- पहला स्वर्ण जीतना है तो भारत को योजना पर काबिज रह सर्वश्रेष्ठï देना होगा
- जो भी टीम मौके भुनाएगी, धैर्य दिखाएगी जीत उसी के हिस्से आएगी
- ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह होंगे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तुरुप के इक्के
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : दो बार की उपविजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सामने बर्मिंघम में राष्टï्रमंडल खेलों के फाइनल में सोमवार अब तक अजेय और पिछली लगातार छह बार की विजेता ऑस्ट्रेलिया की टीम होगी। भारत के कप्तान मनप्रीत सिंह और उसके ऑस्ट्रेलियाई चीफ कोच ग्राहम रीड सहित पूरी भारतीय पुरुष हॉकी टीम की रणनीति की फाइनल में अग्नि परीक्षा होगी। भारत के लिए सेमीफाइनल तक पांच मैचों में नौ गोल करने वाले ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ऑस्टे्रेलिया के खिलाफ उसकी तुरुप के इक्के होंगे।1998 के राष्टï्रमंडल खेलों में हॉकी को पहली शामिल किए जाने के बाद भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 2002 के मैनचेस्टर के संस्करण को छोड़ कर मौजूदा संस्करण सहित सभी में शिरकत की है। भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया की पुरुष हॉकी टीम एक पहेली ही रही है और वह 2010 में अपने घर दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया से फाइनल में 0-8 से और 2014 में गलास्गो में0-4 से हारी । भारत को 2010 के संस्करण में पूल में ऑस्ट्रेलिया से 2-5 और 2014 में 2-4 से हार झेलनी पड़ी। भारत की पुरुष हॉकी टीम को ऑस्ट्रेलिया के अजेय दुर्ग को फाइनल में भेद कर राष्टï्रमंडल खेलों में अपना पहला स्वर्ण जीतना है जो उसे अपनी योजना पर काबिज रह कर अपना सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन करना होगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों को ही अपने अपने पूल में शीर्ष पर रहने के बाद जिस तरह सेमीफाइनल जीतने में पसीना बहाना पड़ा उससे संकेत साफ है कि फाइनल में जो टीम भी मौकों को भुनाएगी और धैर्य कायम रखेगी जिस उसी के हिस्से आएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि अब तक के राष्टï्रमंडल खेलों में क्या भारतीय पुरुष हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया को पहली और वह भी फाइनल में शिकस्त दे इतिहास बदल कर खिताब जीत पाएगी।
अभिषेक, मनदीप सिंह और जुगराज सिंह के एक एक गोल से भारत ने सेमीफाइनल में जुझारू दक्षिण अफ्रीका को 3-2 से हराया। ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान इंग्लैंड से 0-2 से पिछडऩे के बाद गजब की वापसी करते हुए ब्लैक गोवर्स, जैकब एंडरसन और डैनियल बील के गोल से 3-2 से जीत के साथ लगातार सातवीं बार फाइनल में जगह बनाई।
भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसकी अग्रिम पंक्ति में अनुभवी ललित उपाध्याय, आकाशदीप, मनदीप और गुरजंट के साथ अभिषेक बेहतरीन तालमेल से खेले और इन सभी को मध्यपंक्ति में कप्तान मनप्रीत,विवेक सागर,नीलकांत का खूब सहयोग मिला है लेकिन बदकिस्मत से हार्दिक सिंह टुकड़ों टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन कर पाए हैं। भारत के सबसे उत्साहवद्र्बक बात यह है कि उसके और दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह (9) और जुगराज (3) पेेनल्टी कॉर्नर पर खूब गोल कर रहे हैं। भारत की अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ी मनदीप सिंह(5), आकाशदीप सिंह (3) , अभिषेक (2) के साथ ललित, शमशेर, नीलकांत, वरुण ने एक -एक किया। वही ऑस्ट्रेलिया के लिए उसके दोनों ड्रैग फ्लिकर ब्लैक गोवर्स(6), जेरमी हेवर्ड(6)के साथ स्ट्राइकर नैथन एप्रउम्स (4), टॉम विकहैम(4) और जैकब एंडरसन (3) और एरेन जेलवस्की(3) खूब गोल कर रहे हैं। भारत ने अब तक सेमीफाइनल सहित पांच मैचों में जो कुल 30 गोल किए उनमें उसके नौ अलग अलग खिलाडिय़ों ने गोल किए। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल सहित अपने पांच मैचों में जो 32 गोल किए वे दस अलग अलग खिलाडिय़ों किए है। भारत की पुरुष हॉकी टीम को को फाइनल जिस स्वर्ण पदक जीतना है कि उसे इंग्लैंड के खिलाफ पूल बी में अपने दूसरे मैच और सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी दो क्वॉर्टर में दिखाई ढील से बचना होगा। ललित, अभिषेक और आकाशदीप के शॉट को डी के भीतर दक्षिण अफ्रीका के गोलरक्षक गोवन जोंस ने बेहतरीन बचाव किए अन्यथा भारत यह सेमीफाइनल बिना संघर्ष के जीत लेता। दोनों टीमों को मौके मिले लेकिन पहले क्वॉर्टर में गोल नहीं। दक्षिण अफ्रीका के मैथ्शू गुइस ब्राउन की कई कोशिश को दूसरे क्वॉर्टर में नाकाम किया।
टीम के रूप में बढिय़ा खेले तो स्वर्ण जीतने का मौका : ग्राहम रीड
भारत के चीफ कोच ग्राहम रीड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, ‘हम मौजूदा राष्टï्रमंडल खेलों अब तक ïअपनी योजना और बेसिक्स पर काबिज रहे हैं। हमेंं फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी इसी तरह अपनी योजना और बेसिक्स पर काबिज रहना होगा। हम अपनी ताकत के मुताबिक खेलने के साथ बतौर टीम बेहतरीन खेल दिखाना होगा। हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में एक टीम के रूप में बढिय़ा खेले तो हमारे पास स्वर्ण पदक जीतने का बढिय़ा मौका रहेगा।’
फाइनल में भी हमें अपना सर्वश्रेष्ठï देना होगा : मनप्रीत सिंह
भारत के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, ‘ 2018 में गोल्ड कोस्ट में पिछले राष्टï्रमंडल खेलों में अपनी हार से हमने जो कई अच्छी सबक लिए उन्हें बर्मिंघम में मौजूदा संस्करण में आजमाया। इनमें हमारे लिए एक बड़ा सबक था कि हमें किसी भी टीम को कम नहीं आंकना है। हर टीम अपना सर्वश्रेष्ठï करने के मकसद से टूर्नामेंट मे खेलने उतरती है। हमें इसीलिए हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठï देना है और हमने मौजूदा राष्टï्रमंडल खेलों में अपने फाइनल तक के सफर में यही किया है।फाइनल में भी हमें अपना सर्वश्रेष्ठï देना होगा।’
सोमवार को फाइनल का समय : भारत वि. ऑस्ट्रेलिया( शाम पांच बजे से)