‘‘भारतीय कृषि का स्वदेश व वैश्विक समृद्वि में योगदान‘‘ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : ‘‘भारतीय कृषि का स्वदेश व वैश्विक समृद्वि में योगदान‘‘ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभागार में हुआ। संगोष्ठी का आयोजन भारतीय एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर, भारतीय किसान संघ व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मारीशस के मनीष गोबिन अटॉर्नी जनरल व मंत्री एग्रो इंडस्ट्री एवम फूड सिक्योरिटी रहें। कार्यक्रम में अतिथी, डॉ. जलपथी राव, ऑल इंडिया चेयरमैन बी.ए.ई.आर.सी, भारतीय किसान संघ के ंअखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकरणी, डॉ. टी. महापात्रा, सचिव, कृषि अनुसंधान व शिक्षा विभाग एवम महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, डॉ. मकरंद करकरे, बी.ए.ई.आर.सी. एवम डॉ. एके सिंह डिप्टी डायरेक्टर जरनल विस्तार आई.सी.ए.आर रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की। सभी अतिथियों का फूलों का गुलदस्ता, मोमेंटो व शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि भारत देश कृषि प्रधान देश है। समय के अनुसार उपयुक्त निर्णय लेकर कृषि में सुधार किए जा रहे हैं। दुनिया भर को कृषि में जिस उत्पाद की आवश्यकता है, उस पर काम करने की जरूरत है केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि भारत तब विकसित होगा, जब कृषि क्षेत्र में मजबूत होगा और अर्थव्यवस्था ठीक होगी। तभी भारत किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना दौर में भी किसानों को फसल कटाई व फसल बुआई के लिए संकट का समय था फिर भी किसानों ने कोरोना नियमो का पालन करते हुए अपना काम किया और गत वर्ष से ज्यादा फसल पैदा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को सर्वश्रेष्ठ व खुशहाल बनाने के लिए गांव, गली व किसान के विकास को प्राथमिकता में रखा है। तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा। आज भारत उन्नत किसानी के तौर पर विकसित हो रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में युवा आकर्षित हो और खेती लाभ का क्षेत्र बने। इस पर सरकार कार्य कर रही है। नरेंद्र तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाने के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को बढावा देने की ज़रूरत पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढावा देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 38 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में जैविक तथा चार लाख हैक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती हो रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार मृदा स्वास्थ्य देखभाल योजना को कार्यान्वित कर रही है। जिसके अन्तर्गत 22 करोड मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को जारी कर दिये गये हैं। हम पाम ऑयल मिशन में सफल हो रहे है, 11 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। तिलहन की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 हजार एफपीओ बनाने की तैयारी कर रहे है, जिस पर 6,865 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। भारत देश खाद्यान, कृषि उत्पादों के लिए दूसरे स्थान पर है, हमे पहले स्थान पर आना होगा। आज किसान का बेटा भी किसानी से जुड़कर युवा भारत के कृषि कल्याण क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।

कृषि उद्योग और खाद्य सुरक्षा मंत्री मॉरीशस मनीष गोबिन ने कहा कि मैं किसान परिवार से संबंध रखता हूं और गन्ने की खेती करने वाला आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं। किसानों को प्रशिक्षण के साथ शिक्षा का ज्ञान जरूरी है। हमें कृषि उत्पादकता की तरफ ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि फूड सिक्योरिटी के साथ अर्थव्यवस्था की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। मनीष गोबिन ने कहा कि भारत देश को भुखमरी की तरफ काम करने की जरूरत है और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाना बहुत ही जरूरी है। आज हम आजादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं। फूड सिक्योरिटी पर रणनीति बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्षी विदेश नीति से भारत के संबंध अन्य देषों से बढ़े हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत देश का नाम आज गर्व के साथ लिया जाता है।

इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने किसान संघ की रीति नीति पर प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि हम हमेषा मिट्टी के स्वास्थ की चिंता करते हैं। प्रारंभ से ही हम जैविक खेती के लाभ, उसका पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पर कार्य कर रहे है। उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय संगोश्ठी के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आज विश्व भारत की ओर देख रहा है और हमारा भी विश्वास है कि भारत की यह भूमि वसुदेवकुटुम्बकम की मान्यता को चरितार्थ करते हुए विश्व का उदरपोषण करेगा।

पूर्व में पदमश्री प्रोफेसर रतन लाल, यू एस ए, जापान पुरुस्कार (2019) विजेता और दा वर्ल्ड फ़ूड प्राइज (2020), ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विश्व परिदृश्य में भारत की कृषि और सम्भावनाओं पर विचार रखे।

इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, महानिर्देशक डॉ टी मोहपात्रा, उपमहानिर्देशक, डॉ ए के सिंह, भारतीय एग्रो इकनोमिक रिसर्च संेटर के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ जलपति रॉव ने भी कार्यक्रम को संवोधित किया।

भारतीय एग्रो इकनोमिक रिसर्च संेटर के डॉ मकरंद करकरे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डा आषुतोष मुरकुटे ने किया।