पर्यटन और संस्कृति भारत के समावेशी और सतत विकास के प्रवेशद्वार : शेखावत

Tourism and culture are gateways to India's inclusive and sustainable development: Shekhawat

  • आईसीएआई दबई चैप्टर द्वारा आयोजित ईयर ऑफ ग्रोथ में बोले केंद्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन मंत्री
  • पर्यटन न केवल अर्थव्यवस्था में लगभग 9% का योगदान देता है, बल्कि 80 मिलियन लोगों को रोजगार भी देता है

नीति गोपेन्द्र भट्ट

नई दिल्ली/दुबई : केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आईसीएआई दुबई चैप्टर द्वारा “ईयर ऑफ ग्रोथ 2025-26” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पर्यटन और संस्कृति भारत के समावेशी और सतत विकास के प्रवेशद्वार बनते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन न केवल अर्थव्यवस्था में लगभग 9% का योगदान देता है, बल्कि 80 मिलियन लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है। यह ग्रामीण उत्थान, महिला सशक्तीकरण और सांस्कृतिक संरक्षण का भी प्रमुख साधन है।
अपने उद्बोधन में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इस बात पर गर्व जताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान देश ने हिमालय की चोटियों से लेकर अंडमान के समुद्र तटों तक और रामायण व बौद्ध ट्रेल्स से लेकर मेडिकल व एडवेंचर टूरिज्म तक अपने विविध पर्यटन प्रस्तावों को वैश्विक मंच पर प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि टूरिज्म सिर्फ ट्रैवल नहीं, यह ट्रांसफॉर्मेशन है, यह दुनिया को भारत से जोड़ने वाला सेतु है।

शेखावत ने आगे कहा कि 2024 में भारत ने करीब 2 करोड़ विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया, जिससे 30 बिलियन डॉलर से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ और ‘देखो अपना देश’ जैसे अभियानों ने घरेलू पर्यटन को एक नई ऊर्जा दी है।

संस्‍कृति विकास का सॉफ्ट पावर
शेखावत ने संस्कृति को विकास का सॉफ्ट पावर बताते हुए कहा कि 21वीं सदी में भारत की परंपराएं, जैसे योग, आयुर्वेद, नृत्य और वस्त्र, वैश्विक चेतना का हिस्सा बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि 2025 सांस्कृतिक कूटनीति के लिए एक निर्णायक वर्ष है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और रामायण महोत्सव जैसे आयोजन भारत की सांस्कृतिक शक्ति को विश्व तक पहुंचा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार “ईयर ऑफ ग्रोथ” में सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दे रही है। संग्रहालयों, डिजिटल आर्काइव्स, सांस्कृतिक केंद्रों और कलाकारों के कल्याण हेतु एक समृद्ध इकोसिस्टम पर निवेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसी पहलें इस सोच को मूर्त रूप दे रही हैं कि संस्कृति केवल पहचान नहीं, बल्कि समृद्धि का मार्ग भी है। उन्होंने विश्‍वास जताया, विकास का यह दशक, भारत को सांस्कृतिक नेतृत्व की वैश्विक भूमिका में लाने का दशक होगा।

यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री से मिले शेखावत
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दुबई में यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक नीतियों और सतत विकास सम्मेलन – मोंडिएकल्ट 2025 में यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी से भेंट की। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत भारत-यूएई पर्यटन गलियारे के इर्द-गिर्द रणनीतिक संवाद को मजबूत करने पर केंद्रित थी। साथ ही हमारे दोनों देशों के बीच पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों में आपसी हित और सहयोग के विभिन्न अवसरों पर भी चर्चा हुई।