15 अगस्त – ट्रंप को संदेश,आरएसएस का जिक्र, रोजगार योजना,आत्मनिर्भरता, मेड इन इंडिया,नक्सलवाद और अवैध घुसपैठियों को सन्देश

15 August - Message to Trump, mention of RSS, employment scheme, self-reliance, Made in India, message to Naxalism and illegal intruders

  • राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान के साथ पूरे देश में एक स्वर में‘भारत माता की जय’और ‘वंदे मातरम्’ के जयघोष गूँज उठे
  • 79 वाँ स्वतंत्रता दिवस केवल एक उत्सव नहीं बल्कि भारत की उपलब्धियों चुनौतियों व भविष्य की योजनाओं का प्रतीक बनकर उभरा

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

वैश्विक स्तरपर भारतीय स्वतंत्रता दिवस15 अगस्त2025 पर पूरे विश्व के सैलानियों भारतीय उत्सवों पर रुचि रखने वालों स्वतंत्रता का मूल्य जानने वालों विदेश में बेस मूल भारतीयों सहित,पूरे भारतवर्ष ने 79 वाँ स्वतंत्रता दिवस अपार उत्साह, जोश और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया। तड़के सुबह से ही देश के हर कोने में तिरंगे की शोभा देखते ही बन रही थी,चाहे वह महानगरों की ऊँची-ऊँची इमारतें हों, गांवों की गलियाँ हों या फिर स्कूल-कॉलेजों के प्रांगण।दिल्ली के लाल किले से पीएम द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान के साथ पूरे देश में एक स्वर में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के जयघोष गूँज उठे। राजधानी से लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक सुरक्षा बलों की परेड, सांस्कृतिक झाँकियों और देश की प्रगति की झलक दिखाते आयोजनों ने उत्सव को भव्य बना दिया। शहरों में सजावट रोशनी और झंडारोहण समारोह ने वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास, शहीदों के बलिदान और आज़ादी के महत्व को जीवंत किया गया। विभिन्न राज्यों में पारंपरिक नृत्यों, संगीत और झाँकियों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया गया। ग्रामीण इलाकों में भी ग्राम पंचायतों, स्थानीय क्लबों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने ध्वजारोहण कर देशप्रेम का संदेश दिया।सेना, नौसेना और वायुसेना ने अपने- अपने ठिकानों पर गरिमामय समारोह आयोजित किए, जिनमें युद्धक उपकरणों,विमाननकौशल और अनुशासन की अद्भुत मिसाल पेश की गई। स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न राज्यों के राजभवनों में राज्यपालों ने ध्वजारोहण किया और नागरिकों को राष्ट्र की एकता,अखंडता और विकास के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।कई शहरों में तिरंगा यात्राएँ निकाली गईं, जिनमें आम नागरिक, विद्यार्थी,व्यापारी और सामाजिक संगठन एक साथ शामिल हुए। शाम होते-होते ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों पर तिरंगे के रंगों से जगमगाती रोशनी ने पूरे देश को मानो एक धागे में बाँध दिया। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस का आयोजन केवल परंपरा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह देश की नई ऊर्जा, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक बन गया। भारत के हर नागरिक ने, चाहे वह देश में हो या विदेश में, इस दिन को गर्व और सम्मान के साथ मनाया,और यह संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों मेंभारत को और अधिक सशक्त, समृद्ध और सुरक्षित बनाने में अपना योगदान देंगे।इस साल का थीम ‘नया भारत’ है, समारोह की एक खास परंपरा यह रही कि यह प्रधानमंत्री का लगातार 12वीं बार लाल किले से भाषण था, जिसके चलते वे इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड पीछे छोड़ते हुए इस विशेष श्रेणी में नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर आ गए।

