
बांग्लादेश उच्चायोग की वरिष्ठ अधिकारी सामिया इसरत रोनी ने किया तीज मेले का अवलोकन
नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली : दिल्ली के बीकानेर हाउस में 30 जुलाई तक चलने वाले साप्ताहिक तीजोत्सव 2025 में राजीविका और रूडा संस्थाओं के माध्यम से आए हस्तकलाकारो द्वारा निर्मित हस्त उत्पादों ने धूम मचाई हुई है। इन उत्पादों को खरीदने के लिए दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आगंतुक विशेषकर महिलाएं आकर इन स्टॅाल्स पर अपनी पंसदीदा खरीदारी कर रही हैं। आठ दिवसीय तीज उत्सव का गत 23 जुलाई को राज्य के मुख्यसचिव सुधांश मिश्र ने उद्घाटन किया था।
शुक्रवार को बांग्लादेश उच्चायोग वरिष्ठ अधिकारी सामिया इसरत रोनी ने शिल्प मेले और खाद्य उत्सव का दौरा किया। राज्य की अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती अंजू ओमप्रकाश ने सुश्री रोनी का अभिनंदन करते हुए उन्हें राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किए गए एक स्मारिका प्रेषित की।
उन्होंने इसरत रोनी को पूरे मेले के सभी स्टॅाल्स का अवलोकन करवाते हुए तीजोत्सव की थीम और तीज की परंपरा के साथ ही राजस्थानी संस्कृति में इसके महत्व से परिचित कराया।
तीजोत्सव मेंले के अवलोकन के उपरांत सुश्री रोनी ने मेले में राजस्थानी हस्तशिल्प कलाकारों और कारीगरों से उत्पादों की बनाने की विधि और उसके उपयोग की पूर्ण जानकारी ली। उन्होंने सभी हस्तकलाकारों से उनकी कला की प्रषंसा कर उन्हें अपनी ओर से शुभकामनाएं देकर उनका मनोबल बढ़ाया।
सप्ताहंत पर होगें विशेष कार्यक्रम
तीजोत्सव में सप्ताह के अंत में दर्शकों और आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके राजस्थान पर्यटन द्वारा राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। लगभग 2 घंटे चलने वाली इस सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से लोक कलाकार अपनी संगीतमय प्रस्तुति प्रस्तुत करेगे। इसके अतिरिक्त तीज त्योहार की सबसे विशेष तीज सवारी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सैकड़ों महिलाएं विभिन्न रंगीन परिधानों में तीज सवारी के रूप में तीज माता की आराधना करेंगी।
परंपरागत राजस्थानी व्यंजन बने आकर्षण
तीजोत्सव और हस्तशिल्प मेले में परंपरागत राजस्थानी व्यंजनों की उपलब्धता राजधानी वासियों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बन रहे है। हैंडीक्राफ्ट मेला और फूड फेस्टिवल में इस बार परंपरागत राजस्थानी खानपान से जुड़े करीब दस स्टॉल्स पर प्रदेश के स्वादिष्ट व्यंजनों की उपलब्ध हो रहे है। राजस्थान के अजमेर, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, जोधपुर, सीकर, झालावाड़, करौली, भरतपुर और जयपुर के कारीगरों द्वारा तैयार दाल बाटी, चूरमा, कैर सांगरी और गट्टे की सब्जी, घेवर, मूंग दाल का हलवा, दाल के वड़े, रबड़ी, कुल्फी, मालपुआ, मावा कचोरी, मिर्ची वड़ा, जलेबी, पिन्नी, मिल्क केक और भेलपुरी जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों का राजधानी वासी भरपूर लुत्फ उठा रहे है।
इस मेले में आमजन सुबह 11:00 बजे से रात्रि 9:00 तक निशुल्क के भ्रमण और राजस्थानी हस्तशिल्प सामानों की खरीदारी के साथ-साथ राजस्थानी व्यंजनों का भरपूर आनंद ले सकेंगे। मेले के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं का भी आयोजन किया जा रहा हैं।