ऋषभ पंत भारतीय बल्लेबाजी क्रम का अभिन्न हिस्सा हैं: द्रविड़

  • हमें मालूम है बाएं हाथ के ऋषभ बीच के ओवरों में क्या कर सकते हैं
  • ऋषभ हमारे लिए आने वाले महीनों में योजनाओं का बेहद अहम हिस्सा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत के क्रिकेट उस्ताद राहुल द्रविड़ की भारतीय क्रिकेट टीम के उस्ताद के रूप में कामयाबी का सबब है कि खिलाड़ी की प्रतिभा को भांप कर उस पर भरोसा कायम रखते हुए उसे अपनी कूवत और कौशल दिखाने के लिए एक दो मैच नहीं बल्कि पूरी सीरीज देने में यकीन। बाहर बैठे पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट पंडित क्या कहते हैं उन पर द्रविड़ बतौर कोच खुद ध्यान ही नहीं देते हैं। द्रविड़ टीम इंडिया के अपने शागिर्दों को इस आलोचन को अनसुना कर केवल मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। भारत ने मेहमान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 से पिछडऩे के बाद अगले दोनों मैच जीत और बेंगलुरू में अंतिम मैच बारिश के चलते बेनतीजा खत्म होने के साथ जिस तरह पांच टी-20 मैचों की सीरीज दो-दो बराबरी पर समाप्त कराई यह उनके अपने शागिर्दों पर भरोसे का ही नमूना है। भारत की पहली बार इस पांच टी-20 मैचों की सीरीज में कप्तानी करने वाले कप्तान ऋषभ पंत के बल्ले से मात्र 58 रन पर रन बनाने और दिनेश कार्तिक को खासतौर पर आखिर के मारधाड़ वाले पांच ओवर के लिए चुनने के अपने फैसले पर उस्ताद द्रविड़ कायम रहे और इसका उन्हें सकारात्मक नतीजा भी मिला। ऋषभ पंत का बल्ला इस टी-20 सीरीज में भले ही नहीं चला लेकिन दिनेश कार्तिक को जो ‘खासÓ जिम्मेदारी सौंपी थी उसमें वह कामयाब रहे। इसके चलते दिनेश कार्तिक के इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया में जगह के लिए चुनौती देनेे की चर्चाएं जरूर उठी लेकिन खुद उस्ताद द्रविड़ ने ऋषभ को टीम का अभिन्न अंग बता इसे खारिज कर दिया।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बेंगलुरू में बारिश के चलते रविवार को पांचवें व अंतिम टी-20 के बेनतीजा खत्म होने के बाद भारत के उस्ताद द्रविड़ ने कहा, ‘जब आप अपने खिलाडिय़ों से बीच के ओवरों में और ज्यादा आक्रामक क्रिकेट खेलने को कहते हैं तो ऐसे में अपने किसी भी खिलाड़ी को मात्र दो तीन मैचों के प्रदर्शन पर आंकना वाकई मुश्किल होता है। मेरा मानना है कि इस साल आईपीएल में ऋषभ पंत का बल्लेबाजी औसत बहुत बढिय़ा नही दिखाई दे, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट वाकई अच्छा था। ऋषभ अपने इस ट्राइकरेट को उससे भी कुछ उपर ले जाना चाहते थे कि जहां तीन बरस पहले थे। हम ऋषभ से अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट में इसी आक्रामक अंदाज की क्रिकेट की उम्मीद करते हैं। बहुत मुमकिन है इस प्रक्रिया में दो तीन मैच में ऋषभ से गलती हो गई हो। ऋषभ पंत भारतीय बल्लेबाजी क्रम का अभिन्न हिस्सा हैं। हमें मालूम हैं कि बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ अपनी ताकत से बीच के ओवरों में क्या कर सकते हैं और उन्होंने कुछ बढिय़ा पारियां खेली भी हैं। बेशक ऋषभ खुद भी कुछ और रन बनाना चाहेंगे लेकिन यह चिंता की बात नहीं है। निश्चित रूप से ऋषभ पंत हमारे लिए आने वाले महीनों में हमारी योजनाओं का बेहद अहम हिस्सा हैं।Ó
‘ दिनेश कार्तिक और हार्दिक अंतिम पांच-छह ओवरों में दुनिया में सर्वश्रेष्ठï हैं’

राहुल द्रविड़ की बतौर हेड कोच भारत के मेहमान दक्षिण अफ्रीका से 0-2 से पिछडऩे के बाद बराबरी पाने के बावजूद पांच टी-20 की सीरीज में एक ही एकादश को उतारने और दिनेश कार्तिक को ‘खास भूमिका’ मे उतारने को लेकर कई सवाल भी उठे लेकिन वह अपनी रणनीति पर काबिज रहे। द्रविड़ खुद इस बाबत कहते हैं, ‘दिनेश कार्तिक को उनके जिस खास कौशल के कारण चुना गया था कि उन्होंने राजकोट में इसे अंतिम पांच ओवरों में सही वक्त पर दिखाकर चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया। कार्तिक और हार्दिक पांडया दोनों राजकोट में शानदार ढंग से खेले और अंतिम पांच ओवरों को खूब भुनाया। कार्तिक और हार्दिक अंतिम पांच-छह ओवरों में दुनिया में सर्वश्रेष्ठï हैं। इससे हमें आगे अब और ज्यादा विकल्प उपलब्ध हो गए हैं। मैंने अपनी टीम के खिलाडिय़ों से यही कहा दरवाजे पर दस्तक देना पर्याप्त नहीं है और दरवाजा इतनी जोर से पीटना होगा कि वह इससे वह गिर जाए और कार्तिक और हार्दिक की पारियों कुछ इतने जोर से दरवाजा पीटने की ही थी।

