चीन चौंका सकता है, हमें अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाना होगा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : सबसे अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया के गोल से भारत ने पिछडऩे के बाद इंग्लैंड को एम्सतलवीन में 15 वें एफआईएच हॉकी विश्व कप में पूल बी में रविवार रात एक-एक की बराबरी पर रोक अपना अभियान शुरू किया। मोनिका मलिक के दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से दो मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक को इंग्लैंड की गोलरक्षक मैडी हिंच ने रोका लेकिन बाएं डी में खड़ी वंदना लपक पर उंचे फ्लिक से गेंद को गोल में डाल दिया। लिली ओवस्ले के दाएं से तेज क्रॉस पर इजाबेल पीटर ने गोल कर इंग्लैंड का खाता खोला था। झांग यिंग और गु बिंगफेंग के पेनल्टी कॉर्नर पर दागे एक-एक गोल से चीन ने पिछडऩे के बाद न्यूजीलैंड को दो दो गोल की बराबरी पर रोका। दिलचस्प बात यह है कि पूल बी में मंगलवार को दोनों मैच ड्रॉ रहने के बाद अब भारत, इंग्लैंड, चीन और न्यूजीलैंड सभी के मात्र एक-एक मैच के बाद समान रूप से एक-एक अंक है।
भारत ने भले इंग्लैंड के खिलाफ मैच एक एक से ड्रॉ खेला। भारत का इससे चीन के खिलाफ मंगलवार को एम्सतलवीन के वेगनेर स्टेडियम में खेले जाने वाले मैच के लिए आत्मविश्वास जरूर बढ़ा होगा। भारत का चीन के खिलाफ पलड़ा भारी रहा है। भारत ने चीन के खिलाफ अब तक 21 में से 11 जीते और 9 हारे हैं जबकि मात्र एक ड्रॉ़ रहा है। भारत के लिए एक उत्साहवद्र्धक बात यह है कि उसने चीन से पिछले नौ में से सात मैच जीते और दो ड्रॉ खेले हैं। भारत ने इस साल आईएच प्रो लीग मेंं चीन को( 7-1 से 2-1से) एशिया कप में तीसरे चौथे स्थान के मैच में 2-0 से हराया।
भारत की कप्तान गोलरक्षक सविता पूनिया ने कहा, ‘चीन की टीम बहुत बढिय़ा है और वह चौंका सकती है। हमें चीन के खिलाफ जीतना है तो मौकों को भुनाना होगा अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाना होगा। चीन के खिलाफ जीत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठï खेल दिखाना होगा। मैं चीन के खिलाफ कड़े संघर्ष कड़े संणर्ष की आस कर रही हूं। हमारा फोकस हमेशा बढिय़ा हॉकी खेलने पर है। मैं जानती थी कि इंग्लैंड के खिलाफ मैच बड़े दबाव वाला मैच था। हमने टीम ने मैदान गजब का जज्बा दिखाया। मेरा मानना है कि हमारी टीम बेहतर कर सकती थी और हम मिले मौकों को भुनाते तो हम जीत सकते थे। फिर भी हम मजबूत इंग्लैंड से मैच ड्रा़ॅ खले कर अंक बांटने में सफल रही। यह हमारे लिए सकारात्मक आगाज है।’
भारत की चीफ कोच यॉकी शॉपमैन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमने इंग्लैंड के खिलाफ बढिय़ा आगाज किया और पहले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल किया। इंग्लैंड की टीम कई बार खतरनाक दिखी, लेकिन गेंद हमारे कब्जे में रही और मैच में हमने बहुत धैर्य से अपने किले की चौकसी की। हम बदकिस्मत रहे कि हम पेनल्टी कॉर्नर का बढिय़ा इस्तेमाल नहीं कर पस और अंत में हमारी खिलाडिय़ों को दो हरे कार्ड दिखाने से हमारी लय बिगड़ गई। कुल मिलाकर कर मैं अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश हूं। मैं यह भी जानती हूं कि हमें कई जगह जरूर बेहतर प्रदर्शन करना है। चीन की टीम को हराना मुश्किल है। चीन को पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना आता ही है उन्हें इन्हें रोकना भी। हम यदि अपना खेल खेले तो उम्मीद करती हूं हम गोल के मौके बनाने में सफल रहेंगी।’
भारत की अग्रिम पंक्ति में है चीन की दीवार को तोडऩे का दम
दरअसल दुनिया भर के चतुर उस्तादों – एलिसन अन्नान (हेड कोच), रिक चाल्र्सवर्थ (सहायक कोच), ताके ताकेमा (सहायक कोच) की सबसे मजबूत टीम के रूप में चीन इस संस्करण में 2002 में कांसे के रूप में पदक की कामयाबी को दोहराना चाहता है। भारत की अग्रिम पंक्ति में वंदना, नेहा गोयल, शर्मिला, नवजोत और ललरेमसियामी चीन के खेल से वाकिफ हैं और ये सभी खुद पर भरोसा रख कर खेली जो बेशक चीन की दीवार को तोडऩे का दम है। भारत को सीधे क्वॉर्टर फाइनल में स्थान पाना है तो उसे अब चीन और न्यूजीलैंड से मैच जीतने ही और बड़े अंतर से जिससे किसी तरह के अगर मगर की कोई आशंका न रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि पूल मे दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम की विजेता हर पूल से अंतिम 8 में पहुंचने वाली दूसरी टीम होगी।
भारत को चीन की ड्रैग फ्लिकर यिंग और बिंगफेंक से चौकस रहना होगा
अपने जमाने के नीदरलैंड के खतरनाक डै्रैग फ्लिकर सहायक कोच ताके ताकेमा से ड्रैग फ्लिक की बारीकियां सीखने वाली ड्रैग फ्लिकर झांग यिंग और गु बिंगफेंग से चौकस रहना होगा क्योंकि ये दोनों न्यूजीलैंड के खिलाफ इस संस्करण में एक एक गोल चीन को मैच ड्रॉ कराने में अहम रोल अदा कर चुकी हैं। भारत की अग्रिम पंक्ति में अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया, शर्मिला देवी, नवजोत कौर के लिए ‘लिंकवूमैन’ के रूप में खेलने वाले ललरेमसियामी, नवनीत कौैर और नेहा गोयल को चीन के खिलाफ मैच में बराबर आगे गेंद बढ़ा कर इंग्लैंड के गोल पर हमले बोल दबाव बनाने और पेनल्टी कॉर्नर दिलाने में मदद की।भारत की मध्य पंक्ति मेंं नेहा वारसी और सुशीला चानू ने ‘स्ट्रक्चर’ के मुताबिक कुछ पीछे ही रही जबकि मोनिका मलिक ने बराबर ओवरलेप कर आगे खेलीं ही लेकिन उतनी ही तेजी से पीछे आकर रक्षापंक्ति में गुरजीत कौर, निकी प्रधान, दीपग्रेस एक्का की इंग्लैंड के हमलों को नाकाम करने में मदद कर कप्तान गोलरक्षक सविता पूनिया पर दबाव कम किया।
मैच का समय : रात आठ बजे से(भारतीय समयानुसार)