प्रयागराज में रेल आवागमन को लेकर महाकुम्भ श्रद्धालुओं के संशय को दूर करने रेल मंत्री तत्काल आए सामने

Railway Minister immediately came forward to clear the doubts of Mahakumbh devotees regarding rail traffic in Prayagraj

प्रयागराज महाकुंभ निर्विघ्न सम्पन्न करना सभी का ध्येय

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव अपनी प्रशासनिक कार्य क्षमता, तत्परता, सुझबुझ भरे फैसलों, धैर्य, संयम और विवेकपूर्ण व्यवहार कुशलता के लिए पहचाने जाते हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें अपने तीसरे प्रधानमंत्रित्व काल में रेल, सूचना और प्रसारण एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैस महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दे रखी है। वे केबिनेट के हर फैसले की जानकारी देने आते है। इसके अलावा जब भी कोई महत्वपूर्व सूचना देनी होती है तब भी वे बिना देरी किए तत्काल मीडिया के समक्ष आते हैं अथवा उन तक स्पष्ट जानकारी पहुंचाने का प्रयास करने के पीछे नहीं रहते।

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज स्टेशन पर रेल आवागमन को लेकर महाकुम्भ श्रद्धालुओं के संशय को दूर करने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सोमवार को तत्काल सामने आए तथा उन्होंने रेलवे वार रुम में पहुंच कर स्थिति की न केवल खुद समीक्षा की वरन यह खुलासा भी किया कि प्रयागराज स्टेशन पर रेल आवागमन जारी है और असामान्य भीड़ को देखते हुए इसे बंद नहीं किया गया हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को 12.50 लाख तीर्थयात्रियों को रेल सुविधा प्रदान की गई थी और प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र के स्टेशनों से रिकॉर्ड 330 ट्रेनें रवाना हुईं थीं। सोमवार को भी अपरान्ह तक प्रयागराज से 130 ट्रेनें रवाना हुई । महाकुंभ मेला के सभी रेलवे स्टेशन सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं तथा 24 घंटों सभी गतिविधियों पर चौकसी रखी जा रही है।

अश्विणी वैष्णव ने महाकुंभ को लेकर लोगों से अपील की कि वो किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। वहीं, प्रयागराज के रेलवे स्टेशन के बंद होने को लेकर पूछे गए सवाल में उन्होंने बताया कि प्रयागराज में 8 स्टेशनो पर अच्छे से रेलवे का व्यवस्थित काम चल रहा है। इसके लिए राज्य प्रशासन और मेला प्रशासन एक साथ समन्वय के साथ काम कर रहे है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रविवार को प्रयागराज जंक्शन से 330 गाड़ियां निकली तथा कहीं पर कोई परेशानी नहीं है। यदि कहीं कोई अफवाहें फैलाने की कोशिश करे तो लोग उस पर ध्यान ना दें। वेष्णव रेल भवन में बने वॉर रूम में जहां रेल स्टेशनों की निगरानी और रेल सेवाओं सहित यात्री सुविधाओं की समीक्षा की जा रही हैं पहुंचे। उन्होंने प्रयागराज रेल्वे स्टेशन बंद होने की अफवाहों के कारणों के बारे में बात की। उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि एक ही नाम वाले दो स्टेशन हैं एक प्रयागराज जंक्शन और दूसरा प्रयागराज संगम हैं,जिसके कारण कतिपय लोगों ने अफवाहें फैलाई। दरअसल प्रयागराज जंक्शन मुख्य स्टेशन है जहां से सभी रेलगाड़ियां का परिचालन होता है बकि मेला क्षेत्र के नजदीक प्रयाग राज संगम एक छोटा स्टेशन है जहां दिन में केवल दो से तीन रेलगाड़ियां चलती हैं। बताया गया कि भारी भीड़ के दौरान, इस स्टेशन को बंद कर दिया जाता हैं ताकि हर कोई प्रयागराज जंक्शन पर चला जाए क्योंकि संगम पर रेलगाड़ियों का परिचालन काफी सीमित है जिससे भीड़ को संभालने में दिक्कत होती है।रविवार को भी भारी भीड़ को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया था,लेकिन कुछ नई वेब साइटस ने प्रयागराज जंक्शन को बंद बता दिया। इससे लोगों में गलतफहमी हो गई।

उल्लेखनीय ही कि शनिवार और रविवार के सार्वजनिक अवकाशों एवं 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के कारण प्रयागराज में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है और पूरा प्रयागराज भारी जन समुदाय से अटा पड़ा हैं। ऐसी परिस्थितियों में रेल, सड़क और हवाई सेवाओं पर भारी दवाब है। हवाई सेवाओं की टिकटे आसमान छू रही है। हजारों लोग अपने स्वयं के वाहनों से भी प्रयागराज पहुंच रहें हैं। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रयाग राज पहुंचने से स्थानीय प्रशासन और मेला प्रशासन के साथ ही उत्तरप्रदेश सरकार को अतिरिक्त प्रबन्ध सुनिश्चित करने पड़े।

कुल मिला कर महाकुम्भ के शेष 15 दिन भी स्थानीय प्रशासन, मेला प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहेंगे ।

ऐसे में सभी का ध्यान इस बात पर है कि 443 वर्षों के बाद आए प्रयागराज महाकुंभ आने वाले दिनों में किस तरह निर्विघ्न सम्पन्न हो सके। देखना है कि केन्द्र और प्रदेश की सरकारें मिल कर इस लक्ष्य को कैसे पूरा करेंगी?