साथियों बात अगर हम लाल किले की प्राचीर से भारतीय पीएम के संबोधन रूपी हुंकार की करें तो,79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम ने लालकिले पर लगातार 12 वीं बार तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्होंने अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया।पीएम ने 103 मिनट के भाषण की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से की। इस पर 13 मिनट से ज्यादा बोले, टैरिफ का बिना नाम लिए ट्रम्प को संदेशदिया ‘भारत के किसान,पशुपालक, मछुआरे, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। इससे जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा है।भारत, अपने किसानों, पशुपालकों, मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता नहीं स्वीकार करेगा।’पीएम का यह बयान ऐसे समय में आया है अमेरिका और भारत के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) पर बातचीत हो रही है। इसमें अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी सेक्टर में टैक्स कम करे।साथ ही मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम, एथेनॉल जैसे सामान पर टैरिफ कम करने और अमेरिकी डेयरी उत्पादों को भारत में ज्यादा बेचने कीअनुमति दे।12 साल में पहली बार लाल किले से आरएसएस का जिक्र हुआ,आज गर्व के साथ मैं इस बात का जिक्र करना चाहता हूं कि आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ।100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है।व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया, सेवा, समर्पण संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिसकी पहचान रही है। ऐसा आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है।उन्होंने आतंकवाद, सिंधु समझौता, आत्मनिर्भरता, मेड इन इंडिया, नक्सलवाद और अवैध घुसपैठियों पर अपनी बात रखी। उन्होंने पहली बार लाल किले से आरएसएस का जिक्र किया।पीएम ने कहा,’ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने वो करके दिखाया, जो दशकों तक भुला नहीं सकते। सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान की नींद अभी तक उड़ी है।अगर हम आत्मनिर्भर न होते, तो क्या ऑपरेशन सिंदूर इतनी तेजी से कर पाते। इसी कारण दुश्मन को पता भी नहीं चला कि कौनसा हथियार उन्हें खत्म कर रहा, उन्होंने दो ऐलान किए जीएसटी घटेगा, आज से रोजगार वाली नई योजना (1)जीएसटी रिफॉर्म: इस दिवाली पर सरकारजीएसटी रिफॉर्म ला रही है। इससे आम लोगों को टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी।(2)23.5 करोड़ नौजवानों को रोजगार:आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले बेटे-बेटी को 15 हजार रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। कंपनियों को भी जो ज्यादा रोजगार जुटाएगा, उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह योजना करीब 3.5 करोड़ नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर बनाएगी।

साथियों बात अगर हम 79 में स्वतंत्रता दिवस के लाल किला समारोह में आमंत्रित को की करें तो85 गांवों के सरपंच हुए विशेष मेहमान,इस साल समारोह में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 85 गांवों के 210 सरपंचों को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया था जो रेखांकित करने वाली बात है।

साथियों बात अगर हम 79 वाँ स्वतंत्रता दिवस वैश्विक स्तरपर मूल भारतीयों द्वारा मनाए जाने की करें तो, यूएसए में भारतीय समुदाय, विशेषकर ब्रॉवर्ड सेंटर, में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, संगीत और खान-पान के कार्यक्रम आयोजित किए गए, साथ ही कई भारतीय रेस्तरां ऑफर्स भी पेश कर रहे थे।इसी दौरान, सिंगापुर और स्लोवाकिया के राजनयिकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ भेजीं, सिंगापुर के उच्चायुक्त ने “हैप्पी 79 वाँ इंडिपेंडेंस डे” की बधाई दी, वहीं स्लोवाकिया के राजदूत ने समृद्धि, शांति और सौभाग्य की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।सिंगापुर के उच्चायुक्त ने “हमारी दोस्ती और 60-वर्षीय द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती की आशा” व्यक्त की, जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने द्विपक्षीय सहयोग और भारत-सिंगापुर साझेदारी पर प्रकाश डाला ।इन उत्सवों ने यह साबित कर दिया कि भारतीय स्वतंत्रता दिवस केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में फैले भारतीयों के गर्व, पहचान और एकता का वैश्विक उत्सव बन चुका है। तिरंगे की छांव में, चाहे न्यूयॉर्क की भीड़ हो या लंदन का स्क्वायर, पेरिस की नदी हो या बर्लिन की ऐतिहासिक दीवार—हर जगह भारत की आत्मा और उसके स्वतंत्र होने का जश्न गूंजता लगातार रहा।

साथियों बात अगर हम देश के कोने-कोने में आजादी व देशभक्ति की की लहर की करें तो देशभर में सुबह से ही स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी संस्थानों में ध्वजारोहण के कार्यक्रम आयोजित हुए।बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए, रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, और आज़ादी के मतवालों की कहानियों पर नाटक प्रस्तुत किए। गली-गली और गाँव-गाँव में घरों की छतों पर तिरंगे लहराते दिखाई दिए। बाज़ारों में मिठाइयों की महक और सजावट की रौनक देखते ही बनती थी। सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी तिरंगे के रंगों में रंगा हुआ था, जहाँ लोग स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ साझा कर रहे थे।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 79 वाँ सवतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 का आगाज़-ट्रंप को संदेश, आरएसएस का जिक्र रोजगार योजना आत्मनिर्भरता, मेड इन इंडिया, नक्सलवाद और अवैध घुसपैठियों को सन्देश, राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान के साथ पूरे देश में एक स्वर में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के जयघोष गूँज उठे, 79 वाँ स्वतंत्रता दिवस केवल एक उत्सव नहीं बल्कि भारत की उपलब्धियों चुनौतियों व भविष्य की योजनाओं का प्रतीक बनकर उभरा।