राजस्थान रोडवेज की फेस लिफ्टिंग से रोडवेज की दशा और दिशा बदलेगी

Face lifting of Rajasthan Roadways will change the condition and direction of the roadways

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान रोडवेज के बेड़े में नई बसे शामिल होने के साथ ही जयपुर से नई दिल्ली जाने वाली वोल्वो बसे भी नए रंग रुप में नजर आयेंगी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार आगामी एक मई अंतरराष्ट्रीय लेबर दिवस के दिन से यह बदलाव देखा जा सकेगा।

राजस्थान रोडवेज की वोल्वो बसे विशेष कर जयपुर नई दिल्ली के मध्य चलने वाली वोल्वो बसे देशी विदेशी पर्यटकों में खासी लोकप्रिय रही है। वर्ष 2016- 2017 में नई दिल्ली के बीकानेर हाउस से जैसे ही उनका संचालन बन्द हुआ इसका असर रोडवेज की आमदनी और सैलानियों के साथ ही राजस्थान डेयरी के सरस उत्पादकों पर सबसे अधिक पड़ा और एक जमाने में जहां दिल्ली जयपुर और जयपुर दिल्ली के मध्य हर एक घंटे में वोल्वो बसों का संचालन होता था आज इसकी संख्या एक चौथाई रह गई है और बसे भी खस्ता हालत में पहुंच गई है लेकिन राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने अब स्थिति को सुधारने के लिए कमर कस ली है। दिल्ली से राजस्थान आने वाले पर्यटकों की अभी भी मांग है कि वोल्वो बसों का संचालन फिर से बीकानेर हाऊस से किया जाना चाहिए क्योंकि आईएसबीटी कश्मीर गेट और धौला कुंआ में यात्रियों को वह सुविधा उपलब्ध नहीं है जो वहां थी। बीकानेर हाऊस में रोडवेज का ऑफिस अभी भी बदहाल ही पड़ा है। इलेक्ट्रिक बसे चला कर सर्वोच्च्य कोर्ट की आपत्ति को भी दूर किया जा सकता है । इधर नई दिल्ली के इंडिया गेट के आसपास जनपथ और मंडी हाऊस आदि से हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्य की रोडवेज बसे अभी भी निर्बाध रूप से चल रही है।

इधर रोडवेज बेड़े के सुदृढ़ीकरण के अन्तर्गत निगम अपनी बसों की संख्या को वर्ष 2026 तक 5000 तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। वर्तमान में यह संख्या घटकर लगभग 3500 बसों तक रह गई है। यात्रियों की सुविधा और सुगम यात्रा को ध्यान में रखते हुए इस संख्या को योजनाबद्ध तरीके से बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। राजस्थान रोडवेज के संचालक मंडल की रोडवेज की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई 310 वीं बैठक में निगम की रिक्त भूमि पर पेट्रोल पंप लगाने, प्रदेश के 8 जिलों में बस स्टैंड के आधुनिकीकरण, बसों की संख्या में बढ़ोतरी, बूंदी बस स्टैंड के स्थानांतरण संबंधी मुद्दों पर सहमति बनी है ।

रोडवेज का प्रदेश के 8 जिलों में आधुनिक बस स्टैंड बनाने का भी इरादा है। ऐसा करना आवश्यक भी है क्योंकि वर्तमान में प्रदेश के राजधानी जयपुर के सिंधी कैंप सहित अन्य बस स्टैंडस के हालात बहुत खराब है। विशेष कर गंदगी और शौचालयों के हालात बद से बदतर हो गई है।

रोडवेज प्रशासन के अनुसार अजमेर, भरतपुर, उदयपुर, बूंदी, बीकानेर, ब्यावर, चित्तौडग़ढ़ और भीलवाड़ा जिलों में निगम के आधुनिकतम सुविधायुक्त बस स्टैंड बनाए जाएंगे। ये बस स्टैंड बिल्ड,ऑपरेट और ट्रांसफर मॉडल (बी ओ टी ) आधार पर विकसित किए जाएंगे जिसके लिए निगम ने सलाहकार सेवाओं के लिए निविदाएं जारी कर कार्य प्रारंभ कर दिया है। इन बस स्टैंडों के विकास से यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा मिलेगी और साथ ही रोडवेज की गैर-संचालन आय में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में 12 नए स्थानों पर बस स्टैंडों का निर्माण और 21 अन्य बस स्टैंडों का विकास राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा।रोडवेज की खाली पड़ी भूमि पर सरकारी तेल कंपनियों के सहयोग से पेट्रोल पंप एवं बस स्टॉप स्थापित किए जाएंगे। इस नए मॉडल को निगम संचालक मंडल द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है जिससे यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होने के साथ-साथ निगम को गैर-संचालन आय भी प्राप्त होगी।

इसी प्रकार बूंदी शहर में जाम की समस्या को हल करने और भारी वाहनों के दबाव को कम करने के लिए रोडवेज के बूंदी बस स्टैंड को कृषि उपज मंडी की भूमि पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। इससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी।

रोडवेज की नई योजना अनुसार अब ट्रेन की तर्ज पर रोडवेज बस की भी लाइव लोकेशन मिलेगी उससे सभी को फायदा होगा। रोडवेज प्रशासन जल्द ही आरएसआरटीसी लाइव ऐप लॉन्च करने जा रहा है। जिस तरह भारतीय रेलवे ट्रेन की लाइव लोकेशन से यात्रियों को हर पल अपडेट करता है। इसी तर्ज पर प्रदेश में रोडवेज भी 2500 बसों की लाइव लोकेशन यात्रियों के साथ ऐप के माध्मय से साझा करेगा। इससे यात्रियों को स्टैंड पर खड़े रहकर बस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बस कहां से रवाना होकर कहां पहुंची, इसकी जानकारी ऐप के माध्यम से मोबाइल पर मिल जाएगी। इसके लिए रोडवेज प्रशासन जल्द ही आरएसआरटीसी लाइव ऐप लॉन्च करने जा रहा है।अभी प्रदेश में रोडवेज के बेड़े में 3800 बसें ऑपरेशनल है। इनमें से 2170 बसों को ऐप से जोड़ लिया गया है। इन बसों की लाइव लोकेशन ट्रेकिंग भी हो रही है। आरएसआरटीसी ऐप पर 2500 बसों को जोड़कर लॉन्च किया जाएगा। यात्रियों को बस टिकट पर ट्रेन की भांति पीएनआर नंबर दर्ज मिलेगा। जिसे ऐप पर डालने से बस का लाइव स्टेट्स मिलने लगेगा। बस कहां और किस मार्ग से आ रही है, आगे का मार्ग क्या रहेगा, यह बस पता चल जाएगा।

राजस्थान में रोडवेज की बसों से प्रतिदिन लाखों यात्री सफर करते और रोडवेज को करोड़ों रु की आमदनी हो रही है। अब रोडवेज की फेस लिफ्टिंग की योजना से रोडवेज की दशा और दिशा बदलने की उम्मीद है जिससे प्रदेश में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी और रोडवेज को आशिक आमदनी मिलेगी।