‘श्रेयस और ऋतुराज ने दिखाया कौशल’
रोहित, केएल राहुल और विराट कोहली जैसश कई सीनियर की गौरमौजूदगी में अपने इन नौजवान बल्लेबाजों के बहुत रन न बना पाने के बावजूद इसके भारत के हेड कोच राहुल द्रविड़ बहुत निराश नहीं है। द्रविड़ ने कहा, ‘मैं किसी भी खिलाड़ी को एक सीरीज और एक मैच नहीं आंकता। जिस भी खिलाड़ी को भारत के लिए इस सीरीज में खेलने का मौका मिला वह इसका पूरी तरह से हकदार था क्योंकि इन सभी ने अपनी मेहनत से इसे हासिल किया था। क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में आपके लिए कुछ मैच अच्छे होंगे कुछ बुरे जाएंगे। मैं यही कहूंगा कि श्रेयस अय्यर ने सीरीज के शुरू के दोनों मैचों में मुश्किल पिच पर खेलने के बावजूद सकारात्मक ढंग खेल और रन बनाने की इच्छा शक्ति दिखाई। ऋतुराज गायकवाड़ ने तीसरे मैच में एक बेहतरीन पारी खेल अपना कौशल और उत्कृष्टïता दिखाई।

हमने निरंतर बेहतर की कोशिश में अलग-अलग खिलाडिय़ों को आजमाया
राहुल द्रविड़ द्वारा बीते बरस नवंबर में हेड कोच की जिम्मेदारी संभालने के बाद अलग-अलग प्रारूप में छह कप्तानों ने भारत की कप्तानी। द्रविड़ इस बाबत कहा, ‘पिछले आठ महीनों में छह कप्तानों ने अलग अलग प्रारूप में भारत की कप्तानी जरूर की जो की बेशक हमारी योजना नहीं थी लेकिन अब क्रिकेट में जितने मैच खेले जा रहे इसका मिजाज ही ऐसा हो चला है। कोरोना के चलते मुझे अलग-अलग खिलाडिय़ों के साथ कम करना पड़ा और यह मजेदार भी रहा। कई अन्य लोगों को टीम इंडिया की कप्तानी का मौका मिला ही हमें भी ग्रुप के ज्यादा लीडर बनाने का मौका मिला। हमने निरंतर बेहतर करने की कोशिश में अलग-अलग खिलाडिय़ों को आजमाया। पिछले आठ महीनों में दक्षिण अफ्रीका से उसके घर में टेस्ट और वन डे सीरीज हारना निराशाजनक रहा।’

अलग तरीको से जीत की कोशिश में गलतियां होंगी, हम सही राह पर: ऋषभ
वहीं ऋषभ पंत ने कहा, ‘भले ही अंतिम मैच बारिश के चलते बेनतीजा खत्म हो गया लेकिन हमन इस पांच टी-20 मैचों की सीरीज से बहुत कुछ हासिल किया। खासतौर पर दक्षिण अफ्रीका से 0-2 से पिछडऩे के बाद हमारी भारतीय टीम ने गजब का जीवट दिखाकर अगले दो मैच जीत जिस तरह सीरीज में 2-2 की बराबरी पाई वह शानदार रहा। हम अलग ढंग से खेल कर अलग तरीकों से मैचों को जीतने की कोशिश कर रहे है। ऐसे गलतियां होंगी लेकिन हम सही राह पर हैं। मैं बतौर कप्तान पहली बार इतनी बार टॉस हारा, और यह यह चूंकि मेरे वश ने नहीं था और इसीलिए मैं इस बाबत बहुत सोच भी नहीं रहा। अब हमारी भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड में उसके खिलाफ एजबेस्टन में टेस्ट जीतना अहम है । मैं अब भारतीय टीम की इस टेस्ट में जीत में योगदान करना चाहता हूं।

बतौर गेंदबाज मैन आफ सीरीज होना गौरव का क्षण : भुवनेश्वर कुमार
भारत के सदाबहार अनुभवी शांत पर चतुर स्विंग गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टी मैचों की सीरीज में चतुराई और कंजूस गेंदबाजी कर छह विकेट चटका मैन ऑफ द सीरीज रहे। भुवनेश्वर ने इस बढिय़ा प्रदर्शन से इस साल आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में स्थान पाने की अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। भुवनेश्वर ने कहा, ‘बतौर गेंदबाज मैन आफ द सीरीज होना गौरव का क्षण होता है और टी-20 सीरीज में यह गौरव मिले तो और बेहतर होता है। मैं अपनी गेंदबाजी और फिटनेस पर हमेशा बहुत मेहनत की है। मैं अब बरसों से खेल रहा हूं और मेरी भूमिका हमेशा से एक ही रही। टी 20 में गेंदबाजी करते हुए गेंदबाजी का आगाज कर दो ओवर पॉवर प्ले में फेंकना और बाकी दो ओवर आखिर में करना। ये चीजें हमेशा एक सी रही है लेकिन बतौर सीनियर मैंने हमेशा ही नौजवानों की मदद करने की सोची हैं। मैं खुशकिस्मत हूं कि कप्तान ने मुझे पूरी छूट दी में चाहे जैसे करूं। ‘