्तुत बजट से विभिन्न क्षेत्रों में जहां एक ओर नये रोजगारों और व्यवसायों का सृजन हो सकेगा वहीं दूसरी ओर निर्माण क्षेत्र में भी अभूतपूर्व तेजी आएगी। बजट में शिक्षा के क्षेत्र को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से जोड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत से देश में पांच नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी बात कही गई है। युवाओं व पेशेवरों को एआइ तकनीक का प्रशिक्षण मिलने से भारत एआइ के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की ओर अग्रसर हो सकेगा। कहना ग़लत नहीं होगा कि बजट बचत, उपभोग और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है, इससे देश की तरक्की का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। सच तो यह है कि बजट में गरीबों, किसानों और समाज के हर वर्ग का पूरा ध्यान रखा गया है। जानकारी देना चाहूंगा कि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ब्याज सहायता योजना की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इससे किसानों को अपनी फसल बोने के लिए बैंक से ज्यादा लोन मिल सकेगा। सरकार ने एमएसएमई के क्षेत्र को लेकर बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई में उच्च दक्षता, तकनीकी अपग्रेड और पूंजी तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने में मदद करने के लिए सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया जाएगा। इससे उन्हें आगे बढ़ने और युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा।अच्छी बात यह है कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज-मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, बजट में स्मार्ट फोन और मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया है, जिसका सबसे बड़ा असर भारत में मैन्युफैक्चर होने वाले मोबाइल फोन और स्मार्ट टीवी की लागत पर पड़ेगा। कहना ग़लत नहीं होगा कि कस्टम ड्यूटी घटने से मोबाइल फोन और स्मार्ट टीवी की कीमतों में भी काफी गिरावट आएगी।
देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने को ध्यान में रखकर बजट पेश किया गया है। किसानों, एमएसएमई, नवाचार समेत अन्य क्षेत्रों में सुधार से देश को नई ताकत मिल सकेगी। यह बजट कमजोर व मध्यम वर्ग के समग्र विकास पर केंद्रित है। बजट में आइआइटी पर जहां जोर दिया गया है वहीं दूसरी ओर मेडिकल सीटें भी बढ़ाईं गईं हैं, इससे मेडिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्र में ऊंचाइयों को नई गति मिलेगी।
वित्त मंत्री ने उभरते उद्यमियों के वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना की घोषणा की है। वास्तव में इससे सरकार स्टार्टअप के माध्यम से इनोवेशन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। इतना ही नहीं, आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को मौजूदा दो साल से बढ़ाकर चार साल करने का प्रस्ताव भी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में रखा गया है। बजट में सरकार ने पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) में अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के निर्माण, बिहार की राजधानी पटना स्थित आईआईटी का विस्तार किए जाने की भी बात कही गई है, जो काबिले-तारीफ कदम है।बजट में आवास परियोजनाओं में एक लाख इकाइयों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के नए ‘स्वामी’ कोष की घोषणा की गई है। इस योजना का उद्देश्य उन घर खरीदारों को राहत देना है, जिनके निवेश अटके हुए हैं। सरकार ने हैंडिक्राफ्ट्स निर्यात की समय सीमा को छह महीने से बढ़ाकर एक साल कर दिया है। इसके लिए तीन महीने की समय सीमा और बढ़ाई गई है। इसमें वेट ब्लू लैदर को बेसिक कस्टम्स ड्यूटी से पूर्णत: करमुक्त किया गया है। अंत में कुल मिलाकर यह बात कही जा सकती है कि प्रस्तुत बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को जहां एक ओर नयी व दमदार घूंटी है वहीं दूसरी ओर इस बजट में विकसित भारत का विज़न साफ झलकता दिखाई दे रहा है। सच तो यह है कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने को ध्यान में रखकर बजट पेश किया गया